हमारा शरीर कोशिकाओं से बना है, जो किसी भी कोशिका की क्षति से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐस में ऑक्सीकरण कोशिकाओं में होने वाला चेन रिएक्शन है जो सभी कोशिकाओं को क्षति या अंत की तरफ ले जाता है। लेकिन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को समाप्त करने में मदद करते हैं जिससे कोशिकाओं को स्वस्थ रखा जा सकता हैं। यू भी कह सकते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को बंद करने वाला एक अणु है। एंटीऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने के साथ ही साथ कई तरह की समस्याएं जैसे सूजन, डायबिटीज, हार्ट की समस्या व दृष्टि दोष को दूर करने का काम करते हैं। इसके अलावा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार और फायदों के बारे मं आइए जाते हैं विस्तार सें।
ग्रीन टी
इसमें मौजूद तत्व ऑक्सीकरण को रोकते हैं। ग्रीन टी का सेवन वजन कम करने में भी मदद करता है। रोजाना तीन कप ग्रीन टी पीने से आप शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम कर सकते हैं। ग्रीन टी को उसके कैंसर रोधी गुणों की वजह से भी जाना जाता है।
ब्राउन राइस
ब्राउन राईस में प्रचुर मात्रा में एंटीआॅक्सीडेंट गुण पाए जाते है। दरअसल, ब्राउन राइस में कैलारी की मात्रा बहुत कम होती है और यह ग्लूटन फ्री होता है। इसके अलावा ब्राउन राइस में पॉलीफिनॉल नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट मौजूद है, जो ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोकने में मदद करता हैं।
तरबूज
सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक, तरबूज भी एंटीऑक्सिडेंट का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। तरबूज ग्लूटेथियॉन का समृद्ध स्रोत होने के कारण विषाक्त पदार्थों से कोशिकाओं की रक्षा करता है। इसके अलावा यह विटामिन सी का भी बहुत अच्छा स्रोत होने के कारण एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है।
नींबू
नींबू सिट्रस परिवार के अंतर्गत आता है। पीले रंग के इस फल में मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट का शक्तिशाली स्रोत है। नींबू एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है। नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके स्वास्थ्य, बालों और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 
स्ट्रॉबेरी
विटामिन सी से भरपूर स्ट्रॉबेरी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को खत्म कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। एक कटोरी स्ट्रॉबेरी के नियमित सेवन से कई रोगों से बचाव होता है।
नट्स
नट्स यानी सूखे मेवे विटामिन ई का समृद्ध स्रोत हैं और यह आपके शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट की आपूर्ति करने वाले आहार का सबसे अच्छा स्रोत हैं। विटामिन सी के विपरीत, विटामिन ई, लीवर में फैट के साथ साथ शरीर में जमा किया जा सकता है। 
ब्रोकली
इसका हर पौधा, विटामिन सी से भरपूर होता है जिसके कारण यह एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। विटामिन सी के अलावा ब्रोकली में सेलेनियम भी होता है। सेलिनियम मानव शरीर की कोशिकाओं के नुकसान से लड़ने में मदद करता है। 
अंडे
अंडा दुनिया भर में पसंद किया जाने वाला सबसे आम आहार है। डॉक्टर भी हर रोज एक अंडा खाने की सलाह देते हैं। इसमें मौजूद विटामिन ई ऑक्सीकरण प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए आवश्यक होता है। 
मछली
मछली में सेलेनियम की उच्च मात्रा और केमिकल पाया जाता है, यह शरीर की कोशिकाओं को किसी भी रूप में क्षतिग्रस्त होने से बचाने में मदद करती है। मछली की तरह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त राशि बनाये रखने के लिए विभिन्न प्रकार की मछलियों का उपभोग भी कर सकते हैं।  
बीन्स
बीन्स कुछ और नहीं बल्कि पौधे के बीज होते है। जिनमें सिस्टीन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो शरीर से मुक्त कणों को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही बीन्स फैट से मुक्त होने के कारण मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। 
रेड वाइन
काले रंग के अंगूर से तैयार रेड वाइन में पॉलीफिनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में मौजूद होता हैं। इसके चलते यह मानव शरीर में ऑक्सीकरण प्रक्रिया से निपटने में मदद करता है। 
पका केला
आमतौर पर हम पके केले को डस्टबिन में फेंक देते हैं। लेकिन पका हुआ  केला एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत है। जो शरीर में ऑक्सीकरण प्रक्रिया को नियंत्रित करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है।
लहसुन 
लहसुन का सेवन औषधि के रूप में भी किया जाता है क्योंकि इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने तथा बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। लहसुन में मौजूद सेलेनियम, आयरन, और ज़िंक हाई बीपी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। 
अनार 
अनार में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण शरीर के टोकिं्सस को बाहर निकलता हैं। अनार इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इस का रोजाना सेवन कैंसर जैसी बीमारी को होने से रोकता है।
एंटीऑक्सीडेंटसःखाद्य पदार्थों के फायदे
सूजन को कम करें 
नियमित आहार में एंटीऑक्सीडेंट की कमी के कारण सूजन व कई अन्य तरह के रोग हो सकते हैं। प्रकृति से मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स को दवाओं के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीकरण प्रणाली को ठीक करता है, इस प्रक्रिया में सूजन कम हो जाती है।
हृदय को रोग मुक्त रखें 
एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग के लिए घातक फ्री रेडिकल्स को सामान्य अवस्था में ले आता है। इस तरह के एंटीऑक्सीडेंट को आप आहार से प्राप्त कर सकते है। एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी सकारात्मक तरीके से ठीक करता है।
आंखों को स्वस्थ रखें  
एंटीऑक्सीडेंट उम्र के साथ आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के खतरे को 25 प्रतिशत तक कम कर देते हैं। यह विटामिन सी के मुकाबले 65 प्रतिशत अधिक प्रभावशाली होता है। यह मोतीयाबिंद की समस्या से भी आपको दूर रखते हैं।
डायबिटीज को नियंत्रित रखने में कारगर  
फ्री रेडिकल्स के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ग्लूकोस को अतिरिक्त लेने से भी कोशिकाएं खराब हो जाती है, जिसकी वजह से डायबिटीज हो जाती है। अध्ययन के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट इस स्थिति को काबू में रखते हैं। एंटीऑक्सीडेंट लेने से डायबिटीज के बाद होने वाली अन्य समस्याओं के खतरे भी कम हो जाते हैं। इसके अलावा एक अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि पोलीफेनॉल्स आपके खून से रक्त शकर्रा के स्तर को कम करता है।
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी – 
इसमें विटामिन सी और ई कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने से रोकते हैं। वृद्धावस्था में आपके मस्तिष्क की सीखने और स्मृति की हानि को कम करने के लिए कुएरसेटीं नामक एंटीऑक्सीडेंट यौगिक का इस्तेमाल किया जाता है। मस्तिष्क की नसों में वाले रोगों के जोखिम को दूर करने के लिए भी एंटीऑक्सीडेंट फायदेमंद साबित होते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है – 
विटामिन सी और ई, सेलेनियम, बीटा-कैरोटीन और जस्ता जैसे एंटीऑक्सीडेंट पोषक तत्वों से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। जिससे बैक्टीरिया और वायरस की वजह से होने वाले संक्रमण से शरीर सुरक्षित रहता हैं। 
एंटीऑक्सीडेंट की कमी से कई तरह के रोग हो सकते हैं। 
  • थकान
  • कमजोर याददाश्त
  • त्वचा और बालों में समस्याएं 
  • घाव भरने में परेशानी होना
  • वृद्धावस्था के समय शरीर अपनी क्षमता से कम एंटीऑक्सिडेंट का निर्माण करता है।
  • शराब को अधिक पीने व तंबाकू के धुएं के संपर्क में रहने से आपको कई रोग हो सकते हैं।  
  • पाचन क्रिया संबंधी समस्या होना।