Monsoon Health Care: बरसात के मौसम में ऐसी चीज़ों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए, जिसके कारण आपको बीमारियों का सामना करना पड़ें।
नएपन का वेलकम
लोग अब दुनिया भर के व्यंजनों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, खासतौर से ऐसी डिशेज का, जिन्हें खास और लक्जरी का दर्जा मिला हुआ है। बारिश का मौसम आ गया है। इस मौसम में झमाझम बारिश में भीगने से हम बच नहीं सकते। साथ ही बारिश के दिनों में शहर में अव्यवस्था फैलने से रोकना भी काफी मुश्किल हो जाता है। मानसून के दिनों में बारिश के खुशनुमा मौसम का आनंद लेने के लिए हमें खाने-पीने की उन चीजों से परहेज करना चाहिए, जिससे हमारी सेहत और हमारे मूड के बीगड़ने का खतरा रहता है। बारिश के दिनों में जिन चीज़ों को आहार में शामिल करने से बचना चाहिए, वे हैं –
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सीफूड
बरसात के मौसम में सीफूड जैसे कि मछली, झींगा और केकड़ा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह इन समुद्री जीवों के प्रजनन का समय होता है। इस समय ताजा सी-फूड मिलना दुर्लभ हो जाता है। इस मौसम में सीफूड खाने से पेट में इंफेक्शन हो सकता है या फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है, इसीलिए अगले कुछ महीने तक सीफूड खाना छोड़ दें। बारिश के मौसम में ज्यादातर शाकाहारी भोजन ही खाना चाहिए अथवा आप अपने पसंदीदा फूड चिकन का सेवन कर सकते हैं।
सड़कों के किनारे बिकने वाले जूस
फलों एवं सब्जियों का ताजा जूस स्वादिष्ट होने के साथ ही आपके शरीर के लिए सेहतमंद भी हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि यह जूस घर में ही निकाला गया हो। बाजार में दुकानदारों या ठेले से खरीदे गए जूस प्रदूषित पानी से होने वाली कई बीमारियों जैसे-पीलिया, पेट दर्द या किसी अन्य तरह के जल से होने वाले संक्रमण को जन्म दे सकते हैं, क्योंकि बाजार में दुकानदार खराब या गंदी बर्फ का प्रयोग करते हैं।
चाट
इस मौसम में गर्मागर्म रगड़ा पैटिस खाने का बहुत मन करता है। रगड़ा पैटिस मुंबई का स्ट्रीट फूड है। यहां आलू की टिक्की पर मटर से बना गरम रगड़ा, दो तरह की चटनी (धनिए की चटनी और खजूर-इमली की चटनी), प्याज और सेव डालकर परोसा जाता है। बारिश के मौसम में चाट या इस तरह के स्ट्रीट फूड खाने से बचना चाहिए। इस मौसम में पानी पूरी खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रयोग किए जाने वाले चटपटे पानी में प्रदूषित जल के इस्तेमाल का खतरा होता है।
भारी तेल में पका खाना
बारिश के मौसम में खाने में सरसों या तिल के तेल के प्रयोग से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में संक्रमण फैला सकते है। इस मौसम में कॉर्न ऑयल और जैतून के तेल जैसे हल्के तेलों का प्रयोग किया जा सकता है।
रेड मीट
रेड मीट को पचाने में काफी मुश्किल होती है, इसलिए बरसात के मौसम में इसे खाने से बचना चाहिए। अगर आपको मीट खाने की इच्छा हो रही है तो आप चिकन सूप पी सकते हैं। चिकन का ठंडा सलाद भी एक अच्छा विकल्प है। सलाद में काफी फाइबर पाया जाता है। यह शरीर की पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां

पूरी जिंदगी हमें हरी और पत्तेदार सब्जियां खाने के महत्व के बारे में समझाया जाता है, पर बरसात के मौसम में ये सब्जियां नहीं खानी चाहिए। पत्तेदार सब्जियों को गंदे पानी या दलदल जैसी जगह में उगाया जाता है और इसके बाद साफ-सफाई और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक तरीके से भंडारित भी नहीं किया जाता। बारिश के दिनों में कीड़े ब्रोकोली, फूल गोभी या पत्ता गोभी में बैठना पसंद करते हैं। इसलिए उन्हें भी नजरअंदाज कर दीजिए और सावधान रहिए।
पहले से कटे फल
इस मौसम में कच्चे या पहले से कटे हुए फल नहीं खाने चाहिए। खासतौर से तब, जब वह खुले में रखे गए हों। इस मौसम में हवा में बढ़ी हुई नमी से कच्चे फलों पर बैक्टीरिया चिपक जाते हैं, जो उसे इस मौसम में खाने के लिए अस्वास्थ्यकर विकल्प बनाते हैं।
ये अपरंपरागत टिप्स मुझे भारत के अस्वास्थ्य कर मानसून सीजन में अलग-अलग तरह के कई संक्रमण से बचाते हैं। अपने दिमाग में चल रही सारी गलत धारणाओं को निकाल दीजिए और ऊपर लिखी चीजों को इस मौसम में खाना छोड़कर बारिश के मौसम का मजा लीजिए।
