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नाखून आपके लिए किसी हेल्थ इंडेक्स का काम करते हैं। नाखूनों के कटने-फटने का सबसे आम कारण बढ़ती उम्र है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके नाखून पतले होते जाते हैं।
Nail Indicate Bad Health: नेल आर्ट और नेल एक्सटेंशन के इस दौर में नाखून भी अब ब्यूटी फैक्टर में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अगर नाखून कटे फटे, पीले, धारियों से भरे हुए नजर आएं तो ये न सिर्फ आपका इंप्रेशन खराब कर सकते हैं। बल्कि ये इस बात का भी इशारा है कि आप पूरी तरह से सेहतमंद नहीं हैं। नाखून आपके लिए किसी हेल्थ इंडेक्स का काम करते हैं। टूटे हुए अनहेल्दी नाखून क्या कहते हैं, आइए जानते हैं।
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उम्र भी हो सकता है कारण
नाखूनों के कटने-फटने का सबसे आम कारण बढ़ती उम्र है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके नाखून पतले होते जाते हैं। अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है तो यह एक कॉमन समस्या हो सकती है। ऐसे में अपने नाखूनों की सेहत पर खास ध्यान दें। सोने से पहले नाखूनों और क्यूटिकल्स पर क्रीम या तेल लगाएं।
बर्तन और कपड़े धोने से नुकसान
कई महिलाओं के नाखून काफी मुलायम होते हैं। ऐसे में अगर वे बर्तन और कपड़े धोने जैसे काम ज्यादा करती हैं तो भी उनके नाखूनों को नुकसान होता है। सर्दियों के समय नाखूनों में दरारें पड़ने की परेशानी और ज्यादा हो जाती है। ऐसे में लैनोलिन या अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड युक्त क्रीम और लोशन लगाना चाहिए। पानी में काम करते समय रबड़ के ग्लव्स जरूर पहनें।
सोरायसिस हो सकता है कारण
कई बार सोरायसिस भी नाखूनों को प्रभावित करता है। सोरायसिस एक स्किन डिजीज है जो त्वचा की कोशिकाओं को बहुत तेजी से बढ़ने का कारण बनती है। यह त्वचा पर लाल, खुजलीदार, पपड़ीदार पैच का कारण बनता है, जिसे प्लेक कहा जाता है। यह हाथ और पैरों के नाखूनों को भी असर डालती है। इसके कारण नाखून पीले या हल्के भूरे रंग के नजर आते हैं। कई बार नाखून पपड़ीदार होकर टूटने लगते हैं।
थायराइड से कमजोर होते हैं नाखून
थायराइड के कारण भी नाखूनों को नुकसान होता है। हाइपोथायरायडिज्म के कारण नाखूनों पर ज्यादा असर पड़ता है। अगर आपके नाखून लगातार टूट रहे हैं और पैरों में सूजन भी आ रही है तो आपको अपना टेस्ट करवाना चाहिए।
एनीमिया भी करता है नुकसान
एनीमिया का असर भी नाखूनों पर साफ नजर आता है। एनीमिया के कारण नाखून टूटने लगते हैं। अगर आपको लगातार थकान महसूस हो रही है, सांस लेने में परेशानी हो रही है, स्किन पीली हो रही है, हाथ-पैर ठंडे रहते हैं, जीभ पर सूजन महसूस होती है या मुंह के किनारों पर दरारें नजर आती हैं तो ये सभी एनीमिया के लक्षण हैं।
फंगल इंफेक्शन
यीस्ट और फंगल इंफेक्शन के कारण नाखून में भी इंफेक्शन हो सकता है, इसके कारण नाखून टूटने लगते हैं। इस संक्रमण के कारण कई बार नाखून पीले हो जाते हैं और मोटे होने लगता है। अगर ऐसे लक्षण नजर आएं तो आप एंटीफंगल गोलियां ले सकते हैं।
संभलकर चुनें नेल प्रोडेक्ट
नाखूनों पर बहुत ज्यादा प्रोडेक्ट लगाना भी नुकसानदायक है। खासतौर पर टोल्यूनि और फॉर्मेल्डिहाइड केमिकल नाखूनों को डैमेज कर देते हैं। हर समय नेल पॉलिश लगाए रखने से भी नाखून खराब होते हैं, क्योंकि इसमें केमिकल होते हैं। वहीं नेल पॉलिश रिमूवर भी केमिकल से भरपूर होते हैं। इसके कारण नाखून कमजोर और शुष्क हो सकते हैं। उनका रंग पीला हो सकता है और उनमें दरारें भी आ सकती हैं। अगर आप गर्भवती हैं तो आपको ये प्रोडक्ट्स यूज नहीं करने चाहिए।
ऐसे करें नाखूनों की केयर
अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करके आप नाखूनों को हेल्दी रख सकते हैं। कोशिश करें कि नाखूनों को साफ और सूखा रखें। नाखूनों पर नियमित रूप से नेल ऑयल या हैंड लोशन लगाएं। हाथों को मॉइस्चराइज रखें। बर्तन धोते समय और घर के अन्य काम करते समय दस्ताने पहनें।