बुढ़ापे को कहना है बाय-बाय तो रोजाना करें ये योगासन: Anti-Ageing Yoga Asana
Anti-Ageing Yoga Asana

Anti-Ageing Yoga Asana: योग स्वस्थ रहने का एक अद्भुत साधन है। हम सभी लंबे समय तक चुस्त और तंदरुस्त रहना चाहते हैं। इसके लिए कई तरीके अपनाते हैं। इन्हीं में से एक है योग का रास्ता। योग व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से ना केवल आपको मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह आपकी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी काफी हद तक दूर रखता है। जिसके कारण आपको बुढ़ापे में होने वाली समस्याओं का सामना जल्द नहीं करना पड़ता है।

यह तो हम सभी जानते हैं कि समय का चक्र किसी के लिए नहीं रुकता है। जब उम्र बढ़ती है तो स्किन से लेकर सेहत पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। लेकिन फिर भी अगर एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाया जाए और नियमित रूप से योग किया जाए तो इससे व्यक्ति लंबे समय तक खुद को जवां बनाए रख सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो आपके बुढ़ापे को लंबे समय तक दूर रखेंगे-

हस्तपादासन

हस्तपादासन एक ऐसा योगासन है, जिसे रीढ़ की हड्डी और पेट दोनों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन इसके अभ्यास से आपको स्किन के उन फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद मिलती है, जो समय से पहले बूढ़ा होने का कारण बनते हैं।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए मैट बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकना शुरू करें।
  • अब आप दोनों हाथों से पैर के पिछले हिस्से यानी एंकल को पकड़ लें। इससे आपके लिए पोश्चर में बने रहना आसान हो जाएगा।
  • यथाशक्ति इस अवस्था में रुकें। इसके बाद, सामान्य स्थिति में लौट आएं।

मत्स्यासन

Matsyasana
Anti-Aging Yoga Asanas-Matsyasana

मत्स्यासन को छाती, गले और गर्दन के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन जब इस आसन का अभ्यास किया जाता है तो ऐसे में चेहरे की मसल्स में मौजूद तनाव को कम करने में मदद मिलती है। इससे आपको अपनी स्किन में काफी बदलाव महसूस होता है और आपकी स्किन यंगर नजर आने लगती है।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए मैट बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं।
  • अब आप धीरे से सावधानीपूर्वक कमर के बल लेटे।
  • ध्यान रखें कि आपके घुटने जमीन से ही सटे हों।
  • अब आप अपने दोनों हाथों से पैरों के अंगूठे को पकड़ लें और कमर को बीच से उठाएं।
  • आपका सिर जमीन को टच कर रहा हो, लेकिन कमर जमीन से उपर होगी।
  • कुछ देर तक इसी अवस्था में रुकें।
  • इसके बाद आप प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं।

वृक्षासन

वृक्षासन एक ऐसा आसन है, जो ग्लूट्स, पैरों और एब्स को मजबूत बनाता है। इससे बॉडी को बैलेंस करने में काफी मदद मिलती है। बढ़ती उम्र में अक्सर लोगों को बॉडी बैलेंसिंग की शिकायत होती है।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाए।
  • आपके दोनों पैर सीधे हों और हाथों को बगल में रखें।
  • अब अपने एक पैर को घुटने से मोड़ते हुए दूसरे पैर के जांघ के अंदरूनी हिस्से पर रखें।
  • साथ ही, अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
  • कुछ देर तक इसी अवस्था में रुकें।
  • अब वापिस पैर को जमीन पर रख लें और हाथों को नीचे ले आएं।
  • इसके बाद, दूसरे पैर से भी यही क्रम दोहराएं।
  • इस तरह बारी-बारी दोनों पैरों से इस आसन का अभ्यास करें।

हलासन

Halasana
Anti-Aging Yoga Asanas-Halasana

अगर आप बुढ़ापे को जल्द अपने करीब नहीं आने देना चाहते हैं तो ऐसे में हलासन का अभ्यास किया जा सकता है। हलासन आपकी रीढ़ और कंधों को स्ट्रेच करता है, जिससे शरीर में मौजूद तनाव कम होता है और बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बेहतर होती है। साथ ही साथ, इस पोश्चर से थायरॉयड ग्रंथि भी उत्तेजित होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म और एनर्जी लेवल दोनों पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। जिन लोगों को बुढ़ापे में अनिद्रा की शिकायत रहती है, उनके लिए भी यह आसन लाभकारी है।

  • हलासन का अभ्यास करने के लिए मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अपने दोनों हाथों को मैट पर सीधे रखें। हथेलियां मैट को टच करेंगी।
  • अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाते जाएं।
  • आपका बैलेंस ना बिगड़े, इसलिए आप अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर कमर पर रखें।
  • कोशिश करें कि आप अपनी कमर को इस हद तक मोड़ें कि आपके पैर ज़मीन को छूने लगें।
  • ध्यान दें कि इस दौरान आपकी गर्दन में झटका ना आएं।
  • कुछ देर अपनी क्षमता अनुसार इस आसन में रुकें और फिर सीधे नार्मल पोजीशन में आ जाएं।
  • वापिसी आते हुए भी अपनी कमर या गर्दन को झटका ना दें। 

भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन मुख्य रूप से पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। कभी-कभी उम्र बढ़ने के साथ लोग झुककर चलना शुरू कर देते हैं या फिर उनका बॉडी पोश्चर कूबड़ वाली मुद्रा का हो जाता है। यह आसन उस स्थिति से बचाता है।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
  • अब अपनी हथेलियों को फर्श पर रखें।
  • अब गहरी सांस लें और धीरे से शरीर के अग्र भाग को उठाएं।
  • कुछ देर इसी अवस्था में रुकें। इसके बाद, सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को वापिस प्रारंभिक अवस्था में ले आएं।

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...