शादी का लड्डू पुरुषों के लिए 'मीठा' तो महिलाओं के लिए है 'फीका', जानें कारण: Marriage Benefits for Men-Women
Marriage Benefits for Men-Women

Overview:

शादी और खुशियों को लेकर हुए शोध यह दावा करते हैं कि इस दुनिया में विवाहित पुरुष और अविवाहित महिलाएं दूसरों की तुलना में कहीं ज्यादा खुश हैं और संतुष्टि के साथ अपना जीवन जीते हैं। शोध बताते हैं कि शादी पुरुषों को इमोशनल सपोर्ट देती है।

Marriage Benefits for Men-Women: कहते हैं शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए, जो न खाए वो भी पछताए। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इस लड्डू की मिठास पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग हो सकती है। जी हां, बिलकुल! दुनियाभर में इस विषय पर कई शोध हुए हैं और इन सालों के अध्ययन में शादी को लेकर पुरुषों और महिलाओं के भावनात्मक पहलू को लेकर चौका देने वाले खुलासे हुए हैं। क्या हैं ये खुलासे, आइए जानते हैं।

Marriage Benefits for Men-Women
Emotional support for men

शादी और खुशियों को लेकर हुए शोध यह दावा करते हैं कि इस दुनिया में विवाहित पुरुष और अविवाहित महिलाएं दूसरों की तुलना में कहीं ज्यादा खुश हैं और संतुष्टि के साथ अपना जीवन जीते हैं। शोध बताते हैं कि शादी पुरुषों को इमोशनल सपोर्ट देती है। जिंदगी के उतार-चढ़ाव में पार्टनर का साथ पुरुषों की हिम्मत बढ़ाता है। इससे वह किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार होते हैं और खुद को अकेला महसूस नहीं करते हैं। इतना ही नहीं कई अध्ययन बताते हैं कि शादी का पुरुषों की सेहत पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। शादीशुदा पुरुष आमतौर पर अविवाहित पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हेल्दी होते हैं। इसका सीधा कारण यह है कि विवाहित पुरुष की पत्नी उनकी सेहत का पूरा ध्यान रखती हैं। वे एक बेहतर लाइफस्टाइल जी पाते हैं और हेल्दी डाइट ले पाते हैं, जिससे उनकी सेहत की नियमित देखभाल होती रहती है।  

शोध कहते हैं कि विवाहित पुरुष आमतौर पर बुरी आदतों जैसे शराब पीना, धूम्रपान करना आदि से बचते हैं। वहीं अविवाहित पुरुषों में ये आदतें कहीं ज्यादा होती हैं। इसका कारण ये है कि विवाहित पुरुषों के पास घर की जिम्मेदारियां अधिक होती हैं। उन्हें परिवार के लालन-पालन और देखरेख पर भी ध्यान देना होता है। इसी के साथ तनाव कम करने के लिए या इमोशनल सपोर्ट के लिए उनके पास पार्टनर होता है, जिससे उन्हें राहत मिलती है। शादी पुरुषों की जिंदगी में वित्तीय स्थिरता भी लाती है। अगर पति और पत्नी दोनों वर्किंग हैं तो वे एक अच्छी लाइफस्टाइल मेंटेन कर पाते हैं। ऐसे में अकेले पुरुष पर घर की जिम्मेदारी का बोझ नहीं आता। वे दोनों मिलकर भविष्य के लिए भी मजबूत आधार तैयार कर लेते हैं। जिससे कहीं न कहीं पुरुष निश्चित महसूस करते हैं।  

शादी जहां पुरुषों के लिए फिजिकली, मेंटली और फाइनेंशली सपोर्ट है, वहीं महिलाओं के लिए यह तस्वीर कुछ अलग है।
While marriage is physical, mental and financial support for men, the picture is different for women.

शादी जहां पुरुषों के लिए फिजिकली, मेंटली और फाइनेंशली सपोर्ट है, वहीं महिलाओं के लिए यह तस्वीर कुछ अलग है। शोध कहते हैं कि विवाहित महिलाओं के मुकाबले में अकेली महिलाएं ज्यादा खुश रहती हैं। ऐसी महिलाएं समझौते की जगह स्वतंत्रता को चुनना पसंद करती हैं। बदलते दौर के साथ अब कई महिलाओं की प्राथमिकता अपना करियर और पर्सनल डवलपमेंट हो गया है। वे पति, बच्चों और परिवार की जिम्मेदारी के बिना अपने आप को ऊंचे मुकाम पर देखना चाहती हैं। उन्हें उनकी आजादी और करियर गोल पूरे करना खुशी देते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करती हैं।  

यह बात सुनने में भले ही कड़वी लगे, लेकिन यह सच्चाई है कि समय बदलने के बावजूद शादी के बाद एक महिला के कंधों पर जिम्मेदारियों का बड़ा सा बोझ आ जाता है। वे वर्किंग हो या नहीं, घर के काम, पति की देखभाल, ससुराल वालों का ध्यान रखना आदि उसके जिम्मे आ ही जाता है। ऐसे में करियर और घर के बीच वह पिस जाती है। अध्ययन के अनुसार  यही सबसे बड़ा कारण है कि अकेली रहने वाली महिलाएं आमतौर पर विवाहित महिलाओं से ज्यादा खुश रहती हैं। वे अपने जीवन से संतुष्ट रहती हैं, अपने सपने पूरे करती हैं और निडर होकर जीती हैं। हालांकि उनके सामने कई सामाजिक चुनौतियां भी होती हैं। क्योंकि समाज में महिलाओं का शादीशुदा होना जरूरी माना जाता है। लेकिन अब महिलाएं ऐसे चुनौतियों का सामना भी कर रही हैं। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...