ये बारिशे-गृहलक्ष्मी की कविता
Ye Baarishein

Very Short Poem-सुनो!!
ये बारिशे हो जाने
के बाद
बहुत देर तक
कच्ची ही नहीं
पक्की सड़कें भी गीली
गीली सी
रहती हैं।
वैसे ही जैसे!!
आंखों से
आंसुओं की बारिश
हो जाने के
बाद !!
कच्चे ही नहीं पक्के
मन का कोना भी
बहुत देर..
बाद तक
सीला सीला
सा रहता है।।

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