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 ये बारिशे-गृहलक्ष्मी की कविता

Very Short Poem-सुनो!!ये बारिशे हो जानेके बादबहुत देर तककच्ची ही नहींपक्की सड़कें भी गीलीगीली सीरहती हैं।वैसे ही जैसे!!आंखों सेआंसुओं की बारिशहो जाने केबाद !!कच्चे ही नहीं पक्केमन का कोना भीबहुत देर..बाद तकसीला सीलासा रहता है।। Also read: वो गुलाबी साड़ी-गृहलक्ष्मी की कविता

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युद्ध-गृहलक्ष्मी की कविता

Poem in Hindi: इतिहास गवाह है किस्त्रियों ने कभी भी युद्ध नहीं चुनेजब भी युद्ध हुएयुद्ध पुरूषों ने चुनेस्त्रियों ने रखे घायलघाव पर रूई के फाहेस्त्रियों ने युद्ध नहींप्रेम चुनाऔर बचाएअपने स्वाभिमान का रास्ताअपने स्त्रीत्व कोबचाने के लिए जौहर चुनेफिर भी वो सबसे ज्यादा सजा भुगतती हैशहीद सैनिकों की ….कभीमां बनकर कभी पत्नी बनकरऔर कभी […]

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