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'5-4-3-2-1' ग्राउंडिंग तकनीक है। बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस आलिया भट्ट भी इसी तकनीक से अपनी एंग्जायटी को काबू में करती हैं। यह माइंडफुलनेस की ओर कदम बढ़ाने वाली एक तकनीक है।
Technique of Anxiety: आज के समय में शायद ही कोई ऐसा इंसान है जिसे चिंता न हो। चिंता सभी की जिंदगी को कहीं न कहीं प्रभावित कर रही है। एंग्जायटी अटैक के कारण लोगों को घबराहट होने लगती है। ऐसे में आप एक असरदार ग्राउंडिंग तकनीक को अपनाकर इस गंभीर स्थिति से राहत पा सकते हैं। क्या है यह ग्राउंडिंग तकनीक, आइए जानते हैं।
पा सकते हैं एंग्जायटी पर काबू

यह ग्राउंडिंग तकनीक है ‘5-4-3-2-1’। बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस आलिया भट्ट भी इसी तकनीक से अपनी एंग्जायटी को काबू में करती हैं। यह माइंडफुलनेस की ओर कदम बढ़ाने वाली एक तकनीक है। इससे चिंता को कम कर सकते हैं। घबराहट को काबू किया जा सकता है। हाल ही में मनोचिकित्सक डॉ. ध्रुति अंकलेसरिया ने 5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक के बारे में बताया।
समझिए ग्राउंडिंग तकनीक को
5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक चिंता को काबू करने का एक आसान तरीका है। सबसे पहले ध्यान लगाएं और गहरी सांस लेकर छोड़ें।
5 : सबसे पहले अपने आस-पास की पांच चीजों को ध्यान से देखें। जैसे नीला आसमान, बादल, पेड़, पौधे, कप, टेबल-कुर्सी, घड़ी कुछ भी आप देख सकते हैं। जहां आपकी नजरें आसानी से पहुंच सकें।
4 : अपने आस-पास की चार वस्तुओं को छूकर महसूस करें। आप अपने बाल, स्किन, कपड़े, दीवार, फर्श, गिलास आदि किसी भी चीजों को छूकर देखें।
3 : आप चाहे कमरे के अंदर बैठे हो या बाहर, कोई भी तीन आवाजों को सुनने की कोशिश करें। जैसे पक्षियों की चहचहाहट, पत्तों की आवाजें, पंखे की आवाज, घड़ी की आवाज, संगीत या किसी निर्माण कार्य की आवाज।
2 : इसके लिए आप दो गंध को सूंघने की कोशिश करें। जैसे फूलों की महक, चाय की खुशबू, परफ्यूम की खुशबू, पेंट की गंध आदि, जो भी आपके आस-पास आप महसूस करें। अगर आपके आस-पास कुछ और नहीं है तो आप बाथरूम में रखे साबुन या रसोई के मसालों की गंध सूंघें। या उन्हें महसूस करें।
1 : चिंता में हो तो कोई भी एक स्वाद चखें। आप कॉफी या नींबू के स्वाद के बारे में सोचें। या हो सके तो उनका स्वाद लें।
इसलिए काम करती है यह तकनीक
इस तकनीक से आपको तुरंत दो फायदे होते हैं। डॉ. ध्रुति कहती हैं एंग्जायटी अक्सर भविष्य को लेकर आपको परेशान करती है। लेकिन इस ग्राउंडिंग तकनीक से आप चिंता के कारणों को भूलकर वर्तमान पर फोकस कर पाते हैं। आपके मस्तिष्क की प्रतिक्रियाएं बदलती हैं और आपकी एंग्जायटी दूर होती है। इससे आप माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस कर पाते हैं। यह तकनीक एक थेरेपी की तरह काम करती है। जिससे आपकी टेंशन और एंग्जायटी दोनों ही दूर होती है।
कब कर सकते हैं आप इसे उपयोग
5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक का उपयोग आप कई स्थितियों में कर सकते हैं। अगर आपको मीटिंग से पहले घबराहट हो रही है या फिर डेट पर जाने से पहले आपको नर्वसनेस हो रही है तो आप इस ग्राउंडिंग तकनीक को अपना सकते हैं। इतना ही नहीं फ्लाइट या बोट के सफर में, स्टेज फियर को दूर करने में, या फिर किसी स्थिति में पैनिक अटैक महसूस होने में आप सिर्फ पांच मिनट में इस तकनीक से नॉर्मल हो पाते हैं। एंग्जायटी, टेंशन के साथ ही इस तकनीक से आप अपना गुस्सा भी कंट्रोल कर सकते हैं। फोबिया को दूर करने में भी यह कारगर है।
