सेक्स हम सभी के लिए हमेशा से ही एक कौतुहल का विषय रहा है। इस शब्द को सुनते ही हमारा ध्यान अनायास ही प्यार के एहसासों की ओर खिचा चला जाता है तब कहीं जाकर हमारे अंदर एक मजबूत इच्छा उत्पन्न होती है अपने प्यार को शारीरिक संपर्क से, सेक्स द्वारा अभिव्यक्त करने की। लेकिन यह एक ऐसा विषय बन गया है, जिसके बारे में बात करने से भी लोग हिचकिचाते हैं। सेक्स के जरिये हम प्रेम खोजते हैं और अपने जीवन के खालीपन को भी भरने की कोशिश करते हैं।

पहले आता है

प्यार जीवन में हम सभी को एक सच्चे साथी की आवश्यकता होती है। प्यार पाने के लिए आपको प्यार देना पड़ता है। लेकिन हम सभी के लिए जितना आसान सेक्स है उतना आसान प्रेम नहीं होता, जिसकी वजह से प्रेम आज बहुत बड़ा निषेध बन कर रह गया है। आज के समय में लोग एक सवाल से घिरे हैं कि क्यों वे बिना किसी भावना के रिश्ता बनाने को राजी हो जाते हैं लेकिन एक जि़म्मेदारी वाला रिश्ता बनाना उन्हें अच्छा नहीं लगता। इस सवाल की वजह से लोग यह नहीं समझ पाते कि जैसे सेक्स के बिना जि़ंदगी मजेदार नहीं होती उसी तरह प्रेम के बिना भी वे जिंदगीभर अकेला महसूस करेंगे। हम प्रेम के महत्व को तभी समझेंगे जब हम प्रेम को अपने जीवन में आने देंगे।

प्रेम का कोई अंत नहीं

प्रेम सार्वभौमिक होता है लेकिन सेक्स आपका अपना चुनाव होता है। प्रेम का कोई अंत नहीं होता लेकिन सेक्स केवल शारीरिक संबंध तक ही सीमित होता है। प्रेम विश्वास, भरोसे, केयर और आत्मीयता पर निर्भर करता है। प्रेम ही सब कुछ होता है और जब आप किसी को प्रेम करेंगे तभी आपको भी प्रेम मिलेगा। तो क्या सेक्स और प्रेम एक-दूसरे से जुड़े हैं या प्रेम सेक्स से ज़्यादा महत्वूर्ण होता है या फिर सेक्स सबसे बढ़कर होता है। अक्सर लोगों के लिए प्रेम लेना आसान होता है लेकिन प्रेम देना उतना आसान नहीं होता और किसी से प्रेम करना उतना आसान भी नहीं होता।

बिना प्रेम के सेक्स का कोई महत्व नहीं

सेक्स अपनी भावनाओं को प्रकट करने का एक तरीका होता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सेक्स के लिए आपको किसी की तरफ प्रेम की भावना हो। सेक्स केवल रोमांच या अपने मन की संतुष्टि के लिए भी किया जा सकता है। आप सेक्स बिना प्रेम के कर सकते हैं लेकिन अगर प्रेम की बात करें तो सेक्स के बिना प्रेम मुमकिन नहीं हो सकता, क्योकि जब आपको किसी से प्रेम होता है तो बिना शारीरिक संबंध के आप अपना प्रेम प्रकट नहीं कर सकते और यह दो प्रेमियों के बीच अपना प्रेम ज़ाहिर करने का सबसे स्ट्रांग तरीका है। अपने साथी के प्रति इज़्ज़त और प्रेम प्रकट करने का इससे बेहतर और कोई तरीका नहीं हो सकता। अत: यह दोनों चीज़ें एक-दूसरे से जुड़ी हैं लेकिन अलग होकर इन दोनों का कोई महत्व नहीं है।

 सेक्स जरूरत नहीं बल्कि प्यार है

जब दो लोगों के बीच प्रेम होगा तभी आप उनके साथ अच्छे शारीरिक संबंध भी रख पाएंगे। लेकिन कभी-कभी हमारे रिश्ते या शादी में ऐसा समय भी आता है जब हमें कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ता है। कुछ रिश्ते केवल प्रेम की नींव पर टिके होते हैं, जिनमें यौन संबंध नहीं होता। यह थोड़ी चिंता की बात है क्योंकि सेक्स अपने प्रेम और इज़्ज़त को ज़ाहिर करने का एक तरीका होता है तो आप क्यूं खुद को और अपने साथी को भी इससे वंचित रखते हैं। अक्सर लोगों के बीच यह समस्या होती है जिसकी वजह 
से उनका रिश्ता प्रेमहीन हो जाता है। जब दोनों साथियों में से कोई एक भी दूसरे की भावनाओं को नहीं समझ पाता तो सबसे पहले प्रेम ही इस रिश्ते के बीच से खत्म होता है। लोगों को यह समझने की ज़रूरत है कि सेक्स एक ज़रूरत नहीं बल्कि अपना प्यार करने का एक तरीका है और बिना प्रेम के सेक्स मुमकिन नहीं होता।

सेक्स और प्रेम एक-दूसरे से अलग नहीं

आज के समय में यह बहुत ज़रूरी है कि हम इन दोनों के बीच एक सामान्य संतुलन बना कर चलें। अगर आप एक-दूसरे से अपनी मन की बात नहीं कहेंगे तो किसी भी बात का हल नहीं निकल सकता। आप अपने साथी के साथ अपने दिल की बातें और अपने डर बांटें और अगर आप अपने बीच के रिश्ते को बदलना चाहते हैं तो आपको अपनी मन की बातें बांटने से कतराना नहीं चाहिए। कभी-कभी आप अपने साथी के साथ फिर से प्रेम में पड़ सकते हैं। ऐसे में सेक्स केवल एक ‘काम नहीं होगा। अगर हम सेक्स की परिभाषा बताएं तो इसका मतलब होता ‘एक्ट ऑफ लव और अगर आप हमसे प्यार की परिभाषा पूछेंगे तो इसका मतलब होता है शारीरिक संबंधों के ज़रिए अपने प्रेम को प्रकट करना। अगर आप जीवन में प्रेम चाहते हैं तो आपको किसी एक व्यक्ति के साथ समय बिताना होगा, जो पूरी तरह से आपके लिए समॢपत हो। जब आपका रिश्ता अच्छा होगा तो सेक्स अपने आप ही आपके रिश्ते का हिस्सा बन जाएगा।