Sadness after Sex: सेक्स को आमतौर पर एक सुखद अनुभव के रूप में देखा जाता है—एक ऐसा पल जो नज़दीकी, उत्साह और संतोष से भर देता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि एक अंतरंग पल के तुरंत बाद, आपको एक अजीब सी खालीपन, बेचैनी या यहां तक कि उदासी ने घेर लिया हो? शरीर थक चुका होता है, सांसें धीमी पड़ती हैं, लेकिन मन बेचैन हो जाता है। अचानक रोने का मन करता है, या ऐसा लगता है जैसे कुछ टूट सा गया हो अंदर।
अगर ऐसा आपके साथ हुआ है, तो जान लीजिए कि आप अकेली नहीं हैं। इस अनुभव का नाम है पोस्टकोइटल डिस्फोरिया (PCD) यानी सेक्स के बाद आने वाली उदासी।
इस लेख में जानते हैं कि ये क्यों होता है, किसे होता है, और इससे निपटने के तरीके क्या हो सकते हैं। क्योंकि सेक्स सिर्फ शरीर की बात नहीं होती ये आत्मा और मन का भी मामला है।
ये अनुभव कैसा होता है?
सेक्स के बाद अचानक मूड बिगड़ जाना, बिना किसी स्पष्ट वजह के रोने का मन करना, खालीपन या निराशा का अनुभव ये सब PCD के लक्षण हो सकते हैं। ये कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक रह सकते हैं।
ऐसा क्यों होता है?
हार्मोनल बदलाव
सेक्स के दौरान शरीर में डोपामिन और ऑक्सीटोसिन जैसे ‘फील गुड’ हार्मोन रिलीज़ होते हैं। लेकिन जैसे ही क्लाइमैक्स खत्म होता है, ये हार्मोन अचानक कम हो सकते हैं, जिससे मूड डाउन हो सकता है।
इमोशनल ओवरलोड

सेक्स सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक भी होता है। कभी-कभी शरीर तो तैयार होता है, पर मन नहीं। ऐसे में भावनाएं भटक सकती हैं, और बाद में आकर भारीपन दे सकती हैं।
पिछले अनुभवों का असर
अगर किसी ने पहले सेक्स के साथ जुड़ा ट्रॉमा, गिल्ट या शर्म का अनुभव किया हो, तो वो भावनाएं सेक्स के बाद लौट सकती हैं।
भावनात्मक असंतुलन
जब दो लोग सेक्स करते हैं लेकिन भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के साथ नहीं जुड़े होते, तो उस “disconnect” की भावना सेक्स के बाद ज़्यादा उभर सकती है।
अकेलापन या खालीपन
सेक्स एक अंतरंग अनुभव होता है। लेकिन अगर उसके बाद साथी से जुड़ाव न महसूस हो, तो एक अजीब सी दूरी का एहसास हो सकता है—जो कि उदासी में बदल सकता है।
क्या ये सामान्य है?
हां, ये एक आम अनुभव है, और इसे महसूस करना आपको “कमज़ोर” नहीं बनाता। रिसर्च बताती है कि लगभग 40% महिलाएं और 20% पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी PCD का अनुभव करते हैं।

इससे कैसे निपटें?
खुद को समझें और स्वीकारें। ये जानना कि ये फीलिंग्स आम हैं, पहला कदम है।
अपने पार्टनर से इस बारे में बातचीत करें। एक सुरक्षित स्पेस बहुत कुछ बदल सकता है।
सेल्फ-केयर पर ध्यान दें। आप सेक्स के बाद कुछ ऐसा करें जो आपको सुकून दे जैसे गर्म पानी से नहाना, हल्का संगीत सुनना या कुछ देर अकेले बैठना।
अगर ये फीलिंग्स बार-बार आती हैं या ज़्यादा गहरी लगती हैं, तो किसी सेक्स थेरेपिस्ट या काउंसलर से मिलना मददगार हो सकता है।
याद रखें सेक्स एक बहुत व्यक्तिगत अनुभव है और हर किसी का तरीका, भावनाएं और प्रतिक्रिया अलग हो सकती हैं। अपनी भावनाओं को दबाएं नहीं उन्हें समझें, महसूस करें और उनसे दोस्ती करें।
