मां का दूध बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद जरूरी: Breastfeeding Importance
Breastfeeding Importance

Breastfeeding Importance: स्तनपान का लाभ मां और शिशु दोनों को ही होता है। लेकिन आजकल मां स्तनपान कराने से बचती हैं। लेकिन आप यह जान लें कि स्तनपान का व्यापक असर आपके बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मां को बच्चों को जन्म से लेकर दो साल तक स्तनपान जरूर करवाना चाहिए। और इसके साथ और आहार भी देते रहें। मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार होता है। ये विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के जीन मेयर यूएसडीए ह्यूमन न्यूट्रिशन रिसर्च सेंटर ऑन एजिंग (एचएनआरसीए) के शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि मानव स्तन के दूध में सूक्ष्म पोषक तत्व नवजात शिशुओं के बढ़ते मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

शिशु के मस्तिष्क के लिए मां का दूध

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यह नहीं कह सकते कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी वैसे-वैसे इसके पोषक तत्व का असर मस्तिष्क में क्या भूूमिका निभाएगा। लेकिन दूध में पाए जाने वाले यह सूक्ष्म तत्व को मायो इनोसिटाॅल के नाम से जाना जाता है। जब मां बच्चे के जन्म देने के बाद स्तनपान करवाना आरम्भ करती है तब ये पोषक तत्व दूध में अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शिशु के मस्तिष्क के लिए बेहद लाभकारी है। जब शोधकर्ताओं ने ग्लोबल एक्सप्लोरेशन ऑफ ह्यूमन मिल्क अध्ययन द्वारा मेक्सिको सिटी, शंघाई और सिनसिनाटी में साइटों से एकत्र किए गए मानव दूध के नमूनों का प्रोफाइल और विश्लेषण किया, जिसमें सिंगलटन शिशुओं की स्वस्थ माताएं शामिल थीं। इसके अलावा शोधकर्ता लार्स बोड के अनुसार कई माताओं के अलग अलग दूध के नमूने लिए जिसमें उन्होंने ओलिगो से राइड 2 एफएल की मात्रा की पहचान की। यह तकनीक हमें दूध में मौजूद तत्वों में अंतर करने की क्षमता देती है। जिससे बच्चे के अंदर संज्ञानात्मक विकास के बारे में पता चलता है। जिससे ये पता चला कि अगर बच्चा मां दूध आरम्भ से पीता है तो उसका संज्ञानात्मक विकास अच्छा होता है।

मां का दूध बच्चे के सम्पूर्ण विकास में है लाभकारी

बच्चे के मस्तिष्क के विकास के साथ मां का दूध बच्चों की शारीरिक गतिविधियों के लिए भी बेहतर साबित होता है। इसलिए जरूरी है कि आप अगर बच्चे का जन्म देने जा रही हैं तो उसे स्तनपान जरूर करवाएं। स्तनपान करवाने से मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहते है। ऐसे में बच्चे का स्तनपान करवाना बेहद जरूरी है। बच्चे के लिए स्तनपान के और भी फायदों के बारे में आप जानिए।

मां का दूध एक पूर्ण आहार

Breastfeeding
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मां के दूध में इतने ज्यादा पोषक तत्व होते हैं कि वह नवजात शिशु के लिए एक पूर्ण आहार होता है। मां के दूध में कैल्शियम, एंटीबॉडी, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल आदि पौष्टिक तत्व होते है। जो बच्चे के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब बच्चा मां का दूध पीता है तो उसे पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि उसमें पानी पूर्ण रूप से होता है। इसलिए बच्चे को छह महीने तो सिर्फ मां का दूध और फिर इसके साथ उपर से थोड़ा पानी देना आरम्भ कर दिया जाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूत

अगर बच्चा मां का दूध पीता है तो वह जल्दी से बीमार नहीं पड़ता है। आपने देखा होगा कि कुछ बच्चे जल्दी जल्दी बीमार हो जाते है। क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं होती है। बच्चे का जन्म से ही मां का दूध पीना अनिवार्य है तो वह जल्दी बीमार भी नहीं होगा। मां का दूध बच्चे के पेट के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि इससे उसकी आंतों के रोगाणु पनपने से पहले ही मर जाते है।

पाचन शक्ति का मजबूत होना

आपको पता ही कि सभी बिमारियों की जड़ पेट से ही आरम्भ होती है, तो पेट को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है। इसके लिए जन्म से ही बच्चे के पाचन पर ध्यान देना आवश्यक है। इसलिए इस वक्त मां का दूध उसके लिए सबसे ज्यादा लाभकारी है। क्योंकि दूध पौष्टिक के साथ ही जल्द ही से हजम हो जाता है। नवजात शिशु में वैसे भी पाचन शक्ति इतनी अधिक मजबूत नहीं होती है, तो ऐसे में मां का दूध हल्का होने के कारण जल्दी से पच जाता है। तो ध्यान रखें कि बच्चे को उस समय मां का दूध ही मिलना चाहिए।

बाहर के दूध से रहता है संक्रमण होने का खतरा

यदि बच्चे को ऊपर का दूध दिया जाता है। तो इससे उसको ज्यादा इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। साथ ही बच्चे को बार-बार दस्त या फिर बहुत ज्यादा कब्ज रहने लगती है। कई बार इंफेक्शन में बुखार और निमोनिया होने का पूरा खतरा बना रहता है। यदि बच्चा स्तनपान करता है तो वह इस तरह के इंफेक्शन से बचा रहता है। क्योंकि बाहर का दूध तो आपको नहीं पता कितना शुद्ध है लेकिन मां का दूध तो बेहद प्योर होता है। जो बच्चे की सेहत की दृष्टि से काफी लाभदायक होता है।

सांस से जुड़े संक्रमण का खतरा कम

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Benefits of Breastfeeding for mother and baby

नवजात शिशू को अगर मां का दूध पिलाया जाता है तो उसका रेस्पिरेटरी सिस्तम बेहतर होता है। इससे उसे सांस में सम्बन्धित बीमारी होने का कम खतरा रहता है। साथ ही उसे 72 प्रतिशत संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है। बच्चों में सर्दी आरम्भ होते ही सर्दी जुकाम जल्दी हो जाते है और निमोनिया तो बहुत जल्दी होता है। मां का दूध पीने से वह इन सभी से बच पाता है। बचपन अगर निमोनिया बन जाता है तो वह हर सर्दी बच्चे को परेशान करता है ऐसे में मां के दूध से बच्चा इन खतरों से बच पाता है।