Problems Men Face In Marriage: शादी का पहला साल किसी भी कपल के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह वह दौर होता है, जब दो बिल्कुल अलग लोग एक साथ अपने जीवन की नई शुरुआत करते हैं। अमूमन यह माना जाता है कि शादी के बाद सबसे ज्यादा परेशानियां और एडजस्टमेंट लड़की को ही करनी पड़ती हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। पुरुषों के लिए भी यह समय उत्साह और चुनौतियों दोनों से भरा हो सकता है, क्योंकि वे जिम्मेदारियों को आपस में बांटने से लेकर भावनात्मक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे होते हैं।
यह सच है कि शादी एक बेहद ही खूबसूरत सफर है, लेकिन इस सफर के शुरुआती दौर में कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। यह चुनौतियां लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी झेलनी पड़ती है। ये चुनौतियां एक साथ रहने से लेकर फाइनेंशियल मैनेजमेंट से जुड़ी हो सकती हैं। कई बार पुरुष खुद को इमोशनल और साइकोलॉजिकल तरीके से दबावों का सामना कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि शादी के बाद पहले साल में लड़कों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है-
साथ रहने में एडजस्ट करना

शादी के बाद पहले साल लड़कों को जिस तरह की सबसे ज्यादा समस्या होती है, वह है किसी दूसरे इंसान के साथ अपना कमरा बाटना। दरअसल, इससे कहीं ना कहीं उनका लाइफस्टाइल प्रभावित होता है। अमूमन लड़कों को स्वतंत्र रूप से या रूममेट्स के साथ रहने की आदत होती है और उनका डेली रूटीन काफी अलग होता है। लेकिन शादी के बाद उन्हें अपने रूटीन में बहुत अधिक बदलाव करने की जरूरत होती है। उन्हें मानसिक रूप से खुद को इसके लिए तैयार करना होता है कि अब एक कपल के रूप में उन्हें अपना घर व कमरा शेयर करना होगा। उन्हें मिलकर फैसले लेने होंगे और अपने पार्टनर की आदतों से लेकर उसके रूटीन को भी समझना होगा। यह उनके लिए किसी चैलेंज से कम नहीं होता।
फाइनेंशियल प्रेशर बढ़ना
शादी के तुरंत बाद अक्सर पुरुष को अपने साथी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का दबाव काफी बढ़ जाता है। खासतौर से, पहला वर्ष अक्सर इन चिंताओं को बढ़ा सकता है। अमूमन कपल्स को बजट बनाने से लेकर बचत करने और निवेश करने सहित अन्य कई फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटीज को निभाना पड़ता है। ऐसे में पुरुष अक्सर दबाव महसूस कर सकते हैं। खासतौर से, अगर उनसे मुख्य कमाने वाले होने की उम्मीद की जाती है। यह समस्या तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब दोनों पार्टनर की वित्तीय आदतें अलग-अलग हो। मसलन, एक बचत करना पसंद कर सकता है, जबकि दूसरे को खर्च करना अधिक अच्छा लगता हो। जब ऐसा होता है तो इससे दोनों पार्टनर के बीच तनाव बढ़ने लगता है।
कम्युनिकेशन से जुड़ी समस्याएं

किसी भी रिलेशन के लिए कम्युनिकेशन बहुत अहम् है। हालांकि, शादी के पहले साल में यह काफी चैलेंजिंग हो सकता है। अक्सर यह देखने में आता है कि अधिकतर पुरुष शादी के पहले साल में अपनी भावनाओं, विचारों और चिंताओं को व्यक्त करने में कठिनाई महसूस करते हैं, या तो सामाजिक मानदंडों या फिर अपनी पर्सनल आदतों के कारण। इससे अक्सर गलतफहमियां या कुंठाएं पैदा हो सकती हैं। अपनी भावनाओं को जताने से लेकर पुरुषों को अपने साथी के इमोशनल संकेतों को समझने में भी मुश्किल आती हैं।
सोशल लाइफ और मैरिज को बैलेंस करने में परेशानी होना

शादी के बाद सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, बल्कि लड़कों की लाइफ भी काफी बदल जाती है। यह वह दौर होता है, जब व्यक्ति अपनी सोशल लाइफ और मैरिज दोनों को बैलेंस करने की जद्दोजहद में जुटा रहात है। अक्सर पुरुष शादी से पहले दोस्तों के साथ समय बिताता है या फिर कुछ वक्त अपने शौक पूरा करने में लगाता है। हालांकि शादी के बाद उसे अपना समय जीवनसाथी को भी देना होता है। हो सकता है कि पत्नी से दूर रहने पर आप खुद ही दोषी महसूस करें या फिर आपको इसके लिए आलोचना का सामना भी करना पड़ सकता है। कई बार, ऐसा लग सकता है कि उनका सामाजिक जीवन उनके वैवाहिक जीवन के साथ एक तरह का कम्पीटिशन कर रहा है, जिससे व्यक्ति को अपराधबोध या निराशा होती है।
सांस्कृतिक और धार्मिक अंतर के कारण परेशानी होना
अगर पुरुष की शादी ऐसी जगह होती है, जहां उसके पार्टनर का कल्चरल और रीलिजन बैकग्राउंड अलग है तो ऐसे में पुरुषों को इन मतभेदों को पाटने में अनोखी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। परंपराओं से लेकर पारिवारिक अपेक्षाओं और प्रथाओं पर बातचीत करना भारी पड़ सकता है। यहां तक कि कई बार एक ही सांस्कृतिक या धार्मिक ग्रुप होने के बाद भी अलग-अलग तरह से पालन पोषण होने के कारण भी कपल्स के बीच परेशानी हो सकती है। ऐसे में पुरुष के लिए सबकुछ मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।
काम और शादी को बैलेंस करने में परेशानी होना

शादी के बाद पुरुषों को जिस चीज को मैनेज करने में सबसे ज्यादा समस्या होती है, वह है अपने काम और शादी को एक साथ बैलेंस करना। अमूमन पुरुष अपने करियर को लेकर बहुत अधिक फोकस होते हैं, लेकिन शादी के बाद उन्हें अपने पार्टनर को भी समय देना होता है और उसकी जरूरतों को भी पूरा करना होता है। ऐसे में उन्हें सबकुछ मैनेज करना काफी चैलेंजिंग लग सकता है। लंबे समय तक काम करना, ऑफिशियल ट्रिप या नौकरी से जुड़ा तनाव उनकी शादी व रिश्ते पर बुरा असर डाल सकता है। हो सकता है कि वे अपने काम व फैमिली से जुड़ी रिस्पॉन्सिबिलिटी में खुद को बंटा हुआ महसूस कर रहे हों। शादी के बाद शुरुआती साल में अधिकतर पुरुषों को यह समझ नहीं आता है कि वे हर चीज को बैलेंस तरीके से किस तरह मैनेज करें।
