Gestational Diabetes Diet: प्रेग्नेंसी में हर महिला को उसकी डाइट और लाइफस्टाइल से संबंधित सावधानियां बरतना बेहद जरूरी होता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंट महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसकी सलाह फर्स्ट ट्रेमिस्टर से ही लोग देने लगते हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अपने खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर नजर रखने की आवश्यकता होती है, खासकर यदि आपको गैसटेशनल डायबिटीज है। भारत में गैसटेशनल डायबिटीज का शिकार लगभग 13.6 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। इस स्थिति में अपनी और बच्चे की सेहत को ध्यान में रखते हुए विशेष डाइट प्लान का पालन करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल और फैट जैसे सभी जरूरी पोषक तत्वों को शामिल किया जाता है। लेकिन गैसटेशनल डायबिटीज में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसकी जानकारी होना भी महत्वपूर्ण है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है गैसटेशनल डायबिटीज

गैसटेशनल डायबिटीज, डायबिटीज का ही एक रूप है जो प्रेग्नेंसी के दौरान ही होती है। इस स्थिति में महिलाओं को सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ये समस्या आमतौर पर 24वें सप्ताह से लेकर 28वें सप्ताह के बीच शुरू होती है। गैसटेशनल डायबिटीज हाई ब्लड शुगर के रूप में चिन्हित होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान विकसित इंसुलिन रेसिसटेंस के परिणामस्वरूप होता है। हार्मोनल इमबैलेंस, जेनेटिक प्री-डिस्पोजिशन और अधिक वजन जैसे कारक इस डायबिटीज का कारण हो सकते हैं। गैसटेशनल डायबिटीज से पीडि़त महिलाओं में सिजेरियन डिलीवरी या फिर बच्चे में लो शुगर लेवल या पीलिया विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
गैसटेशनल डायबिटीज में किन चीजों को करें डाइट में शामिल
गैसटेशनल डायबिटीज आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है। हालांकि प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों की हेल्थ के लिए सावधानियां बरतनी आवश्यक होती हैं। गैसटेशनल डायबिटीज होने पर इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें ताकि संपूर्ण पोषण मिल सके।
लीन प्रोटीन
गैसटेशनल डायबिटीज होने पर ज्यादा से ज्यादा हेल्दी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। चिकन, फिश, टोफू और फलियां जैसे खाद्य पदार्थ अनहेल्दी फैट को कम करते हुए शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। लीन प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में सहायता करता है और बच्चे की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हाई फाइबर फूड
साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों जैसे डायट्री फाइबर को डाइट में मुख्य रूप से शामिल करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ हाई ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने और शरीर को एनर्जी देने में मदद करते हैं।
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लो फैट डेयरी प्रोडक्ट
गैसटेशनल डायबिटीज में दूध, लो फैट वाला दही व पनीर जैसे लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें। इससे आपको कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी प्राप्त होगा जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और बच्चे के विकास में भी योगदान देता है।
हेल्दी फैट्स
नट्स, एवोकाडो, सीड्स और ऑलिव ऑयल हेल्दी फैट्स के उदाहरण हैं जो ओवरऑल हेल्थ और हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
गैसटेशनल डायबिटीज में किन चीजों से करें परहेज

यदि आपको गैसटेशनल डायबिटीज है तब आपको डाइट में से सोडा और मीठे पेय पदार्थों को हटा देना चाहिए। इन सभी में चीनी की मात्रा अधिक होती है जिससे हाई ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इन चीजों को भी डाइट से हटा देना चाहिए।
ट्रांस और सेचुरेटिड फैट
एक्सपर्ट का मानना है कि डीप फ्राइड फूड और हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से इंसुलिन रेसिसटेंस और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए डाइट में से ट्रांस और सेचुरेटिड फैट को हटा देना चाहिए।
रिफाइंड कार्ब्स
व्हाइट ब्रेड, सीरियल, पेस्ट्री और स्नैक्स को सीमित या फिर पूरी तरह से अवॉइड करना चाहिए। ये ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि करते हैं।
हाई सोडियम
हाई सोडियम पदार्थ जैसे पैकेज सूप, मांस और फास्ट फूड से दूर रहने की कोशिश करें। ये फूड वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकते हैं और हाई बीपी की समस्या को बढ़ा सकते हैं।