क्या आपके बच्चे को भी मूड स्विंग्स होता है?
अगर आपका बच्चा भी मूड स्विंग्स का शिकार होता है तो आप ये तरीके अपनाकर देखिए।
Mood Swings in Kids: मूड स्विंग सिर्फ बड़ों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी होता है। उनके साथ भी तनाव, लो मूड, एनर्जी की कमी जैसी समस्याएं होती हैं। इसी वजह से वो कभी बहुत उत्साहित तो कभी बहुत शांत दिखते हैं, कभी रोना, कभी चिल्लाना, किसी भी बात पर चिढ़ जाना आदि। लेकिन, पेरेंट्स अक्ससर इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं और आगे जाकर यह खतरनाक हो सकता है, इसलिए समय रहते आपको उनके मूड स्विंग्स के कारण जानना और फिर उन्हें दूर करने के उपाय करना भी ज़रूरी है। अगर आपका बच्चा भी मूड स्विंग्स का शिकार होता है तो आप ये तरीके अपनाकर देखिए।
बच्चों को समय दें

बच्चों के मूड स्विंग्स की सबसे बड़ी वजह उनका अकेलापन रहता है, इसलिए उन्हें ऐसे में आपके समय की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस समय उन्हें आपका समय और विश्वास चाहिये। हर दिन उनसे उनकी दिनचर्या के बारे में पूछें, जानें कि उसके साथ कुछ गलत तो नहीं हो रहा है, क्योंकि कई बार बच्चे अपनी बातें बता नहीं पाते हैं और अंदर ही अंदर डिप्रेशन का शिकार होते जाते हैं।
घर का माहौल अच्छा रखें
अक्सर देखते हैं जिन घरों में पेरेंट्स के बीच प्यार रहता है और उनके घर का माहौल हमेशा खुशनुमा रहता है, उनके बच्चे हमेशा हँसते रहते हैं और खुश रहते हैं। जिन घरों में पेरेंट्स के बीच हमेशा लड़ाई-झगड़ा होता रहता है, वो बच्चे अक्सर तनाव, अकेलापन और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इसलिए हमेशा कोशिश करें कि बच्चों के सामने कभी झगड़ा नहीं करें।

अपनी अपेक्षाएं उन पर नहीं थोपें
अक्सर पेरेंट्स बच्चों से उम्मीद करते हैं कि वो उनके सपने पूरे करें। जो काम वो खुद नहीं कर सके, सोचते हैं बच्चे करें। उन्हें हर क्षेत्र में अव्वल बनाना चाहते हैं। याद रखें कि महत्वकांक्षांएं अच्छी हैं, लेकिन अति महत्वकांक्षी होना न तो आपकेे लिये न ही बच्चे के लिये ठीक है। कई बार आपकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाना ही उनके लिए निराशा और खामोशी का कारण बन सकता है।

हमेशा टोकें नहीं, दोस्त बनकर रहें
बढ़ती उम्र में बच्चे माता-पिता का ज्यादा रोकना-टोकना पसंद नहीं करते हैं, इसलिए कोशिश करें कि हर बात के लिए ना नहीं करें, ना ही टोकें। उनको जितनी जरूरत है उतनी फ्रीडम दें। बच्चों के साथ दोस्त जैसा व्यवहार करेंगे तो आपके ज्यादा करीब रहेंगे और साथ ही अन्दर से भी कॉंफिडेंट फील करेंगे।

दूसरे बच्चों से तुलना नहीं करें
हर बच्चा अपने आप में ख़ास होता है, इसलिए अपने बच्चे की बराबरी दूसरे बच्चों से करके उसको नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करें। अगर उसके कम नंबर आते हैं या वो किसी ख़ास काम को अच्छे से नहीं कर पाता तो कभी भी उसको ये नहीं कहें तुम्हे कुछ नहीं आता, तुम कुछ नहीं कर सकते, उस बच्चे को देखो। आपकी ये बातें उसको बहुत आहत कर सकती हैं।

स्पेस दें
अगर आपको लगता है कि बच्चा कुछ समय अकेले रहना चाहता है और वो आपसे बात नहीं करता है तो आप जबरदस्ती उस पर ‘क्या हो गया बताओ’ बोलकर दवाब नहीं डालें। ऐसे में बच्चे और चिढ़ सकते हैं इस समय आप उनको अकेला छोड़ दें।

मन का काम करने दें
बच्चों का मूड स्विंग होता है तो कोशिश करें उन्हें कुछ ऐसे काम में लगाएं जिसमे वो एन्जॉय करते हों। कोई स्पोर्ट, आर्ट, म्यूजिक, डांस कोई ना कोई एक्टिविटी में डालें, जिससे वो अंदर से अच्छा महसूस करेंगे। हो सके तो आप भी उनकी रूचि के काम में उनके साथ इन्वोल्व होने की कोशिश करें।

अगर आपके बच्चे का भी मूड स्विंग होता है, तो आप ये तरीके अपनाकर देखिए।