Sharing Responsibility
Sharing Responsibility in Marriage Life

Sharing Responsibility: कहते हैं कि पति-पत्नी एक ही गाड़ी के दो पहिए के समान होते हैं और इसलिए अगर एक का भी बैलेंस जरा सा भी डगमगा जाता है तो वैवाहिक जीवन की गाड़ी पटरी से उतर जाती है। इसलिए, दोनों को अपने वैवाहिक जीवन को बैलेंस करने चलना होता है। वैसे भी वो जमाने लद गए, जब पुरूष केवल बाहर जाकर घर की आर्थिक जिम्मेदारी उठाते थे और महिलाएं घर संभालती थी। अब दोनों की पार्टनर दोनों जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं तो ऐसे में रिश्ते व जीवन को बैलेंस करना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है, अन्यथा रिश्ते में कड़वाहट घुलते देर नहीं लगती। बहुत बार पति-पत्नी के बीच झगड़े व समस्या का मुख्य कारण चीजों को सही तरह से बैलेंस ना करना भी होता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आप अपने वैवाहिक जीवन को सही तरह से बैलेंस किस तरह करें, ताकि आपके बीच प्यार यूं ही बना रहे-

ईगो को रखें दूर

अगर आप दोनों सच में चाहते हैं कि आपके वैवाहिक रिश्ते का बैलेंस बना रहे तो ऐसे में आपको सबसे पहले अपने ईगो को कोसों दूर रखना होगा। कुछ कपल्स के बीच देखने में आता है कि पुरूष अपने अहम् के चलते घर के कामों में पत्नी का हाथ बटाना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। ऐसे में महिला को एक साथ कई मोर्चों पर काम करना पड़ता है। जिसके चलते ना सिर्फ उनका आपसी रिश्ता प्रभावित होता है, बल्कि एक समय ऐसा भी आ जाता है, जब महिला पूरी तरह से ड्रेन आउट हो जाती है।

जिम्मेदारियों को समझें

मॉडर्न युग में अगर रिश्ते को बैलेंस करने की बात होती है तो ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि पति व पत्नी दोनों को ही अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। चूंकि आज के समय में घर की आर्थिक जिम्मेदारी सिर्फ पुरूष के कंधों पर नहीं होती, ठीक इसी तरह घर व बच्चों को संभालने का दायित्व केवल पूरी तरह से महिला को नहीं सौंपा जा सकता। दोनों ही सहभागिता ही उनके रिश्ते को खुशनुमा बना सकती है।

करें बात

बातचीत किसी भी रिश्ते की खिड़की होती है। अगर बातचीत की खिड़की खुली हो तो प्यार व आपसी समझ की हवा हमेशा उनके दांपत्य जीवन में आती रहती है। इसलिए, अगर आप दोनों अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बेहतरीन तरीके से करना चाहते हैं तो ऐसे में आपसी बातचीत करना बेहद जरूरी है। इससे आप दोनों को यह समझ में आएगा कि आप घर व बाहर की जिम्मेदारियों में आपसी तालमेल किस तरह से बिठा सकते हैं।

बांट लें जिम्मेदारियां

अगर जिम्मेदारियों को समझने के बाद उन्हें बांट लिया जाए तो इससे पति व पत्नी दोनों का ही बोझ काफी हल्का हो जाता है। यहां जिम्मेदारियों का तात्पर्य केवल घरेलू जिम्मेदारियों से ही नहीं है, बल्कि आर्थिक व अन्य भी हर तरह की जिम्मेदारियों को बांट लें। मसलन, आप दोनों मिलकर तय कर सकते हैं कि घर के लोन की किस्त एक पार्टनर भरेगा तो दूसरा घर के राशन और बिजली व अन्य बिल की जिम्मेदारियों को उठा सकता है। ठीक इसी तरह, अगर एक पार्टनर किचन की जिम्मेदारी को संभाल रहा है तो दूसरा पार्टनर क्लीनिंग से लेकर ग्रॉसरी शॉपिंग की जिम्मेदारी ले सकता है।

कंफर्ट का रखें ख्याल

यह एक सबसे जरूरी स्टेप है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जब आप आपस में जिम्मेदारियों को बांट रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जिम्मेदारियों का बंटवारा कुछ इस तरह करें कि इससे सामने वाले व्यक्ति को किसी तरह की असहजता ना हो। साथ ही आप दोनों एक-दूसरे के काम की टाइमिंग व अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखकर ही काम व अन्य जिम्मेदारियों को बांटें।

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