Fish Pedicure: फैशन और ट्रेंड के चलन में आजकल ऐसी-ऐसी टेक्नीक से हम रूबरू होते है जो कभी-कभी हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो जाती है। इसी में से एक है, “फिश स्पा”। पैरों की खूबसूरती बनाए रखने के लिए हर दूसरा इंसान क्या कुछ नहीं करता। पहले सिर्फ महिलाएँ ही इसमें आगे रहती थी, लेकिन अब पुरुष भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ते है। टैनिंग दूर करने के लिए कभी ब्लीच करवाते हैं तो कभी फिश पेडीक्योर। आजकल पैरों की सेहत और सुंदरता बनाए रखने के लिए लोग फिश पेडीक्योर या फिश स्पा की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।
क्या है फिश पेडीक्योर
फिश पेडीक्योर एक तरह की थेरेपी है, जिसमें पैरों को मछलियों से भरे एक टब में डाला जाता है। गारा रूफा नाम की मछलियां फिश पेडीक्योर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। टब में मौजूद यह छोटी-छोटी मछलियां आपके पैरों से डेड स्किन को अलग कर उसे खा जाती है। इसको करवाते समय आपको पैरों में गुदगुदी सा महसूस होता है।
फिश पेडीक्योर के फायदे-
फिश पेडीक्योर करवाने से पैरों की स्किन मुलायम बनती है, क्योंकि उस पर से सारी डेड को मछलियां खा जाती है l साथ ही फिश पेडीक्योर करवाने से आपको पैरों के दर्द में थोड़े समय के लिए राहत मिल जाती है। इससे एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियों में फायदा होता है। इतना ही नहीं ब्लकि यह शरीर में खून प्रवाह को भी बढ़ाती है।

फिश पेडीक्योर के नुकसान-
एक ही टैंक में अपने पैरों को डालकर पेडीक्योर करवाने से यह आपके लिए सेहत के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। फिश पेडीक्योर तभी सुरक्षित होते हैं जब उसे करवाते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा गया हो।
हो सकता है इन्फेक्शन
इस थैरेपी को कराने से इन्फेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। दरअसल, इन मछलियों में मौजूद बैक्टीरिया से इन्फेक्शन और निमोनिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आपके पैर पर इस दौरान कोई गहरा कट लग जाए, तो भी गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है।
इन देशों में है मशहूर
टर्की, जापान, सिंगापुर, मलेशिया, सीरिया, इराक और ईरान में ये मछलियां पाई जाती हैं। यूरोप और अमेरिका में भी इसका क्रेज बढ़ गया है।