एमएमआर वैक्सीन से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी जान लें
बच्चे को मीजल्स, मम्प्स और रूबेला इन तीन खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए एमएमआर वैक्सीन लगवाना जरूरी होता हैI
MMR Vaccine: एक माँ अपने बच्चे के जन्म के बाद उसे कितना भी सुरक्षित क्यों ना रखे लेकिन बच्चे को कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता हैI ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि बच्चे को जरूरी वैक्सीन समय-समय पर लगवाया जाए ताकि बच्चा सुरक्षित रहे और बीमारियाँ उससे कोसो दूर रहेंI बच्चे को लगने वाले वैक्सीन में एमएमआर वैक्सीन सबसे महत्वपूर्ण होता हैI एमएमआर वैक्सीन इसे मीजल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन के नाम से भी जाना जाता हैI बच्चे को मीजल्स, मम्प्स और रूबेला इन तीन खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए एमएमआर वैक्सीन लगवाना जरूरी होता हैI यह तीनों ही गंभीर बीमारी होते हैं और कुछ मामलों में ये बीमारी बच्चे के लिए घातक भी साबित होते हैंI इसलिए अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए एमएमआर वैक्सीन लगवाना जरूरी हैI यह वैक्सीन मौरिस हिलमैन द्वारा विकसित की गई है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ट्राईसिवैक द्वारा बेचा जाता हैI
एमएमआर वैक्सीन की रासायनिक संरचना-MMR Vaccine Composition in Hindi
एमएमआर या मीजल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन, आपके बच्चे को इन तीन बीमारियों से बचाने का सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीका हैI एमएमआर वैक्सीन तीन टीकों का एक कॉम्बिनेशन हैI यह संक्रमण को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को माइक्रोआर्गेनिज्म के खिलाफ सक्रिय करता हैI मॉल्स वैक्सीन (लाइव) (1000सीसीआईडी50), मम्प्स वायरस वैक्सीन (5000सीसीआईडी50), रूबेला (खसरा) वैक्सीन (लाइव) (1000सीसीआईडी50) एमएमआर वैक्सीन के मुख्य घटक होते हैंI इसे रेफ्रिजरेटर में 2 – 8 डिग्री सेल्सियस में रखा जाता है, लेकिन इसे कभी भी फ्रीज़ नहीं किया जाता हैI
एमएमआर वैक्सीन का उपयोग-MMR Vaccine uses in Hindi
एमएमआर वैक्सीन की पहली खुराक बच्चे को जन्म के बाद 12 से 15 महीने का हो जाने के बाद दी जाती हैI बच्चे को इसकी दूसरी खुराक 4 से 6 साल की उम्र में दिया जाता हैI अगर किसी कारण से छोटे बच्चे को किसी दूसरे देश में यात्रा करना पड़ता है तो उसे 6 माह से 11 महीने का होने तक कम से कम एमएमआर की एक खुराक जरूर दिलानी चाहिएI साथ ही 1 साल का हो जाने पर बच्चे को दूसरे देश में यात्रा से पहले एमएमआर की दोनों खुराक दिलानी चाहिएI एक साल या उससे अधिक उम्र के जिन बच्चों ने एमएमआर की एक खुराक ली होती है, उनको भी गलसुआ यानी मम्प्स होने का खतरा अधिक होता हैI इसलिए बच्चे को एमएमआर की अन्य सभी खुराक लेना जरूरी होता हैI
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एमएमआर वैक्सीन के फायदे- MMR Vaccine Benefits in Hindi
खसरा से बचाव
खसरा यानी कि मीज़ल्स, यह एक वायरल इन्फेक्शन होता है जो श्वसन तंत्र में शुरू होता हैI इसके बाद इसकी वजह से त्वचा पर चकत्ते आने लगते हैं, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैI इसमें प्रभावित व्यक्ति को पहले थकान, बुखार, खांसी और नाक बहने जैसी समस्या होती है, इसके बाद आँखें लाल हो जाती हैं और मुंह के अंदर सफेद धब्बे होते हैं साथ ही 3 से 7 दिनों के अन्दर त्वचा पर चकते आने लगते हैंI यह इन्फेक्शन वाले व्यक्ति से संपर्क में आने और हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता हैI इस इन्फेक्शन से सुरक्षा प्रदान करने में एमएमआर वैक्सीन काफी लाभकारी हैI यह वैक्सीन शरीर को इस बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने में मदद करती हैI
रूबेला से बचाव
रूबेला, इसे “जर्मन खसरा” के रूप में भी जाना जाता हैI रुबेला एक वायरल इन्फेक्शन है जिससे शरीर पर लाल रैशज होते हैंI यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने व खांसने से हवा में फैलने वाले ड्रॉपलेट से एकदूसरे में फैलता हैI ऐसा देखा गया है कि रूबेला ज़्यादातर बच्चों और युवाओं में फैलता हैI रूबेला का संक्रमण होने पर बच्चों में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, अस्वस्थता, दाने, लासिका ग्रंथि का बढ़ना, सांस फूलना और आँख आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैंI ऐसा भी हो सकता है कुछ रोगियों में दाने ना आएंI इसके लक्षणों में गठिया, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और एन्सेफलाइटिस शामिल होता हैI अगर कोई गर्भवती महिला को रूबेला संक्रमण होता है तो गर्भपात होने की संभावना ज्यादा होती है, साथ ही मृत बच्चे का जन्म या गंभीर जन्म दोष वाले बच्चे पैदा हो सकते हैंI इसलिए रूबेला से बचाव के लिए समय से एमएमआर वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिएI
मम्प्स से बचाव में
मम्प्स इसे गलसुआ भी कहा जाता हैI यह वायरल से फैलने वाली बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैI मम्प्स में चेहरे पर काफी सूजन आ जाता हैI ऐसा लार ग्रंथि में सूजन आने के कारण होता हैI जिसकी वजह से काफी दर्द होता है, खासकर कुछ भी खाने या बात करने के दौरानI एमएमआर वैक्सीन के द्वारा मम्प्स से सुरक्षा प्रदान किया जाता हैI
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एमएमआर वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स व नुकसान- MMR Vaccine Side Effects in Hindi
- बाकि सभी अन्य दवाईयों की तरह ही एमएमआर वैक्सीन के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैंI इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स ज्यादा हानिकारक नहीं होते हैं और जल्दी ही ठीक भी हो जाते हैंI
- इस वैक्सीन के बाद इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है और उस जगह पर फोड़े की भी समस्या हो सकती हैI
- कुछ बच्चों में इस वैक्सीन के बाद बुखार भी आ सकता है और ये बुखार कम से कम 4-5 दिन तक रहता हैI इसलिए वैक्सीन के बाद बुखार आने पर घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन अगर शरीर का तापमान बहुत ज्यादा हो जाए तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएँI
- बच्चों की त्वचा काफी संवेदनशील व नाजुक होती है इसलिए उनमें इस वैक्सीन के बाद हल्के रैशेज भी हो सकते हैंI
- इसकी वजह से मांसपेशियों में कुछ समय के लिए ऐंठन की भी समस्या हो सकती हैI
- वैक्सीनेशन के 1 से 2 सप्ताह के बाद कुछ बच्चों में ददोरे की समस्या हो सकती है, जो आमतौर पर खुद से कुछ दिनों के बाद गायब हो जाते हैंI
- इसकी वजह से छोटे बच्चों में गाल के पीछे लार ग्रंथियों में अस्थायी सूजन या फिर लसीका ग्रंथियों में सूजन हो सकता हैI
एमएमआर वैक्सीन का इस्तेमाल कैसे करें- How to Take MMR Vaccine in Hindi
एमएमआर वैक्सीन इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता हैI आप इसका इस्तेमाल खुद से नहीं कर सकते हैI यह हमेशा किसी डॉक्टर या नर्स के द्वारा ही आपको इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता हैI कभी गलती से भी भूल कर इसे खुद से लेने का प्रयास ना करें और ना ही किसी दूसरे व्यक्ति को भी देने की कोशिश करेंI
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एमएमआर वैक्सीन की कीमत-MMR Vaccine Price
एमएमआर वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाई जाती है, लेकिन अगर आप इसे किसी प्राइवेट अस्पताल में लगवाने जाते हैं तो इसकी कीमत हजारों में होती हैI इसलिए लगवाने से पहले कीमत की जांच-पड़ताल अवश्य कर लेंI
एमएमआर वैक्सीन के विकल्प-MMR Vaccine Substitute in Hindi
इस टीके का कोई उचित विकल्प नहीं हैI इन बीमारियों से बचने का यह एक मात्र उपाय हैI इसलिए अगर कभी कोई आपको इसके विकल्प के बारे में सुझाव दे तो उस पर बिलकुल यकीन ना करें और ना ही लगवाने की कोशिश करेंI
एमएमआर वैक्सीन से जरूरी बातें- Important Information about MMR Vaccine
- यह वैक्सीन डॉक्टर द्वारा त्वचा के अंदर या मांसपेशियों में इन्जेक्शन के द्वारा दिया जाता हैI
- इसे उन सभी बड़े बच्चों, किशोरों और वयस्क लोगों को भी दिया जा सकता है जिन्हें बचपन में टीका नहीं लगा हो या फिर जिन्होनें इस टीके की दो खुराक नहीं लगवाई होI
- जब आप अपने बच्चे को यह टीका लगवाने जा रही हैं और अगर आपके बच्चे को पहले से ही हल्का सा बुखार है तो कभी ये ये टीका उस समय ना लगवाएं क्योंकि टीका लगने के बाद बच्चों में हल्का बुखार आ सकता हैI जब आपका बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित हो जाए तभी ये टीका लगवाएंI
- अगर आप प्रेगनेंट हैं तो एमएमआर वैक्सीन नहीं लगवाएंI साथ ही वैक्सीन लगवाने के एक महीने बाद तक प्रेगनेंट होने से बचेंI
- इस वैक्सीन को लगवाने के बाद बुखार आना सामान्य है लेकिन अगर आपका बुखार 102 डिग्री फैरेनहाइट से ज्यादा बढ़ जाता है तो बिना देर किये हुए डॉक्टर को दिखाएँI
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अस्वीकरण
इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैंI गृहलक्ष्मी इनकी पुष्टि नहीं करताI इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करेंI
FAQ | क्या आप जानते हैं
क्या एमएमआर वैक्सीन से बच्चे में ऑटिज्म हो सकता है?
भारत में एमएमआर का टीका किस उम्र में लगाया जाता है?
एमएमआर वैक्सीन का क्या उपयोग है?
एमएमआर वैक्सीन कौन नहीं ले सकता है?
एमएमआर वैक्सीन का असर कितने समय तक रहता है?
क्या एमएमआर वैक्सीन लगने के बाद भी बच्चे को मम्प्स या रूबेला का संक्रमण हो सकता है?