Posted inकविता-शायरी, हिंदी कहानियाँ

गुनहगार बहू!!-गृहलक्ष्मी की कविता

Gunhgar Bahu: बहू हर बात की गुनहगार होती है।चाहे गुनाह किसी ने भी किया हो।गलती सिर्फ बहू की होती है। बेटा धन बर्बाद करें तो बहू गुनहगारबचत करना ही नहीं जानती है।बेटा शराब पिए तो बहू गुनहगारपति को टेंशन देती है।बेटा नाजायज रिश्ते रखे तो बहू गुनहगारउसकी जरूरत को पूरा नहीं करती है। सास ससुर […]

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“विदाई”—गृहलक्ष्मी की कहानियां

Bidaai Story: सुर्ख लाल जोड़े में सजी खुशी आज दुल्हन के लिबास में किसी आकाश की अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।रमा जी अपनी बेटी को दुल्हन के जोड़े में देखकर बार बार बलाये लिए जा रही थी।कि तभी कमरे में रघुनाथ जी रमा जी को आवाज देते हुए आये।“अरे!रमा तुम यहाँ हो, नीचे […]

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विचार से आधुनिक होना जरूरी है-गृहलक्ष्मी की कहानी

Thoughts Story: सोनिया अपनी पेंटिंग में रंग भरने में व्यस्त थी। सोनिया को ये शौक बचपन से नहीं था, ये कला तो उसने अपने पति युवराज से सीखी है, जो मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर होने के बावजूद बहुत अच्छी पेंटिंग्स करना और गिटार बजाना जानते हैं। पति के सिखाए गुर पेंटिंग को सोनिया ने अपने […]

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पहले घर-गृहलक्ष्मी की कहानियां

House Story: “साक्षी!बेटा एक बार मिलने में क्या जाता है?अगर लड़का तुझे पसंद ना आए तो हम मना कर देंगे।”रमेश ने अपनी बेटी से कहा साक्षी “नो पापा, मैं अभी शादी नही करूँगी”“तो कब करेगी जब तेरे मुँह में दांत और पेट मे आंते नही रहेंगी तब करेगी शादी। 28 साल की हो गयी तू […]

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“यादें”-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Memory Story: आज पीले खतों ने शांति निवास में यादों का पिटारा खोल दिया था घर की बहू सीमा आज अपने पति अमन और ससुरजी शिवकुमार के सामने किसी अपराधी की तरह खड़ी थी। सीमा कभी अमन से तो कभी अपने ससुरजी से लगातार बोले जा रही थी “बाबूजी मुझे माफ़ कर दीजिए।मैं तो कमरे […]

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