वैश्विक स्वास्थ्य के महत्व की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में हर वर्ष 7 अप्रैल को पूरी दुनिया के लोग विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं। जेनेवा में वर्ष 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा पहली बार विश्व स्वास्थ्य सभा रखी गयी, जहां 7 अप्रैल को वार्षिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला किया गया। इसके बाद वर्ष 1950 में दुनिया ने पहली बार विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया। इस दिन डबल्यूएचओ द्वारा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

यह वार्षिक कार्यक्रम स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और समस्याओं की ओर जनता को जागरूक करने के लिये वर्षों से मनाया जाता है। वैश्विक आधार पर स्वास्थ्य से जुड़े सभी मुद्दों को विश्व स्वास्थ्य दिवस लक्ष्य बनाता है, जिसके लिये विभिन्न जगहों जैसे स्कूल, कॉलेजों और दूसरे भीड़ वाले जगहों पर दूसरे संबंधित स्वास्थ्य संगठनों और डबल्यूएचओ द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसके तहत साल भर के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिये स्वास्थ्य संबंधी एक खास विषय चुना जाता है, जिसे उस साल की थीम कहा जाता है। इस बार साल 2017 की थीम रखी गई है- डिप्रेशन यानी अवसाद।

क्या आपको पता है कि स्वास्थ्यकर भोजन आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी पोषित करता है? हालांकि यह भी सच है कि कोई एक पोषक तत्व या भोजन प्लान आपके अवसाद की दवा साबित नहीं हो सकता और न ही आपके अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की गारंटी ले सकता है। हां, यह जरूर सच है कि जरूरी विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फैटी एसिड्स से भरपूर भोजन आपके दिमाग को अच्छी स्थिति में रखने में कारगर होता है।

जरूरी पोषक तत्व

आपके दिमाग पर भी आपके दूसरे सभी अंगों की तरह आपके खानपान का असर दिखता है और इसे भी स्वास्थ्य को सही बनाए रखने के लिए कुछ विटामिन, मिनरल और दूसरे पोषक तत्वों की जरूरत होती है। अगर इसे यह जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते तो यह सही तरह से काम नहीं कर सकेगा और इससे आपके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढेंगी।

विटामिन और मिनरल्स

विटामिन और मिनरल्स हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। हमारे मस्तिष्क के लिए खासतौर से विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन बी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा हमारा मस्तिष्क सही प्रकार से काम करने के लिए मैगनीशियम, सेलेनियम, जिंक और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स पर भी निर्भर है। कार्बोहाइड्रेट्स हमारे मस्तिष्क का पोषण करने के लिए अनेक कार्य करते हैं। हमारा मस्तिष्क ऊर्जा के लिए सबसे ज्यादा ग्लूकोस पर निर्भर रहता है, जो हमारे शरीर को हमारे भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स से मिलता है। कार्बोहाइड्रेट्स हमारे दिमाग में फीलगुड न्यूरोट्रांसमिटर सिरेटोनिन के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है। हमें अपने दिमाग के स्वास्थ्य के लिए मीठे और प्रोसेस्ड फूड के स्थान पर कॉम्प्लेक्स ऐसे कार्बोहाइड्रेट्स का चुनाव करना चाहिए, जो फलों-सब्जियों, साबुत अनाज और फलियों में पाया जाता है। हमारा शरीर इन कार्बोहाइड्रेट्स को प्रोसेस्ड शुगर और अनाज में पाये जाने वाले सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स से भी धीरे ग्लूकोस में तब्दील करता है। परिणामस्वरूप, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स आपके मस्तिष्क को ईंधन का ज्यादा स्थिर प्रवाह देते हैं।

अमीनो एसिड्स

अमीनो एसिड्स प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं, जो आपके मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स का उत्पादन करने के लिए जरूरी हैं। यह केमिकल मैसेंजर का ही एक प्रकार होते हैं जो आपकी नर्व सैल्स के बीच सिगनल लाते, ले जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक न्यूरोट्रांसमिटर सिरेटोनिन संतोष की भावनाओं के लिए जिम्मेदार है और डोपामाइन आपको प्रेरित महसूस करने में मदद करता है। यह न्यूरोट्रांसमिटर अमीनो एसिड्स से निकलते हैं और हमारा शरीर हमारे भोजन से इन्हें सोखते हैं।

फैटी एसिड्स

फैटी एसिड्स भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। हमारे मस्तिष्क का बड़ा हिस्सा फैट और ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे फैटी एसिड्स से बना है। हमारा शरीर इन जरूरी फैटी एसिड्स को स्वयं नहीं बना सकती, बल्कि हमारे भोजन से ही अवशोषित करती है। इसलिए सबसे बेहतर यही है कि आप ओमेगा-3 और ओमेगा-6 की बैलेन्स्ड डाइट लें।

पानी

हमारे  दिमाग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पोषक तत्व है पानी। हमारे मस्तिष्क का सबसे ज्यादा हिस्सा पानी से ही बना है। यहां तक कि हल्की सी पानी की कमी भी हमारे मानसिक संतुलन को बिगाड़ सकती है और अनेक समस्याओं की वजह बन सकती है, जैसे – चिड़चिड़ाहट और ध्यान की कमी।

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क्या खाएं

हमारा मस्तिष्क ठीक प्रकार से काम करे, इसके लिए ऐसा भोजन करना चाहिए जो जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर हों, जैसे

  • विटामिन सी- संतरा, नींबू, मौसमी, पत्तेदार सब्जियां और अन्य बहुत से फल और सब्जियां।

  • विटामिन डी- सालमन, कॉड, श्रिंप, अंडे और  फोर्टिफाइड दूध, जूस और अनाज से बने उत्पाद।

  • विटामिन बी- रेड  मीट, फिश,  अंडे, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज और पत्तेदार सब्जियां। मैगनीशियम, सेलेनियम, जिंक, मेवे, बीज, साबुत अनाज, हरी सब्जियां और मछली इत्यादि।

  • कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स- साबुत अनाज की रोटी या ब्रेड, दालें, ब्राउन राइस, क्विनोवा, फलियां और आलू, मक्का, मटर।

  • ट्रिप्टोफान- रेड मीट, पोल्ट्री, अंडे और बीन्स।

  • फेनीलालेनाइन- रेड मीट, चिकन, अंडे, डेयरी उत्पाद, सोयाबीन और बीज

  • ओमेगा 3 फैटी एसिड्स- सालमन, ट्राउट, टूना, बीन्स, वॉलनट, ब्रोकोली, गोभी, पालक, चिया और हैम्प सीड्स, केनोला और फ्लेक्स सीड ऑयल।

  • ओमेगा 6 फैटी एसिड्स- पोल्ट्री, अंडे, अनाज और वेजीटेबल ऑयल्स।

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