Anuraag Kashyap
Anuraag Kashyap

Summary: आज तीन वैनिटी वैन वाले स्टार हैं...

अनुराग बोले कि पहले फिल्मों में एक मेकअप आर्टिस्ट पूरी यूनिट संभाल लेता था, वैनिटी वैन एक होती थी और माहौल खुला हुआ रहता था। लेकिन आज एक एक्टर की तीन वैनिटी वैन होती हैं और मैनेजरों का दखल इतना बढ़ गया है कि असली काम मुश्किल हो गया है। इसी कारण उन्होंने एक फिल्म छोड़ दी।

Anurag Kashyap Film Controversy: अनुराग कश्यप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जिसने उन्हें एक फिल्म छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। अनुराग ने बताया कि जब वे इंडस्ट्री में एक बड़े स्टार के साथ एक फिल्म करना चाह रहे थे, तो उस एक्टर के साथ सीधा कॉन्टैक्ट करना हद से ज्यादा मुश्किल हो गया था। इस अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आजकल सितारों की मैनेजर, असिस्टेंट, टीम… ये सब इतना बढ़ चुका है कि असली बातचीत, असली क्रिएटिविटी, असली काम तो कहीं खो जाता है।

अनुराग ने ये बात यूट्यूब चैनल ‘गेम चेंजर्स’ पर कही। उन्होंने बताया कि पहले के जमाने में, एक यूनिट में मेकअप एक पूरा विभाग होता था। उनकी एक फिल्म ‘निशानची’ में सिर्फ एक ही मेकअप आर्टिस्ट था और उसके दो असिस्टेंट। ये लोग ही पूरी टीम का मेकअप देखते थे। लेकिन आज हालात बदल गए हैं। अब हर एक एक्टर के साथ अलग अपना मेकअप आर्टिस्ट चलता है। हर एक्टर अपनी अलग टीम लेकर आता है। इंडस्ट्री का कल्चर बदल गया है, खर्च बढ़ गए हैं, ढेर सारी गैरजरूरी चीजे जुड़ गई हैं और क्रिएटिव जगह कम हो गई है।

उन्होंने याद किया कि ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के समय तो हालात बिल्कुल अलग थे। उस समय सभी कलाकार एक ही वैनिटी वैन शेयर करते थे। जिनको जगह नहीं मिलती थी वे बाहर कुर्सियों पर बैठ जाते थे। मतलब सब इकट्ठे रहते थे, एक साथ काम करते थे और माहौल एकदम परिवार जैसा होता था। लेकिन अब तो एक एक्टर के पास तीन-तीन वैनिटी वैन होती हैं, एक अपने बैठने-आराम के लिए, एक मीटिंग्स के लिए और एक उसकी टीम के लिए। यानी सेट पर सिर्फ वैनिटी वैन का ही एक शहर खड़ा हो जाता है। अनरियल लगता है, पर ये आज की हकीकत है।

Still of Anuraag Kashyap
Still of Anuraag Kashyap

फिर उन्होंने उस घटना का जिक्र किया जिसमें वे एक बड़े स्टार के साथ काम करने वाले थे। अनुराग ने कहा कि जब उन्होंने उस एक्टर को भाषा की वर्कशॉप के बारे में मैसेज किया, तो एक्टर ने खुद तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन उसके सात मैनेजर्स उनके पास पहुंच गए। पूरे सात! और उन सभी ने अनुराग को डांटा कि आप एक्टर को सीधे कैसे मैसेज कर सकते हैं? आप ऐसा नहीं कर सकते। आपको तो पहले हमसे बात करना चाहिए थी!

अनुराग के अनुसार, ये पूरा माहौल इतना अजीब इतना गैर-क्रिएटिव और इतना ओवर-कंट्रोल्ड था कि उन्होंने उसी समय फैसला कर लिया कि वे इस फिल्म में अब काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं वहां से उठकर चला आया। वह फिल्म मैंने छोड़ दी। मैंने वह स्क्रिप्ट भी उन्हें गिफ्ट कर दी। वो स्क्रिप्ट मैंने लिखी थी, लेकिन मैंने छोड़ दी। मैं उसका नाम नहीं ले सकता। लेकिन वो एक बहुत बड़ा एक्टर है।” अनुराग के वर्क फ्रंट की बात करें, तो उनकी ताजा फिल्म ‘निशानची’ सिनेमाघरों में 19 सितंबर को आई थी। उनकी दूसरी फिल्म ‘बंदर’ की स्क्रीनिंग इस साल सितंबर में टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुई थी।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...