कुछ दिन पश्चात मेरे याट की दुर्घटना की जांच-पड़ताल शुरू हुई थी तथा दो-तीन दिन तक चलती रही थी। जांच-पड़ताल के अन्तिम दिन मुझे भी बुलाया गया था। डेबी भी मेरे साथ आई थी, बाद में यह निर्णय देकर कि याट पर सवार लोगों की मृत्यु अज्ञात कारणों से घटी थी, इस केस को बन्द कर दिया गया था।
मौत के दीवाने नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1
जांच-पड़ताल के अन्त में पेरीगार्ड ने मुझे बताया था कि पुलिस इस केस को हत्याकांड समझ कर इसकी छान-बीन जारी रखेगी तब मैंने पेरीगार्ड से पूछा था, क्या तुम्हें कोई सुराग मिला है?’
‘मिस्टर मेगन, मुझे कोई सुराग तो नहीं मिला‒बस मैं आपको इतना ही बता सकता हूं कि आपकी बेटी की मृत्यु पानी में डूबने की वजह से नहीं हुई थी।’
‘यह आप कैसे कह सकते हैं?’ मैंने पूछा।
‘क्योंकि शव परीक्षा रिपोर्ट के अनुसार उसके फेफड़ों में समुद्री पानी नहीं था।’
‘तो इससे क्या पता चलता है?’
‘इससे यह पता चलता है कि पहले उनकी हत्या की गई थी और बाद में याट को पानी में गर्क किया गया था।’
‘इससे क्या अन्तर पड़ता है? मेरी पत्नी भी मर गई और बेटी भी।’
‘हमें बहुत अन्तर पड़ता है।’ पेरीगार्ड ने उत्तर देते हुए कहा।
‘वह क्या?’ मैंने पूछा।
‘वह यह कि अपहरणकर्ता ने तस्करी के उद्देश्य से नहीं बल्कि आपकी पत्नी एवं बेटी की हत्या करने के उद्देश्य से याट का अपहरण किया था….अर्थात अपहरणकर्ता को आपसे किसी प्रकार की दुश्मनी है।’
पेरीगार्ड का अनुमान बहुत ही युक्ति पूर्ण था पर उसने मुझे अजीब-सी उलझन में डाल दिया था कि मेरा ऐसा कौन दुश्मन हो सकता है। मैं इन्हीं सोचों में डूबा हुआ घर पहुंच गया।
अगले दिन डेबी को होस्टन वापस जाना था। जब मैं उसे हवाई अड्डे छोड़ने जा रहा था, तो उसने रास्ते में एक दुकान के बाहर कार रुकवाई थी और कुछ लेने के लिए दुकान के अन्दर चली गई थी। जब वह दुकान से बाहर आई थी तो उसके हाथ में एक लिफाफा था। न उसने कुछ बताया और न ही मैंने उससे कुछ पूछा था कि लिफाफे में क्या है। तत्पश्चात एयरपोर्ट पर जब हम होस्टन रवाना होने वाले विमान की प्रतीक्षा कर रहे थे, तो डेबी ने वह लिफाफा मेरे हाथ में देते हुए कहा था‒‘टॉम, यह तुम्हारे लिए है।’
‘इसमें क्या है?’ मैंने पूछा।
डेबी ने उत्तर देते हुए कहा‒‘तुम्हें याद है जिस दिन जूली और सूसन यहां से रवाना हुई थीं, तो सूसन अपना कैमरा ले जाना भूल गई थी। मैंने जिज्ञासा से वह कैमरा खोल लिया था। उसमें फिल्म थी। मैं यह फिल्म डवलप करने के लिए दे आई थी। इस लिफाफे में उसी फिल्म के चित्र हैं।
मैं उन तस्वीरों को देखकर अपना दिल और नहीं दुखी नहीं करना चाहता था। सो मैंने डेबी से कहा‒‘तुम इनको अपने पास ही रख लो।’
‘टॉम, तुम इन्हें देखो तो सही।’ डेबी ने आग्रह करते हुए कहा।
मैंने लिफाफा खोला और एक-एक तस्वीर देखने लगा। अधिकांश चित्र याट के थे। कुछ सूसन के थे। सूसन की तस्वीरें देखकर मेरी आंखें नम हो गयी थीं और जूली की तस्वीरें देखकर मेरा दिल टुकड़े-टुकड़े हो रहा था। अगली तस्वीर पर मैंने कोई ध्यान नहीं दिया था तथा उसे लिफाफे में रखना ही चाहता था कि डेबी ने टोका-‘इस तस्वीर को ध्यान से देखो।’
उस तस्वीर में पीटर ऐलबरी याट के पालों के पास खड़ा उनका निरीक्षण कर रहा था तथा एक आदमी नीचे से ऊपर डेक की ओर आ रहा था। मैंने डेबी से कहा‒‘कहीं यह वही नाविक तो नहीं है?’
‘मेरा भी यही विचार है। तुम पेरीगार्ड को क्यों नहीं दिखा देते?’
‘मैं इन तस्वीरों की कुछ बड़ी कापियां निकलवा कर पेरीगार्ड से बात करूंगा।’
उसी समय माइक्रोफोन पर डेबी की फ्लाइट की घोषणा होने लगी। डेबी को विदा करके मैं वह तस्वीर इन्लार्ज करने के लिए एक फोटोग्राफर को दे आया।
दो दिन पश्चात मुझे उस तस्वीर के इन्लार्जमेंट मिले। बड़ी हुई तस्वीर में उस नाविक का नाक-नक्शा छोटी तस्वीर की अपेक्षा काफी स्पष्ट था। उसका माथा चौड़ा, रंग सांवला और शरीर हष्ट-पुष्ट लगता था। मैं उसकी तस्वीर का अध्ययन कर रहा था कि मेरा इन्टरकॉम बजने लगा। मेरी सेक्रेटरी ने मुझे बताया कि सैम फोर्ड मुझसे भेंट करने आया है।
सैम फोर्ड एक बाहामियन हब्शी था और ल्यू प्राविडेन्स में हमारे ‘सी गार्डन’ होटल के मैरिना का मैनेजर था। एक कुशल मैनेजर होने के साथ-साथ वह एक बहुत अच्छा नाविक भी था। जब से मेरे ल्यूकी याट का अपहरण हुआ था और पेरीगार्ड ने मुझे बताया था कि याट अपहरण की घटनायें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, तब मैंने अपने मैरिनाओं पर सुरक्षा उपाय कड़े करने का निर्णय लिया था और इस समय सैम इसी विषय में मुझसे बातचीत करने आया था। हम इस विषय में काफी देर तक गुफ्तगू करते रहे थे। सैम ने मुझे यह परामर्श दिया था कि हर होटल के मैरिना को होटल प्रशासन से पृथक करके एक मैरिना विभाग बना दिया जाए और उसका दायित्व एक आदमी को सौंप दिया जाये। मुझे सैम का यह प्रस्ताव बहुत पसन्द आया था। मैंने सैम ही को मैरिना विभाग का मैनेजर नियुक्त करने का निर्णय कर लिया। जब मैंने उसे यह बताया, तो खुशी से फूला नहीं समाया-तत्पश्चात जब वह रुख्सत होने वाला था, तो उसने मुझसे कहा‒‘तुम यह जैक कैलिस की तस्वीर को क्यों देख रहे थे?’
‘जैक कैलिस कौन?’ मैंने पूछा।
सैम ने तस्वीर की ओर इशारा करते हुए कहा‒‘यह तस्वीर जैक कैलिस की ही तो है।’
‘तुम इसे जानते हो?’
‘मैं इसे अच्छी तरह तो नहीं जानता, अलबत्ता मैंने इसे मैरिना में अकसर आते-जाते देखा है।’
मैंने वह तस्वीर सैम के सामने रखते हुए कहा‒‘तुमसे मुझे बहुत उपयोगी सूचना मिली है….तुम इस तस्वीर को तनिक ध्यान से देखो और इस व्यक्ति के बारे में तुम जो भी जानते हो, मुझे बताओ।’
सैम ने वह फोटो अपने हाथ में लेते हुए कहा‒‘यह तस्वीर साफ नहीं है, पर इसमें कोई सन्देह नहीं कि यह जैक कैलिस ही की तस्वीर है। जैक एक नाविक है। उसका अपना एक सत्ताईस फुटा याट है। याट फाइबर ग्लास का बना हुआ है तथा ब्रिटिश मेक का है। ज्यादातर वह खुद ही अपने याट को चलाता है।’
‘वह अपने याट को रखता कहां है?’ मैंने पूछा।
‘कभी यहां कभी वहां, जहां वह खुद होता है‒अपने याट को वहीं अपनी निगरानी में रखता है। वह एक कुशल नाविक है और अपने याट को हर पानी में स्थिर कर लेता है। उसने मुझे बताया था कि दो वर्ष पूर्व वह पनामा नहर से होता हुआ ‘गलपात्रो’ से न्यू प्रोविडेन्स आया था।’
‘उसके याट का नाम क्या है?’
सैम ने माथा संकुचित करते हुए कहा‒बड़ी अजीब-सी बात है कि उसने अपने याट का नाम बदल दिया था, जबकि नाविक लोग इस विषय में बहुत बहमी होते हैं। दो वर्ष पूर्व उसके याट का नाम ‘सीग्लो’ था। हाल ही में जब मैंने उसका याट देखा था, तो उस पर ‘ग्रीन जेब’ नाम अंकित था।’
‘हो सकता है वह कोई और याट हो।’
‘बिल्कुल वही याट था।’ सैम ने दृढ़ता से उत्तर देते हुए कहा।
‘तुमने उसे अन्तिम बार कब देखा था?’
‘यही कोई तीन महीने पहले।
‘कैलिस अपनी जीविका कैसे चलाता है?’
‘इस विषय में मैं निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता‒अलबत्ता एक चीज मैंने नोट की थी कि जब भी उसे अपने याट के लिए हमारे मैरिना स्टोर से कोई सामान खरीदना होता था, तो वह नगद खरीदता था। उसने कभी उधार माल नहीं लिया जबकि अधिकतर नाविक लोग उधार माल लेते हैं।’
‘क्या वह अमरीकन है?’ मैंने पूछा।
‘मुझे तो अमरीकन ही प्रतीत होता है।’ सैम ने उत्तर देते हुए मुझसे पूछा‒‘तुम उसमें इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हो?’
‘मुझे उसमें बहुत दिलचस्पी है।’ मैंने सैम से कहा‒‘अच्छा मुझे यह बताओ कि तुम उसके बारे में और क्या जानते हो?’
‘इसके बारे में और यह जानता हूं कि वह अपने याट में कभी-कभार ही डीजल डलवाता है। अधिकतर वह अपने याट को बाद-बानों की सहायता से चलाता है। सारांश में वह एक बहुत ही अच्छा नाविक है। इसके अतिरिक्त मैं और कुछ नहीं जानता।’
‘सैम, तुम उसके बारे में मुझे जितना भी बता सकते हो वह मेरे लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। तुम जरा अपने मस्तिष्क पर जोर डालो‒शायद कुछ याद आ जाए।’
थोड़ा सोचने के बाद सैम ने कहा‒‘मैं व्यक्तिगत रूप से तो कुछ नहीं कह सकता, पर मैंने सुना है कि वह बहुत क्रोधी है। हमारे मैरिना पर तो कोई बात नहीं हुई पर लोग कहते हैं कि नासाऊ में उसका एक आदमी से झगड़ा हो गया था और उसने उसे चाकू मार दिया था। चाकू तो तुम जानते हो कि हर नाविक के पास होता है।’
‘उसने चाकू मारा और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की?’ मैंने पूछा।
‘वह उनका आपसी मामला था….सो उन्होंने आपस में ही रफा-दफा कर लिया था। बात पुलिस तक गई ही नहीं थी।’
‘तुम किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जिसके साथ उसका उठना-बैठना हो?’
‘नहीं।’ सैम ने उत्तर देते हुए कहा‒‘मैंने उसे अकसर अकेले ही देखा था।’
‘तीन महीने पूर्व जब वह यहां से रवाना हुआ था, तो उसने तुम्हें कुछ बताया था कि वह कहां जा रहा है?’
‘नहीं।’ सैम ने उत्तर दिया‒‘हां, एक बात याद आई…..पिछले महीने वह अचानक मुझे इन्टरनेशनल बाजार में मिला था….तब उसने मुझे बताया था कि मैं….फ्लोरिडा जा रहा हूं…।’
‘तुम्हारे कहने का मतलब है कि एक महीना पहले वह यहां पर था?’
‘मैंने एक महीना नहीं कहा‒मैंने कहा है कि पिछले महीने उससे मेरी भेंट हुई थी…..अधिक से अधिक दो सप्ताह हुए होंगे।’
‘वह यहां क्या करने आया था?’
‘जो कार्टराईट से अपने याट की कुछ मरम्मत करवाने आया था।’
यह मालूम होते ही मैंने जो कार्टराईट को अपने ऑफिस बुलवा लिया।
वह मैरिना वर्कशाप का मैनेजर था।
कुछ देर पश्चात जब कार्टराईट मेरे ऑफिस में पहुंचा, तो मैंने जैक कैलिस की फोटो उसके सामने रखते हुए पूछा‒‘क्या दो सप्ताह पूर्व यह आदमी तुमसे अपने याट की मरम्मत करवाने आया था? इसका नाम जैक कैलिस है।’
‘मिस्टर, मेगन, याट मरम्मत करवाने के लिए, तो हर रोज कोई न कोई आता ही रहता है। शक्ल और नाम किसको याद रहते हैं….हां, रिकार्ड देखकर कुछ पता चल सकता है।’

मैंने टेलीफोन जो के आगे सरकाते हुए कहा‒‘फोन से मालूम करके बताओ।’
जो ने अपने ऑफिस टेलीफोन करने के पश्चात मुझसे कहा‒‘वह एक ब्रिटिश मेक का याट ठीक करवाने आया था। याट का पेटा लाल रंग का था….।’
‘लाल या हरा?’ सैम ने बीच में बोलते हुए कहा।
‘बिल्कुल लाल।’ जो ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा‒‘और उसके याट का नाम ‘बाहामा मामा’ था।’
‘उसने फिर से अपने याट का नाम बदल लिया है।’ सैम ने आश्चर्य से कहा।
मैंने सैम को चुप रहने का इशारा करते हुए जो से पूछा‒‘क्या वह याट अभी यहीं है?’
‘मैं अभी पूछकर बताता हूं।’ जो ने उत्तर देते हुए कहा और फिर अपने ऑफिस का नम्बर मिलाने लगा।
‘मिस्टर मेगन, वह क्रिसमस के दिन यहां से चला गया था‒यानी ल्यूकी याट के गायब होने के ऐन छः दिन पश्चात यहां से गया था। उसको किसी ने रवाना होते नहीं देखा था।’
मैंने सैम और जो को अपने ऑफिस के बाहरी कमरे में प्रतीक्षा करने को कहा और पुलिस आयुक्त पेरीगार्ड का नम्बर घुमाने लगा। कुछ देर पश्चात जब पेरीगार्ड का फोन मिला, तो मैंने उससे कहा‒‘मुझे उसका नाम और हुलिया पता चल गया है।’
‘किसका नाम और हुलिया?’ पेरीगार्ड ने पूछा।
‘उसी नाविक का जो ल्यूकी याट पर गया था।’
‘तुम बोल कहां से रहे हो?’ पेरीगार्ड ने पूछा।
‘अपने रायल पाम होटल के ऑफिस से।’
‘तुम वहीं रुको…मैं दस मिनट में वहां पहुंच रहा हूं।’ कह कर पेरीगार्ड ने फोन बन्द कर दिया।

