Winter Mood Swings: मौसम क्या चेंज हुआ आपका मूड भी चेंज हो गया। कुछ भी पहले जैसा नहीं लगता है हमेशा मन उखड़ा-उखड़ा रहता है। सर्दी की शुरुआत और आपकी सेहत दोनों ही दर्शाते हैं कि आप किस तरह हेल्दी रह रहे हैं । क्योंकि ज्यादातर सर्दियों की शुरुआत में ही बीमारियां दस्तक देती है। मूड स्विंग भी एक तरह की बीमारी है जो मौसम के चेंज से आरम्भ होती है। मानसिक तौर से आप बेहद परेशान महसूस करते हैं। आइए जानिए सर्दियों में मूड स्विंग और उससे बचने के उपाय-
सर्दियों में मूड स्विंग क्यों होता है?
सर्दियों में जैसे ही अक्टूबर आरम्भ होता है तो मूड खराब होना प्रारंभ हो जाता है और ये मार्च के अंत चलता है। इसे मानसिक तौर से बदलाव की श्रेणी में लिया जाता है। ये एक तरह का बायोलॉजिकल डिसऑर्डर है। जिसकी वजह से आपके दिमाग में रासायनिक असंतुलन होने लगता हे। जिससे आप स्वयं को बेहद उदास महसूस करते है। कुछ लोग इसे बेहद हल्के में ले लेते है जिससे समस्या बढ़ती जाती है और एक समय आता है आप आत्महत्या करने के लिए तैयार हो जाते है।
मूड स्विंग के पीछे कुछ ये भी कारण हो सकते है-

बाइपोलर डिसऑर्डर
कई बार देखा गया है कि जो लोग इस बीमारी से पीड़ित होते है वे कभी बहुत ज्यादा खुश तो कभी बहुत ज्यादा दुखी हो जाते है उनमें बाइपोलर डिसऑर्डर है। वे ज्यादातर मौसम के चेंज होने पर दुखी हो जाते है। ऐसे में वे कभी बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाते है। ऐसे लोग चाहकर भी अपने मूड पर काबू नहीं कर पाते है।
साइक्लोथायमिया डिसऑर्डर
साइक्लोथायमिक डिसऑर्डर मूड स्विंग का ऐसा रूप है जिसमें जल्दी-जल्दी मूड खराब नहीं होता है। ये बाइपोलर डिसऑर्डर का ही रूप है। इसमें लक्षण हल्के नजर आते है।
मेजर डिप्रेसिव बाईपोलर डिसऑर्डर
ये भी मूड स्विंग का बड़ा कारण है। क्योंकि इसमें आप बार-बार मूड स्विंग से परेशान रहते है। इसमें आप हर समय स्वयं को उदास फील करते हे। तो ऐसे में डॉक्टर से जरूर बात करें ।
मूड स्विंग के लक्षण

-शरीर में हमेशा सुस्ती महसूस करना साथ ही उर्जा की कमी महसूस करना जिससे किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है।
-हरवक्त आप ऐसा महसूस करते है कि आपको बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस हो रहा है। आपका मन शांत नहीं रहता है।
-उदासी महसूस करने के साथ आपके व्यवहार में भी बदलाव आ जाता है। आप लोगों से भी ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते हैं।
-ऐसे व्यक्तियों में जिनको मूड स्विंग की परेशानी रहती है। वे भ्रम की स्थिति में जीने लगते हैं यहां तक चीजों को भूलने भी लगते हैं।
-वे महसूस करते हैं कि उन्हें नींद सही से नहीं आ पा रही है। जिसकी वजह से हर वक्त थकान महसूस होती है।
-अक्सर वे खाना या तो ज्यादा खाने लगते हैं या फिर उन्हें भूख लगना बंद हो जाती है।
-उनमें आत्मविश्वास की कमी की वजह से वे लोगों के बीच जाना बंद कर देते हैं।
मूड स्विंग से बचने के लिए क्या करें

अच्छी नींद लें
हर बिमारी की शुरुआत आपकी नींद से है। आप पहले नींद पूरी नहीं लेते और फिर वे आपकी आदत में शामिल हो जाती है। आजकल वैसे भी दौड़ती भागती जिंदगी में आप अपनी नींद को पूरा लेने में विश्वास नहीं रखते हैं। जब शरीर पर्याप्त नींद नहीं लेगा तो समस्या तो होगी ही। इसकी वजह से इस तरह की बिमारी जैसे मूड स्विंग होना जैसी बीमारी जन्म लेती है इसके लिए अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
नकारात्मकता से बचें
जरूरी है किसी न किसी कार्य में अपने आपको व्यस्त रखना। क्योंकि जब आपके पास करने के लिए कुछ नहीं होता है तो नकारात्मकता जन्म देती है। ऐसे में आपकी सोच हमेशा गलत बातों को ही सोचती है जिसका प्रभाव आपके बर्ताव पर पड़ता है। आप कभी अपने आपको खुश महसूस करते हैं तो कभी बेहद दुखी। तो जरूरी है कि आप अपने मूड को सही रखने के लिए नकारात्मकता को बढ़ावा न दे।
खूब पानी पिएं
सर्दियों में अक्सर हमें प्यास कम लगती है। शरीर में पानी की कमी होने लगती है। पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन के कारण भी बार-बार मूड स्विंग की समस्या हो सकती है। जिससे परेशानियां बढ़ने लगती हैं। हम अक्सर चिड़चिड़ा और डिप्रेस फील करते हैं तो जरूरी है पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। जिससे शरीर स्वस्थ होगा और हम स्वयं को फ्रेश महसूस करेंगे।
धूप में बैठें
एक शोध के अनुसार धूप में बैठने से मूड पर बड़ा असर पड़ता है। सर्दियों में बहुत जरूरी है कि आप थोड़ी देर के लिए धूप में जरूर बैठें। धूप मिलने से शरीर में स्फूर्ति आने के साथ मन ताजगी भरा महसूस करता है। थकान भी कम महसूस होती है और पानी भी ज्यादा से ज्यादा पीने का मन करता है।
विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं
ताजे फल का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही सर्दियों में तो बेहद गुणकारी सब्जियां आती है उनका सेवन करें। धूप में बैठकर मौसमी, संतरे और कीवी जैसे विटामिन सी फलों का सेवन करें। आप स्वयं में बदलाव महसूस करेंगे।
डीप ब्रीदिंग
एक शांत जगह जहां हल्की सी धूप आ रही हो वहां बैठकर डीप ब्रीदिंग करें । इसकी मदद से आप मूड स्विंग की समस्या से बच सकते हैं। इसको करने के लिए एक शांत जगह पर ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं। अब गहरी सांस लें और धीरे से छोड़ें। ऐसा आप 10 बार दोहराएं। वहीं अगर आप रोजनाा एक्सरसाइज करते हैं तो भी मूड स्विंग्स की समस्या को दूर कर सकते हैं। वहीं अगर आपका अचानक से मूड खराब हो जाए तो ऐसे में आप एक लंबी वॉक करें।