fifty shades freed novel in Hindi: दिल तेजी से धड़क रहा था और ऐसा लगता था कि अभी कलेजा बाहर आ जाएगा। शायद शराब का भी असर था।
“क्या वह…”
“नहीं मैम! बस बेहोश है।” रेयान ने कहा
“और तुम? ठीक तो हो?”
वह ऐसेे हांफ रहा है मानो मैराथन से आया हो। उसने अपने होंठ और मुंह से खून साफ किया।
“मिसेज ग्रे! उसने बहुत हाथापाई की पर मैंने संभाल लिया। अब सब नियंत्रण में है।”
“और गेल? वे कहां गईं? वे ठीक तो हैं?”
तभी गेल दिखाई दीं। वे अपने गाउन में थीं और उनका चेहरा भी मेरी तरह स्याह पड़ा हुआ था।
वे टेलर के कमरे से निकली थीं। खैर जो भी हो, वे ठीक तो थीं। यही बहुत था।
तभी देखा कि बरामदे के दरवाजे का कब्जा निकला हुआ था। इसे क्या हुआ?
“क्या ये अकेला आया था?”
“हां मैम! अगर वह अकेला न होता तो आप यहां न खड़ी होतीं”
“ये यहां आया कैसे?”
“ये सर्विस लिफ्ट से आया है।”
फिर मुझे रेयान ने बताया कि उसने उसे आते देख लिया था। उसे पता था कि मैं बाहर थी और गेल सुरक्षित थी इसलिए उसने उसे आने का मौका दिया ताकि उसे रंगे हाथों पकड़ा जा सके। रेयान अपने से बहुत खुश दिखा।
“अब क्या करें?”
“इसे पुलिस को दे दें।” मैंने कहा
“पहले हमें इसे बांधना होगा।”
“इसके लिए हमें क्या चाहिए होगा?”
“कहीं से रस्सी मिल जाती तो?”
“मैं लाती हूं।” मुझे अपने कमरे में पड़ी केबल की याद आ गई।
सबके चेहरे पर हैरानी थी कि मेरे पास रस्सी का क्या काम पर मैंने उन्हें अनेदखा किया और रस्सी ले आई।
स्वेयर ने उसे बांध दिया। मिसेज जोंस रेयान की मरहम पट्टी करने लगी। उसकी आंख के पास एक घाव था। ओह! तभी मेरी नज़र जैक पर पड़ी। उसके पास हथियार था।
ज्यों ही मैं उसे उठाने लगी तो प्रेस्कोट ने रोक दिया।
स्वेयर हाथों में दस्ताने पहनकर आया और बोला
“आप रहने दें। हम देख लेंगे। क्या ये इसकी है।”
“जी मैम।”
ओह! रेयान मेरे घर में एक हथियारबंद आदमी से लड़ा
वे लोग टेलर को फोन मिला रहे थे और वह उठा नहीं रहा था। उन्होंने अंदाजा लगाया कि अभी उस देश में रात के एक बज कर पैंतालीस मिनट होंगे।
मेरा मन बुरी तरह खीझ रहा था। इस जैक नामक आदमी ने मेरे घर में सेंध लगाई है। इसे तो अभी पुलिस के हवाले कर देना चाहिए पर बाकी सब लोगों के चेहरे देखकर लगा कि शायद मुझे कुछ और करना चाहिए। मुझे तो क्रिस्टियन को फोन करना चाहिए। मुझे पता था कि वह मुझसे नाराज है। ये भी पता था कि वह कुछ भी कह सकता है पर बात तो करनी ही थी। उसे फोन मिलाया तो पता चला कि उसका फोन भी बंद आ रहा था। शायद उसने भी गुस्से में आकर फोन ऑफ कर दिया होगा। जब उसे पता चलेगा तो कितना परेशान होगा क्योंकि वह यहां नहीं है और कल शाम तक आ भी नहीं सकता। मैं जानती हूं कि आज शाम ही उसे बहुत चिंता में डाल चुकी हूं। अगर वह यहां होता? इस सोच से ही मेरा दिल दहल गया। जैक के पास हथियार था। शुक्र है कि क्रिस्टियन बाहर गया हुआ था। मैं भी बाहर थी शायद इसलिए हमें ज्यादा दिक्कत नहीं हुई वरना कुछ भी हो सकता था।
“क्या वह ठीक है?” मैंने जैक की ओर संकेत करके कहा।
“जब ये उठेगा तो इसकी खोपड़ी घूम रही होगी। वैसे ये ठीक है।”
मैंने फोन मिलाया पर वह वॉयस मेल पर गया। मैं सबसे थोड़ा दूर हो गई।
“हाय! मैं बोल रही हूं। प्लीज! मुझसे गुस्सा मत करो। हमारे घर में एक दुर्घटना हो गई है। चिंता मत करना। सब ठीक है। किसी को चोट नहीं आई। मुझे फोन करो।”
“पुलिस को बुलाओ।” मैंने स्वेयर से कहा और वह फोन करने लगा।
एक अधिकारी स्वेयर के साथ बात कर रहा है और दूसरा रेयान के साथ टेलर के ऑफिस में है। पता नहीं प्रेस्कॉट कहां है। जासूस क्लार्क मुझसे सवाल-जवाब कर रहा है। शायद उसे नींद से जगाकर लाया गया है क्योंकि सिएटल के सबसे अमीर और खानदानी घर में किसी ने घुसपैठ की है।
“वह आपका बॉस होता था?” उसने पूछा।
“जी”
मैं हद तक थक गई हूं और सोना चाहती हूं। अभी तक उसका फोन नहीं आया। जैक को यहां से हटा दिया गया है। मिसेज जोंस हमारे लिए चाय बना लाई।
“थैंक्स! मि. ग्रे कहां हैं?”
“वे काम के सिलसिले में न्यूयार्क गए हुए हैं। कल शाम आएंगे।”
“मुझे आपका बयान चाहिए होगा पर अभी रात बहुत हो गई है। और बाहर कुछ रिपोर्टर भी घूम रहे हैं। क्या मैं आसपास देख सकता हूं?”
“जी क्यों नहीं।” मुझे बाहर वालों की चिंता नहीं थी। वे कल सुबह तक कुछ नहीं कर सकते। हां रे व मॉम से बात करनी होगी। उन्हें कहीं से पता चला तो बहुत परेशान होंगे।
“मिसेज ग्रे! आप आराम करो।” मिसेज जोंस ने कहा
मेरा मन रोने को हो आया और वे मेरा कंधा सहलाने लगीं।
“हम सुरक्षित हैं। आप सो कर उठेंगी तो बेहतर महसूस करेंगी। कल शाम तक मिग्रे भी आ जाएंगे।”
“क्या आपको सोने से पहले कुछ चाहिए? ”
“खाने को कुछ चाहिए?”
“दूध और सैंडविच चलेगा।”
वे किचन से लेने चली गईं। अचानक ही मुझे अपने पति की याद सताने लगी। क्या शाम थी। मैं चाहती थी कि वह आ कर मुझे अपनी बांहों में भर ले पर ऐसा कल शाम तक नहीं हो सकता था। उसने मुझे क्यों नहीं बताया कि उसने सबके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध कर दिए हैं? जैक के कंप्यूटर में क्या था? वह इतना परेशान क्यों है? जो भी हो, मैं बाकी सब भुला कर, इस समय तो उसे ही चाहती हूं। मुझे उसके सिवा कुछ नहीं चाहिए।
“एना! ये लो।” मिसेज जोंस ने मुझे पीनट बटर जैली सैंडविच दिया। मैंने सालों से नहीं खाए। मैं धन्यवाद देकर उसे खाने लगी।
जब मैं लेटी तो उसके पलंग पर लेट कर, उसकी ही टी-शर्ट पहन ली। उसके बिस्तर और टी-शर्ट में से उसकी गंध आ रही थी। मेरा मूड अचानक ही संभल गया।
जब उठी तो दिमाग चकरा रहा था। शायद हैंगओवर था। मैंने आंखें खोलीं तो सामने कुर्सी पर क्रिस्टियन को बैठा देखा। उसके हाथ में एक बड़ा जाम था। एक टांग घुटने के पास मुड़ी थी और वह अभी सफर के ही कपड़ों में था। वह अपने होंठ पर अंगुली फिराते हुए कुछ सोच रहा था। वह कैसे आ सकता है? मैं सपना देख रही हूं।
अगर वह आ गया है तो क्या वह कल रात न्यूयार्क से निकला था। क्या वह मुझे सोते हुए देख रहा था?
“हाय ”
उसने मुझे देखा और मेरा कलेजा मुंह को आ गया। अरे नहीं। मैंने सोचा कि शायद वह आगे बढ़कर मुझे चूमेगा पर वह उसी तरह अपना गिलास थामे बैठा रहा।
“हैलो! ” मैं जानती हूं कि वह गुस्से में है।
“तुम आ गए?”
“लगता तो यही है।”
मैं धीरे से उठी। मेरा मुंह सूख रहा है।
“तुम कब से यहां बैठे हो?”
“बहुत देर से”
“मुझसे गुस्सा हो?”
“गुस्सा…?”
“गुस्से की हदों से भी पार”
मैंने एक गिलास पानी पीया शायद कुछ होश आए।
“रेयान ने जैक को पकड़ लिया।” मैंने माहौल बदलना चाहा
“मुझे पता है।”
“बेशक! उसे पता है।”
“सॉरी! कल मैं बाहर चली गई थी।”
“अच्छा! शर्मिंदा हो”
“नहीं”
“तो माफी किसलिए ?”
“क्योंकि मैं नहीं चाहती कि तुम मुझसे नाराज़ रहो।”
उसने भारी सांस ली और बालों में हाथ फेरा। वह गुस्से में भी कितना प्यारा लगता है। मेरा प्यारा क्रिस्टियन!
“शायद जासूस क्लार्क तुमसे बात करना चाहता है?”
“हां!”
“क्रिस्टियन प्लीज!”
“बोलो।”
“मुझसे इतनी रुखाई मत दिखाओ।”
“एनेस्टेसिया! रुखाई……मैं गुस्से से पागल हो रहा हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं?”
ओह शिट! मैंने उसकी बात को अनुसना किया और वही किया जो मैं कल शाम से करना चाहती थी। मैं जा कर उसकी गोद में सिमट गई। उसने मुझे बाजुओं में घेर लिया और बालों को नाक से सहलाने लगा। आज यह व्हिस्की पी रहा है। उसने एक गहरी आह भरी।
“मिसेज ग्रे! समझ नहीं आता कि तुम्हारा किया क्या जाए? ”
उसने मुझे बहुत से चुंबनों से लाद दिया।
“आज तुमने कितनी पी है?”
“क्योंकि तुम अक्सर शराब नहीं पीते।”
“ये मेरा दूसरा गिलास है। एनेस्टेसिया! आज की रात भारी थी। मुझे थोड़ा सांस लेने दो।”
मैंने उसे बताया कि मैं उसके बिस्तर में उसके कपड़े पहनकर सोई थी और मुझे बहुत अच्छा लगा। उसका मूड संभलने लगा था।
“मैं तुमसे बहुत नाराज हूं।”
“मैं भी नाराज हूं।” मैंने भी अदा से कहा।
“अच्छा जी! मैंने ऐसा क्या किया कि आप नाराज हो?”
“जब तुम्हारा गुस्सा उतर जाएगा। तब बता देंगे।” उसने मुझे कसकर थाम लिया।
“जब मैं सोचता हूं कि क्या हो सकता था तो मेरी रूह कांप जाती है…”.उसने भर्राए गले से कहा
“मैं ठीक हूं।”
“ओह एना! ”
ये क्या……यह तो एक सुबकी थी।
“हम सब ठीक हैं। गेल, रेयान और मैं… हम ठीक हैं। जैक को यहां से ले गए हैं।”
“एना! मैं इस बारे में अभी बात नहीं करना चाहता।”
“क्यों! हुआ क्या?”
ओह! चलो कोई बात नहीं। कम-से-कम बात तो कर ही रहा है।
“मैं तुम्हें सजा देना चाहता हूं। जी में तो आता है कि मार-मार कर….”
मेरा कलेजा उछल कर मुंह को आ गया।
“एना! एना! तुमने मेरे सब्र की हद देख ली है।”
“मि. ग्रे! भला ऐसा हुआ क्या?”
“मिसेज ग्रे!” उसने हंस कर मुझे चूम लिया।
“आओ! सोने चलो। मेरे साथ लेटो।”
“नहीं, बहुत से काम बाकी हैं।”
“क्या अब भी नाराज हो?”
“हां।”
“तो मैं सोने जाऊं?”
उसने मुझे कंबल ओढ़ा दिया।
“हां! तुम सो जाओ।”
बेशक! बड़ी राहत मिली। वह लौट आया है। और अब मैं आराम से सो सकती हूं। वैसे ये समझ नहीं आया कि उसने आज तनाव को भगाने के लिए अपना पुराना तरीका क्यों नहीं अपनाया। वह मेरे पास क्यों नहीं आया?
“ये लो ऑरेंज जूस पी लो।” दो घंटे बाद उठी तो मेरे लिए जूस इंतजार कर रहा था। मुझे याद आया कि जब मैं पहली बार उसके साथ हीथमैन होटल में जागी थी तो ऐसा ही सीन था। तब भी वह इसी तरह कसरत के बाद पसीने से भीगा हुआ था।
“मैं नहा कर आता हूं।” वह बाथरूम में चला गया। ये अब भी कटा-कटा सा बर्ताव क्यों कर रहा है?
मैं यही सोचते-सोचते बिस्तर से उठी और घड़ी पर नजर गई। आठ बज गए थे। मैने झट से उसकी टी-शर्ट उतारी। वह शॉवर में था। मैं बिना हिचके उसकी पीठ से जा लगी। उसे कस कर पकड़ लिया। एक ही पल में हम फिर से साथ थे और मैं उन पलों को याद करने लगी जो हम दोनों ने इसी तरह पानी के नीचे बिताए थे। उसने मुझे मुड़ कर चूमा और फिर घूम गया। ये इतना शांत तो कभी नहीं रहा। आज कोई बात तो है।
“एना!” उसने कहा
मेरे हाथ उसके पेट के निचले हिस्से की ओर जा रहेे थे। मैं वहीं ठिठक गई।
“नहीं! मत करो।”
मैंने उसे झट से छोड़ दिया। वह इंकार कर रहा है? क्या आज से पहले भी ऐसा हुआ है? ऐसा लगा कि किसी ने मेरे मुंह पर चांटा दे मारा हो। वह मुड़ा तो मुझे अच्छा लगा। अभी उसने पूरी तरह से मुझे अनदेखा नहीं किया है। वह मेरा चिबुक उठा कर आंखों में झांकने लगा
“तुम मुझसे इतना गुस्सा क्यों हो?”
“इतनी बड़ी बात तो नहीं हुई।”
“बड़ी बात?”
“मतलब मैं कहना चाहती थी… मैं यहां नहीं थी।
“मैं जानता हूं। ये इसलिए हुआ कि तुम एक छोटी-सी बात भी नहीं मान सकतीं। मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।” वह तौलिया लेकर बाहर निकल गया।
सत्यानाश! सत्यानाश! सत्यानाश!
अब मुझे समझ आया कि जैक मेरा अपहरण करने आया था। उन्होंने वह मुंह चिपकाने वाली टेप उसके पॉकेट से बरामद की थी। तो क्या क्रिस्टियन के पास सारी जानकारी है? मैं झट से बाहर आई। मुझे जानना है। मुझे सब पता करना है। मैं नहीं चाहती कि वह मुझे अंधेरे में रखे।
जब मैं आई तो वह कपड़े पहन कर बाहर जा चुका था। मैंने भी यही किया। झट से उसकी पसंद की पोशाक पहनी और बाहर आ गई। अपने बालों को जूड़े में बांधा। कानों में हीरे के टॉप्स पहनते हुए बाथरूम की ओर भागी ताकि थोड़ा मस्कारा लगाया जा सके। शीशा देखा तो अपना पीला चेहरा दिखाई दिया। आज मुझे अपनी दोस्त के साथ मजा करने की सजा भुगतनी होगी।
वह बड़े कमरे में भी नहीं दिखा और मिसेज जोंस रसोई में है।
ये उपन्यास ‘फिफ्टी शेड्स फ्रीड’ किताब से ली गई है, इसकी और उपन्यास पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – fifty shades freed (फिफ्टी शेड्स फ्रीड)
“गुड मार्निंग एना”
“गुड मार्निंग”
“कुछ लोगी?”
“ऑमलेट चलेगा।”
“मशरूम, पालक व चीज़ डाल देना।”
“क्रिस्टियन कहां है?”
“वे स्टडी में हैं।”
“क्या उसका नाश्ता हो गया?”
“नहीं मैम”
“थैंक्स”
क्रिस्टियन सफेद कमीज में है। शायद ऑफिस नहीं जा रहा। वह फोन पर था। मुझे सिर के संकेत से अंदर जाने से रोका गया। मैं नाश्ते की मेज पर आ गई। टेलर से भेंट हुई। मैं समझ सकती थी कि वह गुस्से और तनाव से भरे बॉस के साथ कैसे वापिस आया होगा।
टेलर अपने बॉस के पास जा सकता है। मुझे इजाजत नहीं है।
तभी मेरा नाश्ता आ गया। भूख मर गई थी पर अगर न खाती तो मिसेज जोंस को बुरा लगता। मैं ब्रश करने गई तो मन ही मन तय कर लिया कि मुझे अपने पति से बात करनी होगी। कितनी बातें हैं जो केट को पता थी और मैं नहीं जानती। मुझे इस तरह अंधेरे में नहीं रखा जा सकता।
मैंने ब्रश करके हल्का सा ग्लॉस लगाया। अपनी जैकेट ली और कमरे में आई। वह अपना नाश्ता कर रहा था।
“तुम जा रही हो?”
“हां काम पर।” मैं उसके पास जा कर खड़ी हो गई।
“बहुत सी बातें करनी हैं। तुम शांत हो जाओ तो शाम को बात करते हैं।” मैंने कहा
“शांत हो जाऊं?”
“हां! तुम समझते हो कि मैं क्या कहना चाहती हूं।”
“नहीं एना! मैं कुछ नहीं समझा”
“मैं लड़ना नहीं चाहती। यही पूछने आई थी कि अपनी कार ले जा सकती हूं?”
“नहीं! नहीं ले जा सकतीं।”
अच्छा प्रेस्कॉट साथ होगी। ये जाने क्यों नहीं देता। अब तो जैक भी पुलिस के पास है। इतनी सुरक्षा? तभी पूछने से पहले ही मुझे अपनी मां की बात याद आ गई। उन्होंने कहा था कि मुझे अपनी लड़ाई भी खुद चुननी होगी। वह मुझे काम पर जाने दे रहा है। यही बहुत है।
मैंने उसके गाल पर एक चुंबन दिया और उसने अपनी आंखें मूंद लीं।
“मुझसे नफरत मत करो।”
“मैं तुमसे नफरत नहीं करता।”
“तुमने मुझे चूमा भी नहीं।”
“मैं जानता हूं।”
मैं कारण पूछना चाहती थी पर कारण तो मैं भी जानती हूं। वह अचानक ही उठा और हमारे होंठ आपस में जुड़ गए। उसने मुझे बहुत ही गहरा चुंबन दिया।
“टेलर और प्रेस्कॉट तुम्हें ले जाएंगे।”
“अगर आज खुद को मुसीबत से दूर रखने की कोशिश करोगी तो मुझे अच्छा लगेगा।”
बाहर जा कर देखा तो लोगों की भीड़ थी। वे जान गए थे कि कल रात हमारे घर क्या हुआ था। मैंने कार में रे और मॉम से बात की और उन्हें तसल्ली दी कि हम ठीक थे।
घर में रुकने का मतलब नहीं था। जैक के पकड़े जाने के बाद भी वह खुश नहीं था और मैं सारा दिन उसके बुरे मूड का शिकार बनती इसलिए ऑफिस में आ कर, खुद को काम में उलझा लिया।
ऑफिस में ज्यादा पूछताछ नहीं की गई। मैंने मेल देखा। मेरे पति ने कोई मेल नहीं दिया था। मैंने फोन भी देखा। तभी उसका मेल आ गया।
फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जेक्ट: जरूरी बात
डेट: 26 अगस्त 2011 13:04
टू: एनेस्टेसिया ग्रे
जासूस क्लार्क दोपहर को तीन बजे बयान लेने आएगा।
मैंने कहा कि वह वहीं आ जाए। कम-से-कम तुम्हें थाने नहीं जाना होगा
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
जैसा मेल आया था। इसका जवाब भी वैसा ही होना चाहिए।
फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे
सब्जेक्ट: जरूरी बात
डेट: 26 अगस्त 2011 13:12
टू: क्रिस्टियन ग्रे मि. ग
ठीक है
एनेस्टेसिया ग्रे
संपादक, एसआईपी
पांच मिनट तक देखा। कोई जवाब नहीं आया। वह आज खेल के मूड में नहीं है। तभी उसके बारे में सोचने लगी। सुबह उठी तो वह आया हुआ था। तो इसका मतलब है कि वह रात को ही वहां से निकल पड़ा होगा। वह आम तौर पर फंक्शनों से दस-ग्यारह के बीच निकलता है। तो वह वहां से क्यों चला। जैक की घटना के कारण या मैं घर से बाहर थी इसलिए?
अगर वह उस समय रास्ते में था तो उसे जैक के बारे में कुछ पता ही नहीं होगा। उसे सिएटल आकर सारी खबर मिली होगी। मुझे इस बारे में पता लगाना होगा। वैसे उसे यहां आकर तो गहरा सदमा लगा होगा। तभी तो वह इतना परेशान दिखा। मुझे पता लगाना होगा कि वह सुबह वापिस कैसे लौट आया।
फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे
सब्जैक्ट: तुम्हारी उड़ान
डेट: 26 अगस्त 2011 13:24
टू: क्रिस्टियन ग्रे
तुमने कल सिएटल के लिए उड़ान लेने का फैसला कब लिया?
एनेस्टेसिया ग्रे संपादक, एसआईपी
फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जेक्ट: तुम्हारी उड़ान
डेट: 26 अगस्त 2011 13:26
टू: एनेस्टेसिया ग
क्यों?
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे
सब्जेक्ट: तुम्हारी उड़ान
डेट: 26 अगस्त 2011 13:29
टू: क्रिस्टियन ग्रे
यूं ही जानना चाहती थी।
एनेस्टेसिया ग्रे संपादक, एसआईपी
फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जेक्ट: तुम्हारी उड़ान
डेट: 26 अगस्त 2011 13:32
टू: एनेस्टेसिया ग्रे
इतनी जिज्ञासा अच्छी नहीं होती।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईआ
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे
सब्जेक्ट: हुंह?
डेट: 23 अगस्त 2011 13:35
टू: क्रिस्टियन ग्रे
तुम इसलिए वापिस आए कि मैं अपनी सहेली के साथ बाहर थी या तुम्हारे घर कोई पागल घुस आया था।
एनेस्टेसिया ग्रे
संपादक, एसआईपी
कोई जवाब नहीं आया। तो मैंने एक और मेल कर दिया।
फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे
सब्जैक्ट: ये बात….
डेट: 23 अगस्त 2011 13:56
टू: क्रिस्टियन ग्रे
मैं समझ गई कि तुम इसलिए ही वापिस आए थे कि मैं केट के साथ बाहर गई थी। मैं सिक्योरिटी के साथ थी। मुझे केट से पता चला कि ग्रे परिवार की सुरक्षा बढ़ाई गई है। तुम हमेशा ऐसा अजनबियों जैसा बर्ताव क्यों करते हो?
कोई चिंता की बात नहीं है पर तुमने बना रखी है। मुझे तो लगता है कि उस दिन घर की बजाए बार में हम ज्यादा सुरक्षित रहे। अगर मुझे तुमने सारी बात बताई होती तो मैं भी थोड़ा संभलकर चलती।
मैं समझ सकती हूं कि तुम्हें जैक के कंप्यूटर में रखी जानकारी के कारण चिंता है- जैसा कि केट से पता चला। मुझसे ज्यादा जानकारी मेरी सहेली को है, मेरे पति के बारे में वह ज्यादा जानती है। क्या तुम अनुमान लगा सकते हो कि मुझे यह जान कर कितना बुरा लगा होगा। क्या तुम मुझे बताओगे या मुझसे किसी बच्चे की तरह ही पेश आते रहोगे और हमेशा यही उम्मीद रखोगे?
केवल तुम्हें ही गुस्सा नहीं आया हुआ। कोई और भी गुस्से से पागल है। समझे?
एनेस्टेसिया ग्रे
संपादक, एसआईपी
अपनी भड़ास निकाल कर मन शांत हो गया। नहीं, मैंने कुछ गलत नहीं किया था। अगर वह कोई गलती करता है तो कम से कम उसे पता तो चलना ही चाहिए।
फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जेक्ट: ये बात
डेट: 26 अगस्त 2011 13:59
टू: एनेस्टेसिया ग्रे
मिसेज ग्रे
तुम हमेशा की तरह मेल पर ही चुनौतियां दे रही हो। हम शाम को भी ये बात कर सकते हैं। जरा अपनी भाषा पर ध्यान दो। मैं अब भी गुस्से में हूं।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ
ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक
मैंने कोई जवाब देने की बजाए अपने काम में मन रमाया।?
क्लार्क के साथ मीटिंग हुई तो मैंने पूछा कि क्या हाइड जेल में था
“जी मैम! वह आज ही हस्पताल से आया है। वह कुछ समय हमारे साथ ही रहने वाला है।”
“मैंने आज सुबह मि. ग्रे से बहुत देर बात की। वाकई! आपके पति दिलचस्प आदमी हैं।”
“हां! ये तो आपने सही कहा।”
उसने जाने से पहले अपना कार्ड दिया। मैं उससे पूछ नहीं सकी कि हाइड पर क्या इल्जाम लगाया गया था। बेशक मुझे मेरे पति से भी पता नहीं चलने वाला।
हम गहरी खामोशी के बीच एस्काला के लिए रवाना हुए। गाड़ी स्वयेर चला रहा था। घर लौट कर पति से गहरी ठनने वाली है। पता नहीं, मेरे अंदर हिम्मत भी बचेगी या नहीं।
ज्यों ही मैं घर पहुंची तो मन ही मन सोचने लगी कि आखिर मैं उससे क्या कहना चाहती थी। मुझे गुस्सा क्यों आ रहा था। मैं लड़ना नहीं चाहती पर कोशिश करनी होगी कि मैं अपनी बात पर डटी रहूं।
हम अंदर पहुंचे तो नजारा ही नया था। पति मुझे टाइट काली टी-शर्ट और फटी जींस में दिखाई दिया। वही जींस जिसे प्लेरूम में पहनता है। तो क्या मेरा ध्यान भटकाने के लिए यह तकनीक अपनाई जा रही थी।
उसने आगे बढ़ कर मेरे हाथ से बैग लिया और मीठी-सी मुस्कान दी।
“तुम्हें घर में देख कर अच्छा लगा। तुम्हारे ही इंतजार में था।”
