Handle Partner Emotion: हर किसी के जीवन में ऐसा समय आता है, जिस वक्त वह भावनात्मक रूप से कमजोर और अकेला महसूस करने लगता है। ऐसी स्थिति में उसे भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है। खासकर इमोशनल पार्टनर के इमोशंस को समझना और संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में एक वास्तविक प्रयास, साइलेंट अंडरस्टैंडिंग और एक कप कॉफी पार्टनर की चिंताओं को कम करने और चेहरे पर मुस्कान लाने में मदद कर सकती है। यदि आपका पार्टनर भी किसी प्रकार के कठिन समय से गुजर रहा है तो उन्हें आपके प्यार और सपोर्ट की जरूरत है। इस सिचुएशन में पार्टनर के इमोशंस को कैसे संभालें, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
बात को सुनें और समझें

जब आपका पार्टनर आपसे खुलकर बात करता है, तो ऐसे में उसकी बातों को सुनना और ध्यान देना महत्वपूर्ण होता है। खासकर, तब जब आपके पास बैठने और बात करने का समय न हो, लेकिन आपके द्वारा दिया गया क्वालिटी टाइम उन्हें इमोशनली सपोर्ट कर सकता है। इस दौरान पार्टनर को बीच में टोकने और जल्द किसी नतीजे पर पहुंचने की भूल न करें।
ध्यान देना
कठिन समय में पार्टनर की छोटी-छोटी बातों और हरकतों पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। उन्हें खुश करने के लिए फूल देना, उनकी पसंद का खाना बनाना या उनकी जरूरत का ध्यान रखना रिश्ते को मजबूती प्रदान कर सकता है। आपके ये छोटे-छोटे एफर्ट पार्टनर को इमोशनल सपोर्ट दे सकते हैं। इस दौरान दिए गए सरप्राइज भी पार्टनर के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।
गले लगना
जब हम कमजोर और अकेला महसूस करते हैं तो पार्टनर का गले लगना ही काफी होता है। जब आपके पार्टनर को भावनात्मक समर्थन प्रदान करने की बात आती है तो आपके द्वारा किया गया एक हग आरामदायक लग सकता है। आप बात करते समय उनका हाथ पकड़ सकते हैं व सहला सकते हैं। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग स्तर का फिजिकल अफेक्शन पसंद होता है। हग या हाथ पकड़ने से पहले पार्टनर से पूछना न भूलें।
हमेशा उपस्थित रहें

जब आपके पार्टनर को इमोशनल सपोर्ट की आवश्यकता हो तब आप हमेशा उपस्थित रहें। साथ ही उन्हें आश्वस्त करें कि किसी भी विषम परिस्थिति में आप उनका सपोर्ट करेंगे। यदि आपका पार्टनर ऐसी स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा है तो अपना हाथ बढ़ाएं और खुद भी निराश न हों।
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दें सही सलाह
कई बार पार्टनर ऐसी सिचुएशन में फंस जाता है जहां उन्हें सही सलाह या गाइडेंस की आवश्यकता होती है। ऐसे वक्त में एक पार्टनर के तौर पर नहीं बल्कि दोस्त बनकर सही सलाह दें। साथ ही उनके द्वारा लिए गए डिसीजन का सपोर्ट करें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
मनोवैज्ञानिक सपोर्ट
जब कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर होता है तो उसे मनोवैज्ञानिक सपोर्ट की आवश्यकता भी महसूस हो सकती है। यदि आपका पार्टनर सिचुएशन को हैंडल करने में असमर्थ और असहाय फील कर रहा है तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया जा सकता है। मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में मनोचिकित्सक ही इमोशंस पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं।
