मदिरालय के द्वार पड़ा है
आज कोरोना का ताला।
रो धो जैसे तैसे सबने
सवा माह का दिन टाला।।
जाने किसने पाप किये
जिसका मदिरा को दंड मिला,
तरस रहे हैं पीने वाले,
सिसक रही है मधुशाला॥
दो हफ्ते का लॉक पीरियड
फिर से आगे कर डाला।
भूल गए सब किसने किसके
साथ कहां और कब ढाला।।
बिना पिये मरने से अच्छा
है पी कर के मर जाना,
मर जायेंगे पीने वाले
तब खोलोगे मधुशाला?॥
भांति-भांति की खबरों ने
है असर दिमागों पर डाला।
वही बचेगा जिसने पी कर
सब कुछ विस्मृत कर डाला।।
सबका है कर्तव्य राष्ट्र के
संकट में कुछ काम आए,
जंग कोरोना से लड़ने में
मदद करेगी मधुशाला॥
अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम
में न इसे क्योंकर डाला?
दारू और दवा का रिश्ता
है आपस में साढ़ू वाला।
राशन के ही साथ बाटली
पहुंचाने का जतन करो,
पीने वाले करें समर्थन,
मांग करे यह मधुशाला॥
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