हर मां-बाप यह चाहते हैं कि उनका बच्चा हमेशा खुशमिजाज और पॉजिटिव रहे पर आज हम यह जानेंगे कि मूड स्विंग्स या चिड़चिड़ापन बच्चे हो या बड़े एक सामान्य बात है l अक्सर बच्चे विशेष रूप से युवा, मूडी और बात बात पर चिड़चिड़े होते रहते हैं, हालांकि कुछ बच्चों में दूसरे बच्चों की तुलना में यह मूड स्विंग्स ज्यादा होते हैं l
बड़ों को चाहिए कि वह बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने दें तथा बच्चों को सकारात्मक व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करते रहें I अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों के इन मूड स्विंग्स से परेशान हो जाते हैं और उनके द्वारा किए गए व्यवहार और गुस्से से नाराज हो जाते हैं और उन्हें डांटते हैं और कभी कभी हाथ भी उठा देते हैं, पर जानिए आपके पास अपने बच्चों का प्रबंधन करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है l
ज्यादातर मूडी बच्चों से संबंधित मुद्दों को आप थोड़े सब्र और धीरज के साथ खुद सुलझा सकते हैं पर चरम मामलों में अगर आप देखते हैं कि मूडी और क्रोधी होना आपके बच्चे के व्यक्तित्व का हिस्सा बनता जा रहा है तो आप निश्चित रूप से डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं l

माता पिता की भूमिका अहम है

Mood swings in kids
Mood swings in kids


जब माली कोई नया पौधा लगाता है तो उसकी बहुत संभाल करता है ताकि वह पौधा एक हरा भरा और ताकतवर वृक्ष बन पाये और अपनी छाया और फल फूल के रूप में सबको सुख दे इसी, प्रकार आपके बच्चे देश और आपका खुद का भविष्य हैं l कितना जरूरी है कि वो भी बड़े होकर अपने आसपास के सभी लोगों को सुख दें और खुद भी अपने जीवन की यात्रा को सुखद रूप से तय करें l आप अपने बच्चे की कैसे परवरिश करते हैं इसका गहरा असर आपके बच्चे के व्यक्तित्व पर पड़ता है

आपका उसके साथ व्यवहार तथा आपकी खुद की आदतें भी आपके बच्चे पर असर डालती हैं l वह कहने से नहीं पर आपके खुद के आदर्श से सीखता है l आप कितने भी व्यस्त हों,अपने बच्चे के साथ बिताया हुआ आपका समय उसके चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है l जितना अभिभावक अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं, उनके साथ समय बिताते हैं बच्चे उतना ही सुरक्षित महसूस करते हैं l माता एवं पिता दोनों को ही अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना चाहिए

भावनाओं को अभिव्यक्त करने की फ्रीडम दें

Mood swings in kids
Understand your kids and love them Credit: Istock

बच्चों को यह हक दें कि वह बिना किसी डर के आपके सामने अपनी कैसी भी बात रख पाए तथा अपने विचारों को आपके सामने अभिव्यक्त कर पाए l घर की गतिविधियों में बच्चों की भी राय लें l बच्चों से पूछे कि इस बात में वह क्या सोचते हैं, उनकी क्या राय है l यह सब करने से बच्चे को बहुत अच्छा महसूस होता है l जितना हम बच्चों को और उनकी बातों को महत्व देंगे उनका आत्मविश्वास उतना ही बढ़ेगा I

सकारात्मक व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करें

Mood swings in kids
Mood swings are normal

माता-पिता दोनों ही बच्चों के साथ मिलकर काम करें I उनके सबसे अच्छे दोस्त बन कर रहें l बच्चों को समझाएं कि नाराज होने की जगह वे अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताएं l उन्हें आश्वासन दें कि वह उनके लिए हमेशा हैं l उनको हर तरीके से स्वीकार करें और अन्य बच्चों से उनकी तुलना कभी ना करें l

हर स्तिथि में अपने को शांत रखें

Mood swings in kids
Be friendly with your kids

जब आपका बच्चा मूडी और चिड़चिड़ा हो तो आप उसे शांत होने के लिए कुछ समय दें और खुद ओवररियेक्ट न करें l आपकी नाराजगी उन्हें बुरा व्यवहार दिखाने के लिए और अधिक शक्ति देगी l बच्चों को नजर अंदाज करने के बजाय उन्हें अपना असंतोष व्यक्त करने दें l उन ट्रिगर्स की पहचान करना सीखे जो आपके बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं l जब वे शांत हो जाए तो उनसे इस बारे में बात करें l अगर भूख से बच्चे का मिजाज बिगड़ रहा है तो उसे नियमित और संतुलित आहार दें l

घर का माहौल सकारात्मक बनाएं

घर का माहौल
To love and to be loved is a greatest blessing on Earth

पति-पत्नी गाड़ी के दो पाहियों के समान होते हैं l उनके बीच के सामंजस्य से उनके परिवार की गाड़ी सुचारू रूप से चल सकती है l माता-पिता होने के नाते उन्हें अपने घर में कम से कम तनाव रखना चाहिए। तनावपूर्ण स्थितियों में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं ।

ऐसी स्थिति बच्चों को बहुत आसानी से तनाव में डाल देती है। सुनिश्चित करें कि आप अपने मूडी बच्चे के साथ व्यवहार करते समय अपना धीरज बनाए रखें और खुद क्रोधी ना हों l गुस्से में बच्चों के साथ कभी भी बुरा व्यवहार ना करें l माता-पिता को अपने संबंधों को भी मधुर बनाना चाहिए और मिलकर बच्चों के सामने एक सुंदर आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए l

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ऊपर बताई गई बातों पर अगर हम ध्यान देंगे तो जानेंगे कि बच्चों के उधम मचाने के कई कारण हो सकते हैं। अंतर्निहित कारणों को समझने के लिए अपने बच्चे से बात करें। आप बच्चे पर नजर रख कर भी स्थितियों की जांच कर सकते हैं, जिसमें भूख, नींद की कमी, बीमारी और तनाव या घर या स्कूल की समस्याएं भी हो सकती हैं । युवा होने पर बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन भी शुरू हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भी बच्चों में मूड स्विंग हो सकता है l समस्या को ठीक प्रकार समझे और उसका निदान करें |

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