ऐसे मजबूत होगा पति-पत्नी का रिश्ता

प्यार के रिश्ते को मजबूत बनाता है सेक्स

हम सभी चाहते हैं कि दाम्पत्य जीवन सुखी हो। इसके लिए खूब कोशिशें भी की जाती हैं, लेकिन फिर भी अधिकांश लोगों की शिकायत है कि उनका दाम्पत्य जीवन असहज है। वास्तव में हम सुखी दाम्पत्य के तीन प्रमुख सूत्र आदर, विश्वास और प्रेम को भूलते जा रहे हैं। इसके इतर एक दंपति के जीवन में प्रेम की सबसे बड़ी बुनियाद है सेक्स। लेकिन बावजूद इसके अनुभव में दोनों के ही विचारो में अंतर देखने को मिलता है। हमारे देश में शिक्षित समाज तक शादी से पहले सेक्स करने की प्रक्रिया को अलग नज़रिये से देखता है। शादी से पहले सेक्स की बात करना भी सामाजिक स्तर पर गले से नीचे नहीं उतरता, लेकिन क्या वजह है कि शादी के बाद भी हमारे देश की महिलाएं सेक्स की उच्च पराकाष्ठा जिसे हम ‘चरम सुख’ कहते हैं उससे वंचित रह जाती हैं? पुरुषों को यह समझना होगा कि सेक्स अपने साथी के साथ एक अच्छी साझेदारी बनाने का अवसर तो देता है लेकिन एक अधूरा सेक्स रिश्तों की नीव को कमज़ोर भी करता है।

सेक्स लाइफ को बेहतर बनाता है ऑर्गेज्म

दरअसल, सेक्स लाइफ को और बेहतर बनाने में ऑर्गेज्म बहुत अहम है। महिलाओं में अक्सर उत्तेजना काफी देर तक बनी रहती है और उनका शरीर देर तक संभोग की मांग करता है, परंतु होता यह है कि पुरुष सेक्स के तुरंत बाद अपनी साथी से अलग हो जाते हैं और महिला अक्सर ऑर्गेज्म के सुख से वंचित रह जाती हैं। महिलाओं और पुरुषों को यह समझना होगा की सेक्स की चरम अवस्था का आनंद उठाने के लिए जल्दबाजी न करें। प्यार भरे स्पर्श  के साथ सेक्स प्रक्रिया का आरंभ करें। एक दूसरे को चुंबन के द्वारा शारीरिक और मानसिक तौर पर सेक्स के लिए तैयार करें ताकि आप इसके चरम आनंद का सुख उठा सके। सेक्स की प्रक्रिया में फोरप्ले का बड़ा महत्व है। प्यार भरी  बातों और स्पर्शों के द्वारा आप अपने साथी को आकर्षित और सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकते हैं। आम तौर पर देखा जाता है कि पुरुष फोरप्ले को ज़्यादा महत्व नहीं देते हैं लेकिन महिलाओं में काम उत्तेजना को बढ़ाने के लिए इन क्रियाओं को करना ज़रूरी है। महिलाओं को भी इसके लिए कुछ प्रयास करने चाहिए। उन्हें अपने पार्टनर को तैयार करने में थोड़ा वक्त लेना चाहिए, प्रेम यदि जारी रहता है तो पुरुष पूरी तरह से तैयार हो सकते हैं। पुरुषों को भी इस सुख की प्राप्ति के लिए कोशिश करनी चाहिए।

सेक्स का आनंद लेने के बाद फिर से फॉरप्ले को दोहराया जा सकता है। इससे आप दोबारा ज्यादा मादकता से भरे सुख को पाने के लिए तैयार हो सकेंगे और चरम सुख की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही नए तरह के क्रियाओं की कोशिश कीजिए जो आपके साथी को पसंद हो क्योंकि यह प्रक्रिया शारीरिक से ज़्यादा भावनात्मक होता है। भावनात्मक संबंध जितना गहरा होगा शारीरिक संबंध उतना ही संतोषप्रद होगा।

रिश्तों में मिठास हो

ध्यान रखिये की किसी भी रिश्ते में सेक्स प्रक्रिया में प्यार भरी मीठी बातों का अहम महत्व होता है। प्यार में गहराई लाने के लिए मन के सारे इंद्रियों को सतेज करना ज़रूरी होता है। सेक्स कभी भी गंभीर अवस्था में शुरू नहीं हो सकता है। इसको शुरू करने के लिए अच्छी और मजेदार बातें करें। ताकि धीरे-धीरे मन और परिवेश दोनों अच्छा होने लगे। अपने साथी के साथ शरारत भरी बातें करें, छेड़खानी करें। किसी भी तरह के बात करने में शॄमदगी महसूस न करें। जितना आप एक दूसरे से बात करेंगे उतना एक दूसरे के करीब आ पायेंगे। वही सेक्स प्रक्रिया में तनाव से दूर रहें।

कुछ दम्पति ऐसे भी होते हैं जब एक समय में दोनों के मन में सेक्स के प्रति विरोधाभास की स्थिति आ जाती है। यह दुविधा उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जिनमें से एक में कामेच्छा कम और दूसरा इसके विपरित होता है। ऐसे में दोनों के बीच आपसी समझ और चर्चा ही मददगार साबित होती है। ध्यान रखे की सेक्स को रोमांचक बनाने के लिए आपके प्रयास लगातार चलते रहने चाहिए। शरीर की साफ-सफाई को गंभीरता से लें ताकि सम्भोग के वक्त सेक्सुअल टर्न ऑफ न हो पाए।

क्या है फीमेल ऑर्गैज़्म या चरम सुख

सेक्शुअल उत्तेजना के समय, हमारा सिस्टम सेक्शुअल ऑर्गन्स की ओर ज्यादा खून भेजने लगता है, इस समय धड़कन, सांसें और ब्लड प्रेशर, तीनों बढ़ जाते हैं। उत्तेजना के चरम पर योनी की मसल्स में ऐंठन होती है, संतुष्टि की फीलिंग आती है। जिसे बायोलॉजिकल शब्दों में ऑर्गैज़्म कहा जाता है। इसके बाद शरीर वापस नॉर्मल धड़कन, सांसें और ब्लड प्रेशर के स्तर पर लौटने लगता है। पुरुष को ऑर्गैज़्म, इजैक्युलेशन, यानी शरीर से वीर्य निकलने के साथ होता है, जिसके बाद पुरुष थकान या आलस महसूस करते हैं। औरतों में इससे उलट है वो एक ऑर्गैज़्म के बाद भी सेक्स की क्रिया में हिस्सा ले सकती हैं और एक से अधिक ऑर्गैज़्म तक भी पहुंच सकती हैं। 

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