Diwali Idols Tips: हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, और इसका खास महत्व है। इस दिन का लोग पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं, और दिवाली से पहले ही मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घर की सफाई में जुट जाते हैं। धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ खरीदने की परंपरा सदियों पुरानी है। माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की पूजा विधि-विधान से करने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
हालांकि, कई बार मूर्तियाँ खरीदते समय की गई गलतियों के कारण आपको उचित फल की प्राप्ति नहीं होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ खरीदते समय आपको किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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दिवाली पर भगवान गणेश की कैसी मूर्ति खरीदें

दिवाली के पावन अवसर पर पूजा-पाठ के लिए गणेश जी की मूर्ति का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान ध्यान रखें कि आप हमेशा गणेश जी की ऐसी मूर्ति खरीदें, जो मूषक (चूहा) पर सवार हो और जिसमें उनकी सूंड बाईं तरफ हो। इसके साथ ही, गणेश जी के हाथ में मोदक होना भी शुभ माना जाता है।
विशेषताएँ:
सूंड की दिशा: गणेश जी की सूंड बाईं तरफ होने पर यह मान्यता है कि यह समृद्धि और सफलता का प्रतीक है।
मोदक का प्रतीक: मोदक गणेश जी का प्रिय भोग है, और इसे उनके हाथ में देखकर यह संकेत मिलता है कि वे साधक को सुख और संतोष प्रदान करेंगे।
मूषक पर सवारी: मूषक गणेश जी का वाहन है, जो यह दर्शाता है कि वह अपने भक्तों को सभी बाधाओं को पार करने में मदद करेंगे।
दिवाली पर मां लक्ष्मी की कैसी मूर्ति खरीदें

दिवाली का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इस अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी माना जाता है, इसलिए उनके स्वागत के लिए सही मूर्ति का चयन करना बहुत जरूरी है। सही मूर्ति खरीदने से न केवल आपकी पूजा की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि आपके घर में सुख-समृद्धि का वास भी होगा।
- कमल पर बैठी मूर्ति
दिवाली पर मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि वह कमल पर बैठी हुई हो। कमल का फूल समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार की मूर्ति से आपके घर में सुख-शांति और धन की वृद्धि होगी।
- उल्लू पर सवारी वाली मूर्ति
जब आप लक्ष्मी की मूर्ति खरीदें, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वह उल्लू पर सवार न हो। उल्लू धन के लिए शुभ नहीं माना जाता है, और ऐसा होना आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करवा सकता है।
- खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति
मां लक्ष्मी की खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति खरीदने से बचें, क्योंकि यह उनके जाने का प्रतीक मानी जाती है। यह आपके घर से समृद्धि को दूर कर सकती है। इसलिए हमेशा ऐसी मूर्तियाँ चुनें जो बैठी हुई या प्रसन्न मुद्रा में हों।
- अलग-अलग मूर्तियाँ
दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी और गणेश जी की अलग-अलग मूर्तियाँ खरीदें। ध्यान रखें कि ये मूर्तियाँ आपस में जुड़ी हुई न हों। अलग मूर्तियाँ खरीदने से पूजा में विशेष फल की प्राप्ति होती है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- धनतेरस का महत्व
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई मूर्तियों को दिवाली पर विधिपूर्वक पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- स्वच्छता का ध्यान
मूर्ति का रंग उतरा हुआ या धुंधला न हो। अच्छी गुणवत्ता वाली मूर्तियाँ खरीदने का प्रयास करें, ताकि उनकी सुंदरता और प्रभावशीलता बनी रहे।
- खंडित मूर्तियाँ
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति कहीं से खंडित न हो। खंडित मूर्तियाँ अशुभ मानी जाती हैं और ये पूजा में बाधा डाल सकती हैं।
- प्रसन्नता का भाव
मूर्ति हमेशा प्रसन्नता वाली मुद्रा में होनी चाहिए। इस प्रकार की मूर्तियाँ आपके घर में सुख और समृद्धि को आकर्षित करती हैं।
5 . रंग का चयन
मूर्ति का रंग भी महत्वपूर्ण है। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का रंग लाल, गुलाबी या पीला होना चाहिए। इन रंगों को शुभ माना जाता है। काले, भूरे या मटमैले रंग की मूर्तियाँ न खरीदें, क्योंकि ये आपके घर में नकारात्मकता ला सकती हैं।
