टीनेज बच्चों के बदलते मूड से ऐसे करें डील और बनाएं उन्हें अपना दोस्त: Deal with Teenager Mood
Deal with Teenager Mood

टीनएज बच्चों की तरफ बढ़ाएं दोस्ती का हाथ

उन पर नाराज होने की जगह आप उनकी गलतियों को सुधारने में उनकी मदद करेंगे, ताकि उन्हें सही गलत का फर्क पता चले।

Deal with Teenager Mood: हर माता-पिता बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश के लिए अपनी तरफ से जितना हो सकता है करते हैं। कोई भी नहीं चाहता कि उसके बच्चे की परवरिश में कोई कमी रह जाए। इसी के चलते कभी माता पिता बच्चों पर नाराज भी हो जाते हैं, जिस वजह से बच्चे उनसे थोड़ी दूरी बनाने लगते हैं। ऐसा खासकर टीनएज बच्चों के साथ होता है। जिस वजह से माता-पिता और बच्चों के बीच काफी दिक्कतें आने लगती हैं। धीरे-धीरे बच्चा कदम रखता है, उम्र के सबसे नाज़ुक दौर में जिसे हम सभी टीनेज के नाम से जानते हैं। ये उम्र का ऐसा दौर होता है जब अचानक से बच्चों का व्यवहार बदलने लगता है।

हम चाहते हैं कि बच्चों को अपना दोस्त बनाएं पर अक्सर ऐसा करने के लिए हमें कैसे व्यवहार करना चाहिए, ये हम समझ नहीं पाते हैं। आइए जानते हैं कि इस सिचुएशन में पेरेंट्स को कैसे रिएक्ट करना चाहिए।

किसी दूसरे बच्चे का उदाहरण न दें

Deal with Teenager Mood
Don’t compare

हम अपने बच्चों से अक्सर ये कहते हैं कि दूसरे बच्चे तो बहुत कुछ कर रहे हैं, तुम उनकी तरह स्मार्ट कब बनोगे। बेशक हमारे लिए ये बहुत नॉर्मल से शब्द हैं, लेकिन कहीं न कहीं हमारे ये प्यार या गुस्से से कहे शब्द बच्चों का दिल दुखाने लगते हैं। ऐसा कहने की जगह हमें उन्हें हर तरह से सपोर्ट करना चाहिए।

उनकी राय लें

Teenager Mood
Feel them special

उम्र के इस दौर में बच्चों को भरोसे और प्यार की बहुत जरूरत होती है। हमें उन्हें अपने करीब रखने के लिए हर छोटे बड़े फैसले में उनकी राय जरूर लेनी चाहिए। इससे उन्हें ये महसूस हो कि वो भी माता-पिता के लिए बहुत मायने रखते हैं ।

बच्चों की बात सुनिए

Pay attention
Pay attention

जिस तरह हमें अपनी बात कहने का अधिकार है, ठीक उसी तरह बच्चों का भी पूरा हक बनता है कि वो भी अपने मन की बात कहें, बताएं कि वो क्या सोचते हैं, क्या करना चाहते हैं। इस लिए जरूरी है कि हम बच्चों की बात सुनें और उनकी बातों का सम्मान करें, कुछ गलत लगे तो उन्हें समझाएं, चिल्लाएं नहीं।

बच्चों को समय दें

Spend quality time
Spend quality time Credit: istock

जब बच्चे बहुत छोटे होते हैं तो हम उन्हें पूरा समय देते हैं। लेकिन जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, हम उन्हें समय देना बंद कर देते हैं। यहीं से रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगती हैं। अगर आप रोज समय ना निकल पाएं तो वीकेंड पर बच्चों के साथ कुछ समय बिताएं, कहीं घूमने चलें जाएं, लंच या डिनर किसी रेस्त्रो में जा कर एन्जॉय करें।

गलतियां नज़रअंदाज न करें

Make them realize their mistake
Make them realize their mistake

कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चों को लाड़-प्यार करने की वजह से हम उनकी गलतियां नजरंदाज करने लग जाते हैं। वो भी सिर्फ इसलिए ताकी बच्चे हमसे नाराज न हो जाएं। ऐसे में हमें बच्चों को समझाना चाहिए कि अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो उसे मान लें और साथ में उनसे वादा करना चाहिए कि आप हमेशा उनके साथ हैं। उन पर नाराज होने की जगह आप उनकी गलतियों को सुधारने में उनकी मदद करेंगे, ताकि उन्हें सही गलत का फर्क पता चले।

इस तरह आप बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बन जाएंगे। तो अब समय है जनरेशन गैप को अलविदा कहने का।

 

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