Ramayana Lessons: हम सभी रामायण को अपने धार्मिक ग्रंथ के रूप में जानते हैं पर क्या हम जानते हैं कि रामायण हमें जीवन जीने की कला सिखाती है I मनुष्य रामायण का पूजन तो करता है पर उससे मिलने वाली सीख का अपने जीवन में अनुसरण नहीं करता इसलिए आज हर परिवार में परस्पर विरोधाभास और पारिवारिक कलह का माहौल है I
आज छोटा भाई बड़े भाई से राम बनने की अपेक्षा करता है किंतु स्वयं भरत बनने को तैयार नहीं है,इसी तरह बड़ा भाई छोटे भाई से अपेक्षा करता है कि वह भरत बने लेकिन स्वयं राम बनने को तैयार नहींI
सास बहू से अपेक्षा करती है कि वह उसको मां समझे लेकिन स्वयं बहू को बेटी मानने को तैयार नहीं, बहू चाहती है कि सास मुझको बेटी की तरह माने लेकिन स्वयं सास को मां जैसा आदर नहीं देती I
पति पत्नी से अपेक्षा करता है कि वह सीता या सावित्री बने पर स्वयं राम बनने को तैयार नहीं I
आज के युग में हमें रामायण से सीखना चाहिए की विपदा आने पर एक परिवार के रूप में एक साथ खड़े रहें I
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Ramayana Lessons: रामायण से सीख

- एकता हमें हर तूफान से पार कराने की शक्ति देती है I जब प्रभु श्री राम को वनवास दिया गया तो उनके भाई लक्ष्मण अपने सभी सुखों का त्याग करके उनके साथ वन गए वहीं भरत ने भगवान राम की खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर उनको शासक मानते हुए राजकाज संभाला I
- भगवान राम ने शबरी द्वारा झूठे किए गए बेर खाकर हमें प्रेम का असली मूल सिखाया I सबके साथ प्यार और समान व्यवहार ही मनुष्य धर्म हैI
- रानी कैकई यूं तो भगवान राम को अपने पुत्र भरत से ज्यादा प्यार करती थी पर अपनी दासी मंथरा की बुरी सोच और गलत बातों में आकर राम के लिए ही 14 वर्षों का वनवास मांग लेती हैं I रामायण हमें सिखाती है कि हमें बुरी सोच और नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए I
- बदला लेना पल भर की खुशी देता है पर क्षमा करना जीवन भर की खुशी देता है I रावण ने लक्ष्मण द्वारा अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए सीता का अपहरण किया वही श्री राम और मां सीता ने कैकई को क्षमा किया व उन्हें वनवास देने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया I बदले की भावना ने रावण की जान ले ली जबकि कैकई का मन पलट गया और वह अपने किए का पश्चायाताप जीवन भर करती रही I
- बुराई कितनी भी शक्तिशाली या बड़ी क्यों ना हो लेकिन अच्छी नीयत और गुणों के कारण सच्चाई की ही जीत होती है लिए माता सीता पर रावण ने बुरी नजर डाली पर अंत में भगवान राम ने रावण को पराजित किया I
- रामायण में हनुमान जी का चरित्र हमें सच्ची भक्ति और समर्पितता सिखाता है I हमें भी अपने आप को तन मन धन से अपने प्रभु के समर्पित कर देना चाहिए I मैं क्या जानू तेरी रघुराई तू जाने मेरी किस में भलाई l
- जिस तरह भगवान का नाम लिखने से ही पत्थर तैरने लगे और सब लोग पुल से सागर पार कर गए वैसे ही प्रभु का नाम लेने से हम इस भवसागर से पार हो सकते हैं और हर क्षेत्र में जीत हासिल कर सकते हैं l
- मनुष्य जन्म और जीवन की सार्थकता यही तो है- माता पिता की आज्ञा का पालन, भाइयों से प्रेम, गुरु का आदर, अपने से छोटों को प्रेम और सम्मान देना,पत्नी व्रत धर्म का पालन करना,पति के प्रति समर्पण भाव, राजधर्म और अपने कर्तव्यों का पालन करना जो सब हमें रामायण सिखाती है आज से हम सभी रामायण का खाली पाठ ही नहीं करेंगे अपने जीवन को रामायण बनाने का संकल्प लेंगे l
