After Delivery Health: प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद भी हर महिला के लिए अपनी हेल्थ का खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। इस समय में एक महिला के लिए अपनी हेल्थ का बहुत ख्याल रखना आवश्यक है। ज्यादातर महिलाएं बच्चे की केयर करने के चक्कर में अपनी हेल्थ को भूल ही जाती हैं। इससे वक्त के साथ बढ़ती उम्र में उन्हें इस लापरवाही के चलते कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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ये लापरवाही जच्चा-बच्चा दोनों के लिए ही सही नहीं होती। बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत बदलाव आते हैं, ऐसे में ठीके केयर ना मिले, तो सेहत गिरने लगती है। इस सब के अलावा कई बार पोस्टपार्टम डिप्रेशन भी नई मां के लिए मुसीबत बन जाती है। आयुर्वेद की मानें तो बच्चे को जन्म देने के बाद एक मां को पूरा आराम लेने की जरूरत होती है।
बहुत ज्यादा भारी काम करने से भी बचना चाहिए। आज हम आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में बताएंगे, जिससे एक नई मां खुद को हेल्दी रख सकती हैं। इस विषय को लेकर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर नीतिका कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है।
कैसी रखनी चाहिए डाइट
बच्चे के जन्म के बाद एक महिला को अपनी डाइट पर पूरी तरह से फोकस करना चाहिए। इस वक्त में आपकी डाइट में फल और सब्जियां ज्यादा होनी चाहिए। ऐसे में डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर चीजें होनी चाहिए और ऐसी चीजें जो आसानी से पचाई जा सके। हाइ़ड्रेशन पर भी ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। इस वक्त में एक नई मां को ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। ये बच्चे के लिए भी बहुत ही अच्छा माना जाता है।
अभ्यंग क्रिया करना है जरूरी
आयुर्वेद की मानें तो डिलीवरी के बाद एक मां के लिए अभ्यंग क्रिया करना भी बहुत ही जरूरी है। अभ्यंग क्रिया में गरम तेल की मदद से शरीर की अच्छी से मालिश की जाती है। इस क्रिया से शरीर का तापमान सही बना रहता है और ताकत भी आती है।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज है जरूरी
आयुर्वेद में भी एक नई मां को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इस एक्सरसाइज की मदद से जल्द रिकवर होने में मदद मिलती है। साथ ही इससे पेल्विक फ्लोर को भी मजबूत करने में मदद मिलती है। ध्यान रहे किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
मेडिटेशन करना भी है बहुत जरूरी
बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं। इसी तरह से हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। इसके बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन होना भी काफी आम हो चुका है। इस कंडीशन में आयुर्वेद के अनुसार एक मां को हेल्दी रहने के लिए मेडिटेशन जरूर करनी चाहिए। मेडिटेशन के अभ्यास से महिलाओं में स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इससे अलावा इससे मूड स्विंग्स भी कम होते हैं।