Maut ke Deewane by James Headley Chase hindi novel - Grehlakshmi
Maut ke Deewane by James Headley Chase

मैं और बिली काफी समय तक अपने बिजनेस के बारे में बातचीत करते रहे थे। कोई दो-तीन घंटे बाद हम डिनर के लिए रायल पाम होटल चले आये थे। डिनर के पश्चात हम दोबारा घर लौट आए थे और फिर साझेदारी की बातों में लग गये थे। कब सुबह हुई थी, कब सूर्य निकला था….हम बिजनेस की बातों में इस कदर व्यस्त थे कि हमें समय व्यतीत होने का पता ही नहीं चला था। अचानक मेरे मन में एक अजीब-सा हौल उठने लगा था, उसी समय बिली ने मुझसे कहा था‒‘यदि तुम्हें मेरी उपस्थिति अखर रही है, तो मैं यहां से चला जाता हूं। तुम गत पांच मिनटों में तीन बार घड़ी देख चुके हो।’

मौत के दीवाने नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1

‘तुम्हारी उपस्थिति नहीं अखर रही बिली, मुझे जूली की चिन्ता हो रही है।’

‘जूली को क्या हो गया?’ बिली ने आश्चर्य से पूछा।

‘उसका अभी तक फोन नहीं आया। वह जब भी बाहर जाती है, तो पहुंचते ही तुरन्त मुझे फोन कर देती है।’

‘उसे कब तक मियामी पहुंच जाना चाहिए था?’

‘ज्यादा से ज्यादा आठ बजे तक और अब ग्यारह बजने को है।’ कहकर मैंने फोन उठाया और मियामी में उस होटल का नम्बर घुमा दिया जहां पर जूली को ठहरना था। काफी देर बाद जब होटल का फोन मिला, तो मैंने ऑपरेटर से कहा‒‘मैं मिसेज मेगर से बात करना चाहता हूं।’

थोड़ी देर तक दूसरी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला। तब ऑपरेटर ने मुझसे पूछा‒‘क्या आप उनका कमरा नम्बर बता सकते हैं?’

‘नहीं।’

थोड़ी देर तक दूसरी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला। तब ऑपरेटर ने धीमे स्वर में कहा‒‘मिसेज मेगन नाम की तो कोई महिला यहां नहीं पहुंचीं।’

‘तुम रिजर्वेशन मैनेजर को फोन दो।’ मैंने ऑपरेटर से कहा।

जब रिवर्जेशन मैनेजर फोन पर आया, तो मैंने उसे अपना परिचय देते हुए कहा‒‘मैं टॉम मेगन बोल रहा हूं….क्या मेरी पत्नी मिसेज मेगन अभी तक वहां नहीं पहुंचीं?’

‘नो सर!’

‘पर उनकी रिजर्वेशन तो आपके यहां ही है।’ मैंने कहा।

‘जी हां। उन्होंने दो कमरे रिजर्व करवा रखे हैं….एक मिसेज एवं मिस सूसन मेगन के नाम पर और दूसरा मिस्टर एवं मिसेज पेस्को (जूली के माता-पिता) के नाम से।’

‘क्या मिस्टर एवं मिसेज पेस्को वहां पहुंच गये हैं?’

‘अभी तक तो नहीं।’

‘धन्यवाद।’ कहकर मैंने फोन वापस रख दिया और बिली से कहा‒‘वह अभी तक वहां नहीं पहुंची।’

बिली ने मुझे सान्त्वना देते हुए कहा‒‘तुम व्यर्थ घबरा रहे हो टॉम। हो सकता है याट के इंजन में कोई गड़बड़ हो गई हो और वे देर से वहां पहुंचे। तनिक धीरज धरो।’

‘नहीं बिली, यह बिल्कुल असम्भव है। पीटर ऐलबरी एक बहुत ही कुशल एवं अनुभवी याट कप्तान है। रास्ते में इंजन में कोई गड़बड़ होने का प्रश्न ही नहीं उठता।’ कहकर मैंने मियामी मैरिना को फोन करके पूछा। उन्होंने भी यही बताया कि ल्यूकी नाम याट मियामी नहीं पहुंचा है। तब मैं बिली को वहीं छोड़कर बासरा (बाहामा) के ऑफिस चला आया। वहां का मैनेजर जो किम्बल नित्यप्रति की भांति अपने आफिस की कैन्टीन में कुछ महिलाओं से गप्पे हांकने में व्यस्त था।

‘जो।’ मैंने उसे सम्बोधित करते हुए कहा‒‘ल्यूकी अभी तक मियामी नहीं पहुंचा।’

‘कितना लेट है?’

‘तीन घंटे।’ मैंने उत्तर देते हुए कहा‒‘जूली और सूसन उसी में सफर कर रहे हैं।’

जो किम्बल उन महिलाओं को वहीं छोड़-छाड़ तुरन्त अपने ऑफिस में चला आया और मौसम विभाग से पूछने लगा‒‘फ्लोरिडा स्टेट में मौसम कैसा है?’

‘बिल्कुल सामान्य।’

तब किम्बल ने मुझसे पूछा‒‘ल्यूकी यहां से कितने बजे रवाना हुआ था?’

‘ठीक ग्यारह बजे।’

‘तुम ऐसा करो टॉम, तुम घर चलो। हो सकता है जूली का फोन आ जाये। इधर मैं छान-बीन करता हूं। ज्यों ही मुझे कुछ पता चलेगा, मैं तुम्हें फोन कर दूंगा।’

‘मैंने जो किम्बल के ऑफिस से अपने चीफ पायलट बॉबी बोवन के घर फोन किया। मैंने उसे पूरी बात बताई और उससे कहा कि यदि दो-तीन घंटे तक मुझे कोई समाचार नहीं मिला तो मुझे विमानों की आवश्यकता पड़ेगी और वह उनका प्रबन्ध कर ले। जब उसने कारण पूछा तो मैंने उसे बताया कि मैं उस जलमार्ग को समुद्र के ऊपर से देखना चाहता हूं। जिस जलमार्ग से मेरा याट मियामी गया था। बॉबी बोवन को यह इत्तिला देने के पश्चात मैं घर चला आया।

जब दो-तीन घंटे तक मुझे कोई समाचार नहीं मिला, तो मैंने फिर बॉबी बोवन को फोन किया और अपने प्राइवेट हवाई अड्डे पर चला आया। वहां पर मैंने अपने दो विमानों को ल्यूकी की खोज में अलग-अलग दिशाओं में भेज दिया। और खुद मैं बॉबी बोवन के साथ विमान में बैठकर उस जलमार्ग के ऊपर उड़ान भरने लगा जिस पर से ल्यूकी मियामी की ओर रवाना हुआ था। दो-तीन घंटे की खोज के पश्चात हम थक-हार कर वापस लौट आये, पर ल्यूकी का कहीं पता नहीं चला।

इस तरह दो-तीन दिन गुजर गये, किन्तु ल्यूकी का कोई सुराग नहीं मिला। मैं ऐसा बेहल हो गया था, मानो चलती-फिरती लाश होऊं। सुबह उठता, नहाता-धोता और बॉबी बोवन के साथ अपने विमान में ल्यूकी की खोज में निकल जाता और फिर दो-तीन घंटे के पश्चात असफल होकर वापस लौट आता। जूली के बिना मुझे अपना घर खाने को दौड़ता था। बिली तीन-चार रोज पश्चात लौट गया था, किन्तु डेबी यहीं रुक गई थी और हर समय कैरीन की देख-भाल में लगी रहती थी। इसी तरह से एक सप्ताह बीत गया।

एक दिन बाहर से लौटकर मैंने अपने कमरे में आकर कपड़े बदले ही थे कि डेबी ने कमरे में आकर मुझे बताया कि दो पुलिसमैन मुझसे भेंट करने आये हैं। मैंने डेबी से उन्हें ड्राइंगरूम में बिठाने को कहा और कपड़े बदलकर उनसे मुलाकात करने ड्राइंगरूम में चला आया।

वे दोनों पुलिसमैन हब्शी थे। उनमें से एक को मैं कुछ-कुछ पहचानता था, उसका नाम पेरीगार्ड था और वह बाहामा पुलिस में एक उपायुक्त था।

उसने मुझे सम्बोधित करते हुए कहा‒‘मिस्टर मेगन, मुझे खेद है कि मैं आपके मामले में हस्तक्षेप करने पर मजबूर हूं न चाह कर भी मुझे आपसे पूछताछ करनी पड़ेगी।

‘मैं समझता हूं।’ मैंने उत्तर देते हुए कहा‒‘आप तशरीफ रखिये।’

पेरीगार्ड ने अपनी टोपी उतारने के साथ-साथ अपने साथी का परिचय देते हुए कहा‒‘यह इन्स्पेक्टर हेपबर्न हैं।’

पेरीगार्ड ने अपनी पूछताछ का सिलसिला आरम्भ करते हुए कहा‒‘आपके याट का नाम ल्यूकी है?’

‘हां।’

‘वह कहां से रवाना हुआ था?’

मैंने खिड़की के बाहर इशारा करते हुए कहा‒‘वहां मेरे घर के पिछवाड़े से….वहां पर मैंने एक कृत्रिम घाट बनवा रखा है।’

‘यदि इन्स्पेक्टर हेपबर्न आपके बनावटी घाट को एक नजर देख लें, तो आपको कोई आपत्ति तो नहीं होगी।’

‘मुझे क्या आपत्ति हो सकती है, पर उससे आपको क्या पता चलेगा?’

‘आप ठीक कहते हैं मिस्टर मेगन, किन्तु हमारा काम ही ऐसा है। अपनी खानापूर्ति करने के लिए हमें कई महत्वहीन बातों को महत्व देना पड़ता है।’

मैंने आपत्ति करते हुए पेरीगार्ड से पूछा‒‘पहले आप मुझे यह बताइये कि आप मुझसे इस प्रकार की पूछताछ क्यों कर रहे हैं‒यह पुलिस केस तो बनता नहीं।’

‘मिस्टर मेगन, यह एक असाधारण बात है और पुलिस हर असाधारण बात में हस्तक्षेप कर सकती है। खैर, आप मुझे यह बताइये कि ल्यूकी की रवानगी के समय आप वहां पर उपस्थित थे?’

‘हां।’

‘आपके याट पर कौन-कौन था?’

‘जूली….मेरी पत्नी, मेरी लड़की….सूसन, पीटर ऐलबरी….याट का कप्तान और एक नाविक।’

‘उस नाविक का क्या नाम है?’

‘उसका नाम मुझे मालूम नहीं।’

पेरीगार्ड ने आश्चर्य से कहा‒‘आपको अपने प्राइवेट याट के नाविक का नाम पता नहीं!’

‘पीटर ऐलबरी ने उसे काम पर रखा था और मैंने पीटर के काम में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।’

‘पर उस नाविक की तनख्वाह तो आप ही के सर होगी। आप अपने याट के नाविक या किसी कर्मचारी का वेतन भुगतान किस तरह से करते हैं….चेक से अथवा नगद?’

‘याट की देख-रेख का खर्चा, उसके नाविक की तनख्वाह का भुगतान आदि यह सब पीटर ऐलबरी की सरदर्दी थी। मैंने उसके नाम पर बैंक अकाउंट खोल रखा है, जिससे वह खर्चा करता है। मैं महीने के महीने उससे हिसाब ले लेता हूं कि उसने कितना खर्चा किया है। खर्चे का ब्यौरा मैंने उससे कभी नहीं मांगा।’

‘इसका आशय है कि आपको पीटर ऐलबरी पर बहुत विश्वास है।’

‘हां। मुझे उस पर पूरा विश्वास है।’ मैंने उत्तर देते हुए कहा।

पेरीगार्ड ने प्रश्नों का सिलसिला जारी रखते हुए मुझसे पूछा‒‘आप यह बताइए कि वह नाविक देखने में कैसा था?’

‘मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता। मैंने उसे देखा ही नहीं था।’

पेरीगार्ड ने तनिक रोष से कहा‒‘आपके कहने का आशय है कि आपने देखे बिना उसे नौकर रख लिया था।’

‘मैंने आपको अभी बताया तो है कि पीटर ऐलबरी ने उसे काम पर रखा था।’

‘पर पीटर ऐलबरी ने उसे नियोजित करने से पहले आपको उसके बारे में कुछ तो बताया होगा‒आपको कुछ बताए बिना ही उसने उसे नियोजित कर लिया था?’

‘मिस्टर पेरीगार्ड, मेरा बहुत बड़ा बिजनेस है….और सैकड़ों लोग मेरी मुलाजमत में हैं। किसी को रखना, निकालना यह अधिकार मैंने अपने मातहतों को सौंप रखे हैं। मुझे अपने अधिकारियों पर विश्वास है।’

‘आपका कहना ठीक है, पर पीटर ऐलबरी तो आपका निजी वेतनभोगी था।’

पेरीगार्ड ने आपत्ति करते हुए कहा‒

‘वह जो कुछ भी था, मुझे उस पर पूरा विश्वास था।’

‘खैर!’ पेरीगार्ड ने पूछा‒‘आपको यह कैसे यकीन हुआ कि याट रवानगी के समय वह नाविक याट पर ही था।’

‘मैंने पीटर ऐलबरी से पूछा था और उसने मुझे बताया था कि वह नीचे इंजन रूम में देख-भाल कर रहा है।’

‘यानी व्यक्तिगत रूप से आप उस नाविक के बारे में कुछ नहीं जानते।’

‘ऐसा ही समझिए।’

तनिक सोचने के पश्चात पेरीगार्ड ने मुझसे पूछा‒‘आपकी नजर में कोई ऐसा व्यक्ति है जो उस नाविक के विषय में कुछ भी जानता हो?’

‘नहीं।’

‘तो इसका आशय हुआ कि हमारा एक ऐसे व्यक्ति से पाला पड़ा है, जिसकी न तो हम सूरत जानते हैं और न ही उसका नाम व पता। और वह भी ईश्वर ही जानता होगा कि वह पुरुष है या महिला।’

‘वह पुरुष है।’ मैंने कहा।

‘यह आपको कैसे मालूम है?’

‘क्योंकि जब मैंने पीटर से पूछा था, तो उसने यह कहा था कि वह नीचे इंजन रूम में देखभाल कर रहा है….उसने यह नहीं कहा था कि देखभाल कर रही है।’

‘चलो यह तो मालूम हुआ कि वह पुरुष है। अब आप यह बताइए कि पीटर ऐलबरी की निवास स्थान कहां पर है?’

‘यहीं पर। याट के स्टोर रूम के ऊपर एक कमरा है। पीटर अपनी पत्नी की मृत्यु के पश्चात यहीं पर आकर रहने लगा था।’

‘यदि आपको आपत्ति न हो, तो मिस्टर हेपबर्न उसका कमरा देख लें? शायद वहां से कोई सूत्र मिल जाए।’

मैंने दीवार की अलमारी खोली और उसमें से पीटर ऐलबरी के कमरे की चाबी निकालकर इन्स्पेक्टर हेपबर्न को दे दी। फिर मैंने घंटी बजाकर ल्यूक बेली को बुलाया और उसे हेपबर्न को पीटर के कमरे में ले जाने को कहा।

उसके जाने के बाद मैंने अपने डेस्क के दराज से एक नोट बुक निकाली और पेरीगार्ड को देते हुए कहा‒‘शायद इससे आपको कुछ मालूमात हासिल हो सके। इसमें याट के इंजन का नम्बर, रडार, रेडियो आदि का ब्यौरा दर्ज है।’

पेरीगार्ड ने कहा‒‘चलो कुछ न होने से तो यह भी अच्छा है। अच्छा आप मुझे यह बताइए कि क्या आपका याट बीमाकृत था?’

‘हां।’

‘आपने अपना भी जीवन बीमा करवा रखा है?’

‘बिल्कुल।’

‘और मिसेज मेगन….क्या उनके जीवन का भी बीमा था?’

मैंने क्रोधमयुक्त दृष्टि से पेरीगार्ड की ओर देखते हुए कहा‒‘मैं आपके इशारे को समझता हूं….किन्तु आपको ऐसा प्रश्न करने में शर्म आनी चाहिए थी। इतना पैसा होते हुए मुझे अपनी पत्नी का जीवन बीमा करवाने की क्या आवश्यकता थी? आपके इस प्रश्न का आशय तो यह है कि मैं इस इन्तजार में था कि कब मेरी पत्नी की मृत्यु हो…..और मुझे उसके जीवन बीमे का पैसा मिले।’

‘यदि आपको बुरा लगा है, तो मैं आपसे क्षमा मांगता हूं…..मैंने तो यों ही सरसरी तौर पर आपसे पूछा था।’

तत्पश्चात पेरीगार्ड और सवाल करता रहा। थोड़ी देर पश्चात जब इंस्पेक्टर हेपबर्न पीटर का कमरा देखकर वापस आया, तो पेरीगार्ड ने अपनी जगह से उठते हुए कहा‒‘इस केस की पूरी जांच-पड़ताल होगी। उसकी तिथि और स्थल के बारे में मैं आपको सूचित कर दूंगा। मैं आपको हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं।’

‘संवेदना….! इसका आशय है कि…।’ इतना कहते-कहते मेरा गला इतना रुंध गया कि मेरे मुंह से कोई शब्द नहीं निकल सका।

‘हां मिस्टर मेगन, इस दुर्घटना को कई दिन हो चुके हैं।’

मैंने अपने आप पर अधिकार पाते हुए पूछा‒‘आपके विचार में यह दुर्घटना कैसे घटी थी?’

‘इस विषय में निश्चित रूप से तो शायद ही कभी पता चल पाए….हो सकता है तेल लीक करने से विस्फोट हो गया हो तथा याट में आग लग गई हो या आपके याट की किसी ऑयल टैंकर से टक्कर हो गई हो। निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। बहरहाल, हम इसका पता लगाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगे।’ कहकर पेरीगार्ड अपने सहायक हेपबर्न को सांथ लेकर कमरे से बाहर चला गया।

वे दोनों कमरे बाहर निकले ही थे कि ल्यूक बेली कमरे में आ पहुंचा और कहने लगा‒‘वह दूसरा पुलिसमैन जो पेरीगार्ड के साथ था, वह नारकोटिक्स (मादक पदार्थों से सम्बन्धित महकमा) स्क्वाड से सम्बन्ध रखता है।’

सुनकर मैं सन्न रह गया।

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