जरूरी है पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना: Importance of Protein
Importance of Protein

Importance of Protein: प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल फैट्स और कार्बोहाइड्रेट की तरह यह शरीर में जमा नहीं हो सकते, इसलिए प्रोटीन की प्रचुर मात्रा रोजाना लेना बहुत जरूरी है।

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आप प्रोटीन की मात्रा को चेक करें और ध्यान दें कि क्या आप प्रचुर मात्रा में प्रोटीन ले रहे हैं या नहीं। अपनी प्लेट में रोज़ाना संतुलित आहार लें ताकि सेहत से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सके और बेहतर जिंदगी बिताई जा सके।

शरीर में अगर प्रोटीन की कमी हो जाए तो शरीर की मांसपेशियों का फैट कम होने लगता है। इसके अलावा शरीर का प्रत्येक अंग प्रोटीन से बना होता है, इसलिए शरीर की कोशिकाओं व अंगों के रखरखाव और रिजनरेशन के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। अगर हम अंगों की बात करें तो बालों से लेकर हार्मोन, एंटीबॉडीज से नसों और हिमोग्लोबिन से लेकर हड्डियों तक सभी अंगों के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है।

यह बहुत अफसोसजनक है हम में से बहुत से लोग प्रोटीन की कमी के रिस्क से जूझ रहे है। खासतौर से बढ़ती उम्र के टीनएजर्स, फिटनेस की चाहत रखने वाले लोग और एथलीट, जो नियमित कसरत करते है, क्योंकि वह बहुत ज्यादा कैलोरी बर्न करते हैं और मांसपेशियां बनाने के लिए प्रोटीन का ज्यादा इस्तेमाल करते है। इसके अलावा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, क्योंकि उन्हें प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है और साथ ही शाकाहारी लोगों को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता। बुजुर्गों में उम्र के साथ पाचनक्रिया और प्रोटीन का इस्तेमाल करने की ताकत कम हो जाती है। जो लोग गंभीर बीमारियों से या चोट से उबर रहे हैं, उन्हें सामान्य लोगों से डेढ़ गुना ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता पड़ती है। जो लोग शारीरिक व मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, उनमें तनाव की वजह से हार्मोन तेज़ी से मांसपेशियां और टिशू को तोड़ते है। जो लोग वज़न कम करने की डाइट ले रहे है, उन्हें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन लेना जरूरी है, ताकि ब्लड शूगर संतुलित रहे और मांसपेशियों को टूटने से बचाया जा सके। जिन लोगों को पाचन की समस्या होती है या पेट के एसिड कम (प्रोटीन को पचाने के लिए पेट में प्रचुर मात्रा में एचसीएल एसिड की जरूरत होती है) हो, उन्हें प्रोटीन डाइट पर ध्यान देना चाहिए। इस लिस्ट में महिलाओं को प्रोटीन डाइट पर सख्त ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वे प्रोटीन बहुत कम लेती हैं। अगर आप इन में से किसी भी कैटेगरी में नहीं आते तो भी आपको प्रोटीन डाइट सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रोटीन की कमी से होने वाले लक्षणों में मेटाबॉलिज्म का सुस्त होना, मांसपेशियों के मांस का नुकसान, ऊर्जा के स्तर में कमी, थकावट, सुस्त रहने की वजह का पता न चलना, दिमाग अस्पष्ट होना, एकाग्रता की कमी, मूड का बार-बार बदलना, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जख्मों का धीरे भरना और इम्युनिटी कम होना है।
संतुलित डाइट खाएं, ताकि प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिल सकें, लेकिन इसके साथ प्रोटीन की क्वालिटी व मात्रा दोनों को सुनिश्चित करना जरूरी है। हमारे शरीर के लिए जो नौ जरूरी अमिनो एसिड चाहिए होते हैं, वे सभी खाद्य पदार्थों में नहीं होते। कई शाकाहारी (अनाज और दालों) भोजन में जो प्रोटीन होते हैं, वे अधूरे (कुछ अमिनो एसिड नहीं होते) होते है। गौरतलब है कि हमारा ज्यादातर खाना भारतीय होता है, जोकि शाकाहारी है तो हमारी डाइट में प्रोटीन की गुणवता बहुत कम होती है। अगर आपको अपने खाने से प्रोटीन नहीं मिल रहा तो उच्च गुणवता के प्रोटीन युक्त सप्लिमेंट लेने की जरूरत है, ताकि आहार के इस गैप को भरा जा सके।
जब आप सप्लिमेंट चुनें तो इस ओर बहुत ध्यान दें। कुछ प्रोटीन पाउडर में बहुत ज्यादा प्रोटीन होता है जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए ऐसे सप्लिमेंट लेने चाहिए, जिसमें 8 से 12 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन प्रति सॄवग मिलें। अगर एक बार में ही अतिरिक्त खा लिया जाए तो वह ऊर्जा फैट्स या कार्बोहाइड्रेट में बदल जाएगा।
इसके साथ यह बताना बहुत जरूरी है कि प्रोटीन दो तरह के होते हैं- इंटेक्ट और हाइड्रोलाइज्ड। ज्यादातर प्रोटीन युक्त खाना या सप्लिमेंट में इंटेक्ट प्रोटीन मिलता है, लेकिन कुछ आधा पचा हुआ हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन देते है। यह फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि यह इंटेक्ट प्रोटीन के टूटने से अमिनो एसिड और छोटे प्रोटीन के मिश्रण में बदल जाता है, जो शरीर को पचाने में आसानी होती है। इससे अमिनो एसिड पेट से मांसपेशियों में जल्दी पहुंचते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो कसरत करते हैं, एथलीट, बच्चों व वयस्क दोनों के मांसपेशियों को मजबूत करने और कसरत से होने वाली मांसपेशियों की क्षति को रिकवर करते हैं। यह प्रोटीन बुजुर्ग लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इसे आसानी से पचाया जा सकता है। साथ ही हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन कम एलर्जी वाले होते हैं। यह छोटे बच्चों के लिए भी अच्छा है जिन्हें खाने से एलर्जी का रिस्क ज्यादा होता है, इसलिए जब भी प्रोटीन सप्लिमेंट चुने तो उसके लेबल को ध्यान से पढ़ें।