Newborn Baby Massage Tips: भारत में जब भी कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसकी दादी-नानी मालिश पर खास जोर देती हैं। दरअसल नवजात बच्चे की मालिश यानिकी लोई एक परंपरा की तरह है, जिसको पीढ़ियों से आजमाया जा रहा है। नवजात बच्चे की मालिश क्यों जरूरी है और इससे क्या फायदे होते हैं, इस विषय में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़िएगा। नवजात बच्चों को मालिश और लोई से वंचित कर कहीं आप कोई गलती तो नहीं कर रहे?, आइए जानते हैं।
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नवजात बच्चों की मालिश का सही तरीका जान आजमाएं ये आसान टिप्स: Newborn Baby Massage Tips
क्यों है नवजात बच्चों की मालिश जरूरी

- नवजात बच्चे जन्म के समय बहुत ही नाजुक होते हैं, ऐसे में जन्म के बाद से उनको खास ख्याल की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार नवजात बच्चे के जन्म के लगभग 20 दिन बाद से ही उनकी बेबी मसाज यानिकि मालिश शुरू कर देनी चाहिए। ये क्यों जरुरी है, आइए जानते हैं।
- मालिश से नवजात बच्चे के शरीर को मजबूती मिलती है साथ ही उसकी थकी हुई माँसपेशियों को भी आराम मिलता है।
- नवजात बच्चों को किसी भी तरह का दर्द हो तो भी मालिश बेहद कारगर होती है। नवजात बच्चे अपनी तकलीफ नहीं कह सकते है, ऐसे में आपको ही उनका खास ख्याल रखना चाहिए।
- नवजात बच्चे की मालिश से उसकी बॉडी में ब्लड फ्लो यानिकि रक्त संचार बढ़ता है जिससे बच्चे की ग्रोथ को तेजी मिलती है।
- रेगुलर मालिश से बच्चे की सेहत और शरीर दोनों ही मजबूत होते हैं।
- अगर आप मालिश के साथ लोई भी करें, तो बच्चे के शरीर से अनचाहे बाल छूमंतर हो जाते हैं।
ऐसे करें मालिश की शुरुआत
जब आपका बच्चा एक हफ्ते का हो जाए, तो मालिश करने का सही समय शुरू हो जाता है। एक हफ्ते से लेकर अठारह महीने तक आपको लगातार अपने बच्चे की मालिश करनी चाहिए। मालिश के लिए वैसे तो कोई खास मौसम नहीं होता ना ही किसी मौसम में मालिश रोकनी चाहिए। लेकिन अगर आप बेहतर रिजल्ट चाहते हैं तो गर्मियों में दो बार और सर्दियों में तीन बार मालिश करनी चाहिए।
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यह है मालिश का सही तरीका

अगर बच्चे की दादी और नानी साथ हों तो मालिश की कोई टेंशन ही नहीं है, लेकिन अगर आप अपने सास और मां से दूर हैं, तो ये तरीका आपके बच्चे की मालिश के लिए परफेक्ट है। सबसे पहले अपने दोनों पैर फैलाकर, बच्चे को उनके बीच में आराम से लिटा लें। फिर अपने कोमल हाँथों में तेल लेकर मालिश की शुरुआत बच्चे के पैरों से करें। पैरो से मालिश शुरू करते हुए छाती, फिर हाथ और सिर तक ले आएं। बच्चे के अगले हिस्से की मालिश के बाद उसको पीठ के बल लिटा लें और फिर यही क्रम दोबारा फॉलो करें। बच्चे के चेहरे पर कोमल हाथों से आखों को बचाते हुए मालिश करनी चाहिए।
इन बातों का रखें खास ख्याल
नवजात बच्चे की मालिश या लोई करना कोई आसान काम नहीं है। दरअसल जब बच्चा छोटा होता है, तो उसको खास ख्याल की जरूरत होती है, ऐसे में आपको खास सावधानी बरतते हुए उसकी मालिश करनी चाहिए। वैसे तो दादी और नानी की खास देख रेख में ही बच्ची की मालिश की जानी चाहिए। कहा जाता है, नवजात बच्चे बेहद नाजुक होते हैं, ऐसे में उनकी मालिश के दौरान कोई भी गलती भारी पड़ सकती है। बच्चे को सही ढंग से लिटाकर, सही प्रेशर के साथ ही मालिश करनी चाहिए।
