dharatee ka beech story in Hindi
dharatee ka beech

dharatee ka beech story in Hindi : एक बार बादशाह ने बीरबल से कहा, ‘बहुत से प्रश्न ऐसे हो सकते हैं जिनका उत्तर कोई नहीं दे सकता। तुम भी नहीं दे सकते।’

‘हो सकता है।’ बीरबल ने स्वीकार किया।

‘ऐसे प्रश्न मैं पूछ सकता हूँ?’

‘पूछिए।’ बीरबल ने सहज भाव से उत्तर दिया।

‘तुम उत्तर नहीं दे सकोगे।’

‘उत्तर देने की पूरी कोशिश करूँगा, आप प्रश्न पूछे।’ बीरबल बोले।

‘तो बताओ धरती का बीच कहाँ है?’ बादशाह ने पूछा।

बीरबल ने देखा, बादशाह का एक मुँहलगा खोजा (हिजड़ा) मुस्करा रहा था। बीरबल से वह खोजा बहुत जलता था।

बीरबल समझ गया, प्रश्न उसी खोजे ने पूछा है।

बीरबल बोला, ‘उत्तर तो मैं अभी दूंगा। जिसने प्रश्न पूछा है बादशाह सलामत, वह स्वयं क्यों नहीं पूछ सका? खैर, उसके और प्रश्न हों तो पे भी कर लीजिए। एक साथ उत्तर दे दूंगा।’

बादशाह मुस्कराए।

वास्तव में खोजे ने तीन प्रश्न पूछे थे

  1. धरती का बीच कहाँ है? 2. आकाश में कितने तारे हैं? 3. धरती पर कितने मर्द हैं?

तीनों प्रश्न जब बादशाह ने दोहरा दिए तो बीरबल ने कहा, ‘पहले प्रश्न का उत्तर यह है कि धरती का बीच यह है-यहाँ। बीरबल ने दो कदम चलकर पाँव जमीन पर मारा। फिर खोजा की ओर देखकर बोला, ‘चाहे तो यह खोजा नाप-जोख करके जाँच सकता है। दूसरे प्रश्न का उत्तर यह है कि जितने बाल खोजे के सिर पर हैं-उतने ही आकाश में तारे हैं। विश्वास न हो तो गिनकर देख ले। तीसरा प्रश्न है धरती पर कितने मर्द और कितनी औरतें हैं? इसका हिसाब निकालने में परेशानी है। परेशानी इन हिजड़ों से है, जो न मर्यों में हैं और न औरतों में। अगर धरती के सभी हिजड़ों को मार दिया जाए तो गिनती हो जाएगी।’

हिजड़ा अर्थात बादशाह का मुँह-लगा खोजा मुँह लटकाए जनानखाने की ओर चला गया। वह वहाँ नहीं ठहर सका था। उसे बीरबल की बुद्धि का पता पहले से तो था ही, अब बीरबल ने उसे एक बार और नीचा दिखा दिया था।

बादशाह बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने बीरबल की बुद्धि की प्रशंसा की।

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