Postpartum Care in First 6 Weeks
Getting confused by too much advice

Breastfeeding Tips For New Mom: जब बच्चा जन्म लेता है तो उसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और इसकी पूर्ति उसे मां के दूध से होती है। क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार होता है उसमें शिशु के विकास के लिए जरुरी सभी पोषक तत्व होते है। इसलिए जन्म लेते ही शिशुओं के लिए स्तनपान बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में मां को पोषक तत्व से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक शिशु के जन्म के बाद से माताओं में तीन चरणों में दूध बनता है। बच्चे के जन्म के दो से पांच दिन तक कोलोस्ट्रम का स्त्राव होता है। जन्म के दूसरे और पांचवे दिन से दूसरे सप्ताह तक ट्रांजिशनल दूध का स्त्राव होता है। दूसरे या तीसरे सप्ताह से परिपक्व दूध का स्राव होता है। ये दूध पीने से बच्चे के शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाता है।

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स्तनपान का समय

  • बच्चे के जन्म से लेकर दो साल तक होने तक बच्चे को दूध पिलाना स्वास्थ्यवर्धक होता है।
  • कुछ महिलाएं जो काम पर जाती है कि वे दूध निकालकर फ्रिज में रख जाती है जो बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि ज्यादा देर तक निकला हुआ दूध नुकसानदायक साबित होता है। साथ ही इसमें से पोषक तत्व घटने की ज्यादा संभावना होती है।
  • ये ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि दूध सीधा फ्रिज में से निकालकर नहीं पिलाएं। पहले उसे सामान्य तापमान में होने दे फिर बच्चे को पिलाएं।

मां और बच्चे की मजबूत बॉन्डिंग

नई मां को समझना चाहिए कि उसके लिए बच्चा ही सबसे अहम है। इसके लिए उसे हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे को दूध पिलाएं। इससे मां और बच्चे के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग बनती है। साथ ही स्किन टू स्किन बॉन्डिंग होती है। जो बच्चे के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

  • ऐसे जब बच्चा मां के पास होता है तो उसे एक सुरक्षित महसूस होती है। और उसका मानसिक और शारीरिक रूप से सही से विकास हो पाता है।
  • मां को दूध को पिलाने में आलस नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे बच्चे के विकास में बाधा पड़ती है। और वह बार-बार बीमार पड़ता है क्योंकि उपर के दूध में उतनी ताकत नहीं होती है। और मिलावट के कारण बच्चा अक्सर बीमार रहता है।

दूध पिलाते समय ध्यान रखें ये बातें

Keep these things in mind while breastfeeding
Keep these things in mind while breastfeeding
  • दूध पिलाते समय ध्यान रखें कि हमेशा सही से बैठकर दूध पीलाएं। क्योंकि इससे सही पोजीशन में बच्चा दूध पी पाता है।
  • दूध पीलाते हुए बच्चे को सही से पकड़ना जरूरी है। क्योंकि सही से नहीं पकड़ने से बच्चे के गले में दूध अटक भी सकता है। या फिर उसकी गर्दन सही से नहीं टिक पाएगी।
  • ध्यान रखें कि लेटकर दूध नहीं पिलाएं। क्योंकि इससे बच्चे को दूध पीने में दिक्कत हो सकती है। और बच्चे की नाक भी दब सकती है।
  • जब बच्चा दूध पी लें तो जरूरी है कि उसे डकार दिलाना। क्योंकि इससे वह उल्टी कर सकता है उसे कंधे पर लगाकर डकार जरूर दिलाएं।

इन बातों का रखें ख्याल

  • स्तनपान करवाते समय स्वयं को स्वस्थ रखना भी बेहद जरूरी है तो इसके लिए जरूरी है कि आप तीस मिनट वॉक जरूर करें।
  • जब आपको समय मिले तो आप आराम जरूर करें क्योंकि बच्चा रात को अक्सर रोता है तो आप सो नहीं पाती है तो जब समय मिले तो जरूर आराम करें।
  • हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। अपने मनपसंद चीजों को करें।
  • ध्यान रखें कि खाने में पौष्टिक खाना ही खाएं।
  • स्तनपान करवाते समय शराब और सिगरेट नहीं पीएं। शिशुओं को ऐसे में दिक्कत हो सकती है।