Overview: सेक्स के बाद क्यों हो जाता है मूड खराब और एंजाइटी, जानें इससे उभरने का तरीका
सेक्स के बाद कई लोग एंजाइटी और उदासी जैसी भावनाएं महसूस कर सकते हैं। लेकिन कुछ प्रभावी तरीकों को अपनाकर इससे निजात मिल सकता है।
Anxiety after Sex: सेक्स एक ऐसा अनुभव है जो व्यक्ति को शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। कई बार सेक्स के बाद भ्रम, उदासी या एंजाइटी जैसी भावनाएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि ये भावनाएं सामान्य तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाती हैं लेकिन कुछ मामलों में ये आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकती हैं। ये एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हमारे समाज में खुलकर चर्चा नहीं की जाती जिसकी वजह से ये अनुभव और भी जटिल हो सकता है। यदि आप भी सेक्स के बाद बार-बार एंजाइटी या अवसाद महसूस करते हैं, तो इसके पीछे के कारणों के बारे में जान लें। साथ ही जानें इस समस्या से कैसे निजात मिल सकता है।
सेक्स के बाद एंजाइटी और उदासी के कारण

हार्मोनल बदलाव: सेक्स के दौरान प्यार और लगाव से जुड़े हार्मोन जैसे ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन अपने चरम पर होते हैं। सेक्स के बाद ये हार्मोन अचानक कम हो जाते हैं, जिससे शरीर और मन को सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगता है। यह हार्मोनल ‘ड्रॉप’ उदासी या एंजाइटी का कारण बन सकता है।
सेक्स के प्रति भावनाएं: कुछ लोग जो सेक्स को लेकर अचेतन अपराधबोध या शर्मिंदगी महसूस करते हैं, खासकर जो रूढ़िवादी या आलोचनात्मक माहौल में पले-बढ़े हैं, उन्हें पोस्टकॉइटल डिस्फोरिया (PCD) का अनुभव हो सकता है। सेक्स को ‘गलत’ या ‘गंदा’ मानने की धारणा इस भावना को बढ़ा सकती है।
वन-नाइट स्टैंड या कैजुअल हुकअप: अनजान पार्टनर के साथ सेक्स के बाद अकेलापन या पछतावा महसूस हो सकता है। यह भावनात्मक दूरी PCD को बढ़ा सकती है।
बॉडी इमेज से जुड़ी समस्याएं: यदि आप अपने शरीर को लेकर शर्मिंदगी या असुरक्षा महसूस करते हैं, तो यह सेक्स के बाद चिंता या उदासी का कारण बन सकता है।
दुर्व्यवहार या इतिहास : यौन शोषण या दुर्व्यवहार का इतिहास PCD को ट्रिगर कर सकता है। यह सहमति वाले सेक्स में भी डर, अपराधबोध या शर्मिंदगी की भावनाएं पैदा कर सकता है।
तनाव या मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: यदि आप रोजमर्रा की जिंदगी में तनाव, चिंता या अवसाद से जूझ रहे हैं, तो सेक्स केवल अस्थायी राहत दे सकता है।
महिलाओं में PCD की अधिक संभावना
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, खासकर मासिक धर्म, गर्भावस्था या प्रसव के बाद, PCD की समस्या बढ़ सकती है। सामाजिक अपेक्षाएं और रिश्तों में असंतुष्टि भी महिलाओं में इस समस्या को बढ़ा सकती है।
इससे निपटने के तरीके

सांस और ग्राउंडिंग तकनीक: सेक्स के बाद चिंता महसूस होने पर 5 इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करें। गहरी सांस लेने या शारीरिक व्यायाम करें।
सेफ वर्ड: सेक्स के दौरान असहजता होने पर सेफ वर्ड का उपयोग करें। यह आपको बिना ज्यादा व्याख्या किए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।
पार्टनर से खुलकर बात करें: अपनी भावनाओं को पार्टनर के साथ साझा करें। खुलकर बात करने से एंजाइटी को कम किया जा सकता है।
अपनी जरूरतों को व्यक्त करें: अपनी पसंद-नापसंद को समझें और पार्टनर को बताएं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और चिंता कम होती है।
सेल्फ-केयर रूटीन: सेक्स के बाद पार्टनर के साथ समय बिताएं, जैसे गले लगना, बात करना या साथ में खाना बनाना। यह चिंता को कम करने में मदद करता है।
सेक्स के बाद बरतें ये सावधानियां
– अपनी भावनाओं को पहचानें। उन्हें दबाएं नहीं।
– रिश्ते में खुले संवाद को बढ़ावा दें।
– मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा न करें।
– ट्रॉमा या PTSD के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें।
– सेक्स के दौरान जबरदस्ती करने से बचें।
– सेक्स के बाद कुछ देर मेडिटेशन करें।
