bhaagyashaalee sundar, dada dadi ki kahani
bhaagyashaalee sundar, dada dadi ki kahani

Dada dadi ki kahani : एक राजा एक बार अपने राज्य में घूमने निकले। वे अपनी प्रजा से मिलकर उसका हाल-चाल पूछ रहे थे। अपनी राजधानी से काफी दूर एक शहर में उन्होंने एक अजीब बात सुनी। किसी ने उन्हें बताया कि यहाँ एक युवक रहता है, जो कि बहुत भाग्यशाली है। उसके बारे में एक और अजीबोगरीब बात सुनी राजा ने। लोग कहते थे कि जब उस युवक का जन्म हुआ था, तब उसने कपड़े पहने हुए थे और उसके हाथ में चाँदी का एक सिक्का था। सबने राजा को बताया कि इसके माता-पिता गरीब थे। लेकिन उनके अनोखे बेटे के जन्म के बाद उन्हें सारे सुख और आराम मिल गए। इस युवक का नाम था सुंदर।

ये सब बातें सुनकर राजा को विश्वास नहीं हुआ। एक बात जिसने राजा को चिंता में डाल दिया, वह यह थी कि एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी कि बड़ा होकर इस युवक का विवाह अपने राज्य की राजकुमारी से होगा। राजा ऐसे ही किसी से भी तो अपनी बेटी का विवाह नहीं कर सकते थे न! इसीलिए वे सुंदर से मिलने उसके घर गए। उन्होंने सुंदर से कहा कि वे किसी भी भविष्यवाणी पर विश्वास नहीं करते। उन्होंने सुंदर को आज्ञा दी कि वह तुरंत उनका राज्य छोड़कर दूर चला जाए।

राजा सुंदर से बोले, ‘यह पत्र लेकर हमारी राजधानी जाओ। वहाँ रानी माँ को पत्र दे देना और उसके बाद वे जहाँ जाने को कहें, चले जाना।’

सुंदर अपने राजा की बात मानकर तुरंत उनकी राजधानी की ओर चल दिया। रास्ता बहुत लंबा था। चलते-चलते रात हो गई तो सुंदर ने – सोचा कि कहीं रुककर रात बिताई जाए। उसने देखा कि सड़क के किनारे एक पुराना-सा घर है। उसने दरवाज़ा खटखटाया। अंदर से एक अजनबी बाहर आया। सुंदर ने उससे पूछा, ‘क्या मैं आज रात यहाँ रुक सकता हूँ?’ अजनबी ने उसे इजाज़त दे दी।

इस घर में कुछ डाकू रहते थे, जो व्यक्ति बाहर आया था, वह असल से में डाकुओं का सरदार था।

रात को जब सुंदर सो गया तो डाकुओं ने सोचा कि उसका सामान लूट लिया जाए। जब वे उसके थैले की तलाशी ले रहे थे, उन्हें राजा का पत्र मिला। डाकुओं ने पत्र पढ़ा। उसमें लिखा था, ‘पत्र लाने वाले इस युवक को तुरंत मृत्युदंड दिया जाए।’

डाकुओं ने देखा कि सुंदर एक अच्छा लड़का है। राजा का आदेश पढ़कर उनका भी मन दुःखी हो गया। सुंदर को नुकसान पहुंचाने की जगह उन्होंने उसकी मदद करने का निश्चय किया।

डाकुओं का सरदार किसी की भी लिखावट की नक़ल कर सकता था। उसने राजा की लिखावट में एक और पत्र लिखा। उसमें डाकू ने लिखा था, ‘पत्र लानेवाले इस युवक का विवाह तुरंत राजकुमारी से कर दिया जाए।’ उन डाकुओं ने इस नए पत्र को ठीक उसी तरह सुंदर के थैले में रख दिया जैसे कि वह पहले रखा हुआ था।

सुंदर यह पत्र लेकर राजधानी पहुँचा। राजा की आज्ञा के अनुसार उसका विवाह तुरंत राजकुमारी से कर दिया गया।

जब राजा अपनी राजधानी वापिस पहुँचे तो ज्योतिषी की भविष्यवाणी सच हो चुकी थी। उन्हें भी मानना पड़ा कि सुंदर सच में भाग्यशाली है। उन्होंने सुंदर को अपने एक राज्य का राजा बना दिया। इस तरह गरीब सुंदर ‘राजा सुंदर’ बन गया।

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