Baby Massage: मालिश जन्म के कितने दिनों बाद मालिश शुरू करनी चाहिए, मालिश करने को सही तरीका क्या है और किस तेल से मालिश करना सही होगा ऐसे कई सवाल नवजात शिशु की मां के जेहन में आते हैं। ऐसे में अगर आपके साथ परिवार का कोई बड़ा है तो वो सदियों से चले आ रहे दादी-नानी के मालिश के नुस्खे और तौर-तरीके आपको बता देते हैं। लेकिन अगर आप अकेले रहते हैं तो आपके लिए ये बड़ा मुश्किल होता है। शिशु के जन्म के पहले से सभी तैयारियां कर रही मां को हर कोई यही सलाह देता है कि मालिश कम से कम एक साल तक तो करनी ही चाहिए। आजकल पहले की तरह मालिश करने वाली दाई मिलना थोड़ा मुश्किल हो गया है। ऐसे में मां को ही मालिश करनी पड़ती है। बहुत सी महिलाएं ऐसी होती हैं जिन्हें मालिश का सही तरीका नहीं पता होता। तो अपनी ऐसी ही नई मांओं को हम आज शिशु की मालिश से होने वाले फायदे और उससे जुड़ी जरूरी बातें बताते हैं।
शिशु को मालिश करने के फायदे

नवजात शिशु के लिए गर्भ के बाहर एक नया वातावरण होता है। ऐसे में मालिश मां के शरीर से बाहर शिशु को अच्छी नींद, पाचन और मांसपेशियों में तनाव से राहत के साथ-साथ शरीर को मजबूत बनाने में मददगार होती है। शिशु विशेषज्ञ शिशु के जन्म के समय माता को स्वयं मालिश करने की सलाह देते हैं, उनके अनुसार इससे माता और बच्चे के बीच का संबंध गहरा होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक शिशु की मालिश करने से उसका परिसंचरण और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इससे बच्चों में गैस, ऐंठन, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। वास्तव में, मालिश जन्म के कितने दिनों बाद शुरू करनी चाहिए, इसका कोई निश्चित नियम नहीं है। फिर भी जन्म के 10 से 15 दिनों के बाद जब बच्चे की नाल निकल जाए तो आप उसे नहलाना और मालिश करना शुरू कर सकती हैं।
शिशु की मालिश के लिए तेल कैसे बनाएं

नवजात शिशु की मालिश के पहले उसके शरीर के किसी अंग पर तेल लगाकर जांच लें कि उसकी त्वचा पर तेल से किसी प्रकार के दुष्परिणाम तो नहीं हो रहे हैं। शिशु की मालिश के लिए सरसों का तेल, शु्द्ध घी, जैतून का तेल, नारियल तेल, अरण्डी का तेल और बादाम के तेल से भी शिशु की मालिश कर सकती हैं। जिस तेल का भी इस्तेमाल करें शिशु की त्वचा पर पहले जांच कर संतुष्टि कर लें कि उसकी त्वचा में किसी प्रकार का दुष्परिणाम न हो। दादी- नानी के नुस्खों के अनुसार तो शिशु की मालिश के लिए सबसे अच्छा सरसों का तेल या घी ही होता है। आइए उनके ही नुस्खे से बताएं कि सरसों के तेल से कैसे मालिश वाला तेल तैयार करें।
- इस बेबी मसाज ऑयल को बनाने के लिए आपको 100 ग्राम सरसों का तेल, 2 बड़े चम्मच मेथी दाना या एक चम्मच अजवाइन और 7 से 8 लहसुन की कलियां चाहिए।
- पैन में सरसो का तेल लें और धीमी आंच पर गैस पर रख दें। आप चाहें तो तेल कम या ज्यादा कर सकते हैं।
- जब तेल गर्म हो जाए तो अब इसमें लहसुन की कलियां डालकर उन्हें हल्का भूरा होने तक भून लें।
जब लहसुन की कलियां भूरी हो जाएं तो इसमें मेथी दाना या अजवाइन डाल दें। - अब इस तेल को धीमी आंच पर लगभग 5 मिनट के लिए पकने दें। बीच-बीच में इसे चलाते रहें।
- अब लहसुन और मेथी दाना को तेल से अलग कर लें। आप इस तेल को किसी एयर टाइट कंटेनर में भर कर रख सकते हैं।
नवजात शिशु की मालिश कैसे करें

शिशु की मालिश करने के लिए आपको सही तरीका पता होना चाहिए। 6 महीने के बच्चे की मालिश बहुत ही हल्के हाथों से करनी चाहिए। अगर आपको नवजात शिशु की मालिश करना नहीं आता है तो घर में किसी बुजुर्ग महिला या सदस्य से पूछ सकते हैं।
- मसाज के लिए जमीन पर पैर फैलाकर बैठ जाएं। पैरों पर कोई कपड़ा डालकर बच्चे को पैरों पर लिटा लें।
- मालिश करते वक्त नाखूनों को काटकर रखें और ज्वेलरी न पहनें। मालिश से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
- अब बच्चे को पीठ के बल पैरों पर लिटा कर अपने हाथों में तेल डालकर शिशु के कानों पर मसलें। ऐसा करने से शिशु को अच्छा महसूस होगा और वो मालिश के लिए तैयार हो जाएगा। मालिश करते हुए उससे बात करते रहें।
- सबसे पहले पैरों की मालिश शुरू करें। पैरों पर मसाज करते हुए एड़ी तक जाएं। हाथों का प्रेशर बहुत ज्यादा न करें, बच्चे को हल्के हाथ से मसाज करें।
- पैरों के बाद कंधों, बांह और सीने की मालिश करें। सीने पर हाथों को गोल-गोल घुमाते हुए मालिश करें। सीने की मालिश करते वक्त ध्यान रखें हाथों को जरा नरम और हल्के प्रेशर के साथ घुमाएं।
- शिशु के पेट की मालिश करते समय ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि पेट बहुत नाजुक हिस्सा होता है और अधिक दबाव या जोर से मालिश करने पर दर्द हो सकता है। पेट की मालिश करते वक्त हल्के हाथों से उंगलियों को पेट पर धीरे-धीरे दोनों तरफ गोल-गोल घुमाएं। शिशु के पेट की मालिश करते हुए बाहरी तरफ से नाभि के पास ले जाएं। पेट, छाती की मालिश करते समय हाथों को जरा नरम रखें। पेट की मालिश करने से बच्चे को एसिडिटी में राहत मिलती है। साथ ही नाभि में तेल डालने से शरीर के अलग-अलग अंगों को भी राहत मिलती है।
- अब शिशु को पेट के बल लिटाकर पीठ और कूल्हों आदि की मसाज करें। पैरों के तलवों और हथेलियों पर भी मसाज देना न भूलें।
- आखिर में बच्चे की सिर की मालिश करें और सिर के बीचों-बीच थोड़ा तेल डालकर हल्के हाथों से वहां तेल को सुखाने की कोशिश करें।
- मालिश के बाद बच्चों के हाथ-पांव को हल्का घुमाकर व्यायाम करवाएं।
अनचाहे बालों को हटाने के उपाय

द्य मालिश करने के बाद शिशु के शरीर और चेहरे से बालों को हटाने और मालिश के बाद तेल हटाने के लिए आटे की लोई का उपयोग कर सकती हैं। गेहूं के आटे में घी डालकर गूंधकर लोई बना लें। उसके बाद शिशु के चेहरे और शरीर के अंग पर गोल घुमाएं। इससे बच्चे के चेहरे और शरीर के अनचाहे बालों से छुटकारा मिलने में मदद मिल सकती है।
- अनचाहे बालों को हटाने के लिए घर पर उबटन भी तैयार कर सकती हैं। इसके लिए एक कटोरी में दो बड़े चम्मच बेसन, एक बड़ा चम्मच मसूर की डाल का पाउडर, एक छोटा चम्मच बादाम का पाउडर और एक छोटा चम्मच तेल लेकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को धीरे-धीरे बच्चे के पूरे शरीर पर लागएं। ध्यान रहे कि बच्चे की आंख, नाक और मुंह में यह पेस्ट ना जाए। अब धीरे-धीरे हल्के हाथ से छुडाएं।
