दिल तोड़ देता है डिवोर्स, इस मुश्किल समय में खुद को संभाले जरा प्यार से: Coping with a Divorce
Coping with a Divorce

Overview:

टूटे दिल के साथ जब कोई डिवोर्स यानी तलाक लेता है तो यह सिर्फ संबंध को ही नहीं तोड़ता, यह उस शख्स को भी अंदर से चकनाचूर कर देता है। अपने बिखरे हुए सपनों, अरमानों और ख्वाहिशों को फिर से बटोरकर संभालना कोई आसान काम नहीं है।

Coping with a Divorce: दो लोग जब शादी के बंधन में बंधते हैं तो एक-दूसरे को लेकर कई सपने संजोते हैं। इसे सात जन्मों का बंधन मानकर कई कसमें वादे किए जाते हैं। भविष्य के सपनों का आशियाना प्यार की नींव पर खड़ा किया जाता है। लेकिन जब साथ चलकर भी राहें अलग-अलग होने लगती हैं तो प्यार का ये घरौंदा ताश के पत्तों की तरह ढह जाता है। टूटे दिल के साथ जब कोई डिवोर्स यानी तलाक लेता है तो यह सिर्फ संबंध को ही नहीं तोड़ता, यह उस शख्स को भी अंदर से चकनाचूर कर देता है। अपने बिखरे हुए सपनों, अरमानों और ख्वाहिशों को फिर से बटोरकर संभालना कोई आसान काम नहीं है। कई बार लोगों को इस दर्द से उबरने में सालों का समय लग जाता है। अगर आप भी जिंदगी के इस कठिन दौर से गुजर रहे हैं तो कुछ तरीके आपके दिल के घावों पर मरहम साबित हो सकते हैं।

Coping with a Divorce-जब कोई इंसान तलाक जैसा बड़ा फैसला लेता है तो इससे पहले वह दर्द के कई दौर से गुजर चुका होता है।
When a person takes a big decision like divorce, he has already gone through many phases of pain before that.

जब कोई इंसान तलाक जैसा बड़ा फैसला लेता है तो इससे पहले वह दर्द के कई दौर से गुजर चुका होता है। अधिकांश मामलों में ऐसा फैसला तब ही लिया जाता है जब बर्दाश्त की हद पार हो जाती है। ऐसे में दुख, दर्द, पीड़ा, गुस्सा, डिप्रेशन, समाज के कटाव जैसे कई पड़ावों से वो गुजरता है। इसलिए उस शख्स के परिवार और दोस्तों की जिम्मेदारी होती है कि वह इस मुश्किल समय में उनका साथ दे। साथ ही इस पीड़ा से गुजर रहे लोगों को खुद को भी अपने लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है।

कई बार लोग इस बात को स्वीकार ही नहीं पाते कि तमाम कोशिशों के बावजूद उनका रिश्ता कामयाब नहीं हो सका। ऐसे में वे अपने दिल को समझाते रहते हैं। लेकिन जो हो गया है, वो सच्चाई है। इसलिए आप अपनी फीलिंग्स को स्वीकारें और खुल कर उन्हें बताएं। ऐसा करने से आपका दिल हल्का होगा।

शादीशुदा जिंदगी में महिला हो या फिर पुरुष हर किसी को कई समझौते करने पड़ते हैं। अपनी कई इच्छाओं को दबाना पड़ता है, कई हॉबीज को छोड़ना पड़ता है और अपनी कई ख्वाहिशों को लेकर समझौता करना पड़ता है। लेकिन तलाक के बाद ये सभी आपको इस दर्द से उबरने में मदद करेंगी। आप अपनी रुचियों और शौक को पूरा समय दें। इससे न सिर्फ आपको संतुष्टि और खुशी मिलेगी, बल्कि आप इमोशनली और मेंटली स्ट्रांग भी फील करेंगी।

योग और मेडिटेशन आपकी जिंदगी बदल सकते हैं। ये आपकी फिजिकल और मेंटल दोनों हेल्थ के लिए अच्छे हैं। इससे जिंदगी को देखने का आपका नजरिया बदल जाएगा। आप अच्छा महसूस करेंगे। यह आपके स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जायटी सभी को कम करेगा। इसलिए सुबह के समय कम से कम आधा घंटा आप योग और मेडिटेशन को दें।  

कहते हैं खाली दिमाग शैतान का घर, ये बात काफी हद तक सही है। जब आपके पास समय ज्यादा होता है तो आप बैठे-बैठे अतीत के गलियारों में ही  घूमते रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी एक दिनचर्या बनाएं और उसी के अनुसार अपना शेड्यूल फॉलो करें। इससे आपका पर्सनालिटी डवलपमेंट भी होगा और आपको मेंटल पीस भी मिलेगा।  

सबसे जरूरी है कि आप सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी में आगे बढ़ें। जी हां, यही सोच आपके जीवन की दिशा और दशा दोनों तय करेगी। अपना ध्यान जो बीत गया है उससे हटाकर आने वाले कल को संवारने पर लगाएं। भविष्य के अवसरों को तलाशें और उनकी ओर बढ़ें। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...