Gunhgar Bahu: बहू हर बात की गुनहगार होती है।
चाहे गुनाह किसी ने भी किया हो।
गलती सिर्फ बहू की होती है।
बेटा धन बर्बाद करें तो बहू गुनहगार
बचत करना ही नहीं जानती है।
बेटा शराब पिए तो बहू गुनहगार
पति को टेंशन देती है।
बेटा नाजायज रिश्ते रखे तो बहू गुनहगार
उसकी जरूरत को पूरा नहीं करती है।
सास ससुर या ननद देवर सबकी नजर
में सिर्फ बहु ही खटकती है।
जो बोल दे बहू सच तो बवाल खड़े
करने का गुनाह करती है।
शादी से पहले बेटा शराब पीता था।
एक नहीं कई गलफ्रेंड रखता था।
पैसों का हिसाब ना देता ना रखता था।
उस बेटे को लायक बताकर शादी कर दी गयी।
ये सोचकर कि बेटा सुधर जाएगा।
अभी जवानी का जोश है जिम्मेदारी आते ही सुधर जाएगा।
लेकिन इधर तो बेटा आदत से मजबूर हो गया था
शादीशुदा की आड़ मिलते आदतों से और मजबूत हो गया था।
अब गलत बेटे की जगह बहू को ताने मिलने लगे।
रिश्ते निभाने नहीं आते इस बात के ताने मिलने लगे।
बेटा नशे में माँ बाप को कुछ कहे तो बहू का गुनाह होता है।
बहू को प्रताड़ित करें तो भी बहू का गुनाह होता है।
लोग बहू को बेटी बनाने की बात करते है। मगर अफसोस आज भी समाज का ये कड़वा सच है लोग बहु को बेटी क्या उसे तो अपने परिवार का हिस्सा भी नहीं मानते है।
