सीखें मेनेजमेंट स्किल्स, रामायण काल में इस्तेमाल हो चुके हैं: Management Skills
Management Skills

मैनेजमेंट के वह 13 लेसन जो रामायण काल में इस्तेमाल हो चुके हैं और आज भी उतने ही उपयुक्त हैंl

रामायण से सीखें मेनेजमेंट

Learn management qualities from Ramayana

हमारा धार्मिक ग्रंथ रामायण जिसके बारे में हम सभी जानते हैं, रोज इसका पाठ करते हैं, पर क्या हम जानते हैं कि इसमें ऐसी कमाल की बातें छुपी है जिनका अनुसरण करें तो हम अपने व्यक्तित्व, व्यवसाय, निजी जिंदगी,अपनी टीम की तरक्की, अपने कैरियर को कई गुना बढ़ा सकते हैंl

पहली सीख ,लीडर शिप क्वालिटी का होना

Learn the quality of leadership from the characters of Ramayana

प्रबंधन में अहम भूमिका है एक ऐसे लीडर की जो हमारी छुपी हुई अंदर की ताकत को पहचान कर हमें उस से अवगत कराएं और हमारा हौसला बढ़ाएंl रामायण में जामवंत ने हनुमान की छुपी हुई ताकत को जाना और उससे असाधारण काम करवा लिया l लंका में घुसकर मां सीता को वापस लाने में हनुमान के योगदान के बारे में सभी जानते हैंl

दूसरी सीख,टीम वर्क होना

Ramayana the great hindu Epic

सेना का सेनापति सही हो तो कुछ भी असंभव नहींl रावण के पास राक्षसों की लंबी सेना थी और कई वरदान थे l ऐसी सेना जिसको हराना देवताओं के लिए भी संभव नहीं था और राम के पास खाली उसका भाई था l सीता का अपहरण हो गया था, वह सुराग दूर रहे थेl
धीरे-धीरे उन्होंने बंदरों की सेना इकट्ठी की l उनको मालूम था किसको कौन सा काम देना है कौन वह काम महारथ के साथ कर सकता है और उनकी लीडरशिप में वानर सेना ने राक्षसों के घर में घुसकर उन्हें हरा दिया l लीडर सही हो तो कोई भी टीम बेमिसाल काम कर सकती है l आप भी आज से कहना बंद कीजिए मेरी टीम में यह कमी है, वह कमी है,लीडर सही है तो कुछ भी काम करवा सकता है lअपने आप को सुधारिये, अपने ऊपर काम करिए फिर आप कुछ भी कर सकते हैं l

तीसरी सीख,अपने शब्दों की कीमत करना

Value your words,The biggest lesson from Ramayana

अपने शब्दों की कीमत करें l रामायण के शुरुआत में ही यह दोहा कहा जाता है कि ‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना जाई’ इस बात की गहराई को हमें समझना चाहिए l हर चीज की बुनियाद है विश्वास और विश्वास खैरात में नहीं मिलता उसे कमाना पड़ता हैl अगर आपने कुछ कह दिया तो आप उसे मानेंगे और कुछ भी हो जाए उसका पालन करेंगेl राजा दशरथ के लिए कैकई के वचनों को पूरा करना बहुत कठिन था पर उन्होंने उसे अपनी जान देकर भी पूरा किया l आपके ऊपर लोगों का विश्वास आपकी तरक्की में अहम भूमिका निभाता है फिर चाहे वह व्यवसाय हो या निजी जिंदगी l

चौथी सीख,अपने सलाहकारों को सावधानी से चुनना

As the company so is the colour,choose worthy people who give you right suggestions

अपने सलाहकारों को सावधानी से चुनिए l अयोध्या में सभी सुख और ऐश्वर्य थे l रानी कैकई ने मंथरा के कहने पर राजा से दो वरदान मांगे- राम को वनवास और भरत को राजगद्दी जिसके परिणाम स्वरूप राजा दशरथ का पुत्र वियोग में देहांत हो गया और भरत भी इतने नाराज हुए कि उन्होंने जीवन भर भगवान राम की खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर राजपाट संभाला l आप किसकी सलाह पर अपने जीवन के निर्णय लेते हैं, क्या किताबें पढ़ते हैं, किन के साथ उठते बैठते हैं, किसको अपना मेंटर बनाते हैं, यह बातें आपके जीवन के हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं फिर चाहे वह आपका व्यवसाय हो या फिर आपका प्रबंधन कौशल l

पांचवी सीख,अपने रिश्तों की वैल्यू करना

Value your relations

रिश्ते पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं lभगवान राम को वनवास मिलते ही राजपाट,धन- दौलत,ऐशोआराम, एक सेकंड में सब छूट गया, काम आए तो रिश्ते l वनवास तो मिला था भगवान राम को पर लक्ष्मण और माता सीता ने उनका साथ नहीं छोड़ा l राजा भरत ने भगवान राम के खड़ाऊ को सिंहासन पर रखा फिर राजपाट संभाला l रिश्ते ही हमारे जीवन की अहम पूंजी हैं l जो भी लोग हमारे जीवन में आते हैं चाहे व्यवसाय हो या कॉरपोरेट वर्ल्ड, हमें सभी को आदर और मान सम्मान देना चाहिए l सभी का सहयोग हमारी तरक्की में सहायक होगा l

छठी सीख,सही और गलत का ज्ञान होना

Choose Right over Wrong

सही और गलत के बीच का रास्ता चुनना होगा l भरत ने राजगद्दी पर बैठने से इनकार किया l वह चाहते तो राज्य कर सकते थे l राजा बन सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया इसके विपरीत दास बनकर राजगद्दी की सेवा की l विभीषण ने अपने भाई रावण का साथ ना दे कर सत का साथ दिया l अंगद बाली के पुत्र थे और बाली को राम और सुग्रीव ने मिलकर मारा था फिर भी उन्होंने प्रभु राम का साथ दिया और अपने पिता के खिलाफ खड़े हुए जब वह लंका पहुंचे तो रावण ने कहा तुम्हारे पिता मेरे दोस्त हैं मेरे साथ मिल जाओ पर अंगद को मालूम था क्या सही और क्या गलत है जिंदगी में चुनना होगा l प्रबंधन कार्य हो या कैरियर आसान और सुविधाजनक नहीं पर सही चुनो l

सातवी सीख,लक्ष्य निर्धारित करना और उस पर फोकस बनाए रखना

अपने लक्ष्य को निर्धारित करना और केंद्रित होकर उस पर काम करना l भगवान राम का लक्ष्य निर्धारित था कि उनको अपनी पत्नी को बचाना है और दुष्टों का नाश करना है और यही लक्ष्य उन्होंने अपनी सेना के अंदर भी भरा था l आज व्यापारिक जगत में भी कंपनी के हर व्यक्ति को अपने निर्धारित लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए l यदि नीचे से लेकर ऊपर की पोजीशन तक कार्यरत सभी लोग अपने अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे तो कंपनी की सफलता निश्चित है l

आठवीं सीख,अपने टीम के हर मेम्बर की अहमियत समझना

अपने साथ काम वाले हर एक की अहमियत को समझना चाहिए I रावण ने अपने प्रबंधकों के सुझावों को नजरअंदाज किया और राम के साथ युद्ध की स्थिति में मृत्यु प्राप्त की l उन्होंने अपनी सेना के सबसे बुद्धिमान और कुशल सेनापति विभीषण जो कि उनके भाई भी थे, उनकी बात को भी कोई अहमियत नहीं दी,जिसके कारण वह भी युद्ध में उनको छोड़कर भगवान राम से जा मिले और उनकी विजय संभव हो पाई क्योंकि वह लंका के सभी राज जानते थे l

9वी सीख,आशा के साथ आगे बढ़ना

हर स्थिति में आशा और विश्वास के साथ आगे बढ़ना l जहां अगले दिन रामचंद्र जी का राजतिलक होने वाला था वहीं उन्हें वनवास मिला लेकिन उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में वक्त नहीं लगा l व्यापारिक जगत ने भी ऊंच-नीच निश्चित है l प्रबंधन कौशल यही है की हर स्थिति को साहस के साथ पार करने का हौसला बनाए रखें l

दसवीं सीख,सही प्लैनिंग करना

मैनेजमेंट का सबसे जरूरी हिस्सा है सबसे पहले अपने लक्ष्य को या जो कार्य आपको दिया गया है उसको समझना जरूरी है l उसके लिए सही योजना बनाना है l सबसे बाद में अपने प्रतिद्वंदी की ताकत और कमजोरियों का पता लगाना जरूरी है और उससे संबंधित खतरों और अवसरों को समझना चाहिए l लंका पहुंचकर सबसे पहले हनुमान जी ने वहां की स्थिति का पूरा विश्लेषण किया l वहां की ताकत और कमजोरियों का आंकलन किया l लंका में कई तरह के खतरे थे तो कई अवसर भी थे l हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और कुशलता से सब कुछ समझा और उसके बाद ही कुछ किया l

ग्यारवि सीख,टीम लीडर की बात मानना

अच्छे प्रबंधन कौशल के अंतर्गत सभी लोगों को एक दूसरे के निर्देशों का पालन करना चाहिए l लक्ष्मण जी ने सीता माता से अनुरोध किया कि वह रेखा पार करके बाहर ना जाएं पर वह सोने के मृग के लोभ में आकर रेखा पार कर गई और रावण की योजना का शिकार हुई l

बाहरवी सीख,विश्वास के साथ आगे बढ़ना

व्यवसाय हो या निजी जिंदगी किसी ने खूब कहा है ‘हाथ काम में और मन राम में’ लंका तक जब पुल बनाने का काम चल रहा था तो पत्थर समुद्र में डूबने लगेl हर पत्थर पर राम का नाम लिखा गया फिर क्या था बड़े-बड़े पत्थर भी तैरने लगे और आराम से लंका तक पुल का काम पूरा हुआ l रामायण से हमें यह सीख मिलती है कि हमें पूरी लगन से अपना काम करना चाहिए और भगवान पर पूरा विश्वास रखना चाहिए कि हमारा लक्ष्य जरूर पूरा होगा l

यह भी देखे-स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या है? क्या आप भी हैं इन लक्षणों से परेशान: Stiff Person Syndrome

तेरहवीं सीख,असफलता से हार नहीं मानना

असफलता से हार नहीं माननी चाहिए I फिर से करना चाहिए प्रयास l हनुमान जी लंका में सीता माता को खोज रहे थेl बहुत मेहनत के बाद भी सीता जी की खबर नहीं मिली तो हनुमान जी थोड़े

Management Skills: हमारा धार्मिक ग्रंथ रामायण जिसके बारे में हम सभी जानते हैं, रोज इसका पाठ करते हैं, पर क्या हम जानते हैं कि इसमें ऐसी कमाल की बातें छुपी है जिनका अनुसरण करें तो हम अपने व्यक्तित्व, व्यवसाय, निजी जिंदगी,अपनी टीम की तरक्की, अपने कैरियर को कई गुना बढ़ा सकते हैंl

पहली सीख ,लीडर शिप क्वालिटी का होना

Management Skills
Learn the quality of leadership from the characters of Ramayana


प्रबंधन में अहम भूमिका है एक ऐसे लीडर की जो हमारी छुपी हुई अंदर की ताकत को पहचान कर हमें उस से अवगत कराएं और हमारा हौसला बढ़ाएंl रामायण में जामवंत ने हनुमान की छुपी हुई ताकत को जाना और उससे असाधारण काम करवा लिया l लंका में घुसकर मां सीता को वापस लाने में हनुमान के योगदान के बारे में सभी जानते हैंl


दूसरी सीख,टीम वर्क होना

Management
Ramayana the great hindu Epic


सेना का सेनापति सही हो तो कुछ भी असंभव नहींl रावण के पास राक्षसों की लंबी सेना थी और कई वरदान थे l ऐसी सेना जिसको हराना देवताओं के लिए भी संभव नहीं था और राम के पास खाली उसका भाई था l सीता का अपहरण हो गया था, वह सुराग दूर रहे थेl
धीरे-धीरे उन्होंने बंदरों की सेना इकट्ठी की l उनको मालूम था किसको कौन सा काम देना है कौन वह काम महारथ के साथ कर सकता है और उनकी लीडरशिप में वानर सेना ने राक्षसों के घर में घुसकर उन्हें हरा दिया l लीडर सही हो तो कोई भी टीम बेमिसाल काम कर सकती है l आप भी आज से कहना बंद कीजिए मेरी टीम में यह कमी है, वह कमी है,लीडर सही है तो कुछ भी काम करवा सकता है lअपने आप को सुधारिये, अपने ऊपर काम करिए फिर आप कुछ भी कर सकते हैं l


तीसरी सीख,अपने शब्दों की कीमत करना

रामायण
Value your words,The biggest lesson from Ramayana


अपने शब्दों की कीमत करें l रामायण के शुरुआत में ही यह दोहा कहा जाता है कि ‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना जाई’ इस बात की गहराई को हमें समझना चाहिए l हर चीज की बुनियाद है विश्वास और विश्वास खैरात में नहीं मिलता उसे कमाना पड़ता हैl अगर आपने कुछ कह दिया तो आप उसे मानेंगे और कुछ भी हो जाए उसका पालन करेंगेl राजा दशरथ के लिए कैकई के वचनों को पूरा करना बहुत कठिन था पर उन्होंने उसे अपनी जान देकर भी पूरा किया l आपके ऊपर लोगों का विश्वास आपकी तरक्की में अहम भूमिका निभाता है फिर चाहे वह व्यवसाय हो या निजी जिंदगी l


चौथी सीख,अपने सलाहकारों को सावधानी से चुनना

रामायण
As the company so is the colour,choose worthy people who give you right suggestions


अपने सलाहकारों को सावधानी से चुनिए l अयोध्या में सभी सुख और ऐश्वर्य थे l रानी कैकई ने मंथरा के कहने पर राजा से दो वरदान मांगे- राम को वनवास और भरत को राजगद्दी जिसके परिणाम स्वरूप राजा दशरथ का पुत्र वियोग में देहांत हो गया और भरत भी इतने नाराज हुए कि उन्होंने जीवन भर भगवान राम की खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर राजपाट संभाला l आप किसकी सलाह पर अपने जीवन के निर्णय लेते हैं, क्या किताबें पढ़ते हैं, किन के साथ उठते बैठते हैं, किसको अपना मेंटर बनाते हैं, यह बातें आपके जीवन के हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं फिर चाहे वह आपका व्यवसाय हो या फिर आपका प्रबंधन कौशल l


पांचवी सीख,अपने रिश्तों की वैल्यू करना

रामायण
Value your relations


रिश्ते पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं lभगवान राम को वनवास मिलते ही राजपाट,धन- दौलत,ऐशोआराम, एक सेकंड में सब छूट गया, काम आए तो रिश्ते l वनवास तो मिला था भगवान राम को पर लक्ष्मण और माता सीता ने उनका साथ नहीं छोड़ा l राजा भरत ने भगवान राम के खड़ाऊ को सिंहासन पर रखा फिर राजपाट संभाला l रिश्ते ही हमारे जीवन की अहम पूंजी हैं l जो भी लोग हमारे जीवन में आते हैं चाहे व्यवसाय हो या कॉरपोरेट वर्ल्ड, हमें सभी को आदर और मान सम्मान देना चाहिए l सभी का सहयोग हमारी तरक्की में सहायक होगा l


छठी सीख,सही और गलत का ज्ञान होना

रामायण
Choose Right over Wrong


सही और गलत के बीच का रास्ता चुनना होगा l भरत ने राजगद्दी पर बैठने से इनकार किया l वह चाहते तो राज्य कर सकते थे l राजा बन सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया इसके विपरीत दास बनकर राजगद्दी की सेवा की l विभीषण ने अपने भाई रावण का साथ ना दे कर सत का साथ दिया l अंगद बाली के पुत्र थे और बाली को राम और सुग्रीव ने मिलकर मारा था फिर भी उन्होंने प्रभु राम का साथ दिया और अपने पिता के खिलाफ खड़े हुए जब वह लंका पहुंचे तो रावण ने कहा तुम्हारे पिता मेरे दोस्त हैं मेरे साथ मिल जाओ पर अंगद को मालूम था क्या सही और क्या गलत है जिंदगी में चुनना होगा l प्रबंधन कार्य हो या कैरियर आसान और सुविधाजनक नहीं पर सही चुनो l


सातवी सीख,लक्ष्य निर्धारित करना और उस पर फोकस बनाए रखना

अपने लक्ष्य को निर्धारित करना और केंद्रित होकर उस पर काम करना l भगवान राम का लक्ष्य निर्धारित था कि उनको अपनी पत्नी को बचाना है और दुष्टों का नाश करना है और यही लक्ष्य उन्होंने अपनी सेना के अंदर भी भरा था l आज व्यापारिक जगत में भी कंपनी के हर व्यक्ति को अपने निर्धारित लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए l यदि नीचे से लेकर ऊपर की पोजीशन तक कार्यरत सभी लोग अपने अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे तो कंपनी की सफलता निश्चित है l

आठवीं सीख,अपने टीम के हर मेम्बर की अहमियत समझना


अपने साथ काम वाले हर एक की अहमियत को समझना चाहिए I रावण ने अपने प्रबंधकों के सुझावों को नजरअंदाज किया और राम के साथ युद्ध की स्थिति में मृत्यु प्राप्त की l उन्होंने अपनी सेना के सबसे बुद्धिमान और कुशल सेनापति विभीषण जो कि उनके भाई भी थे, उनकी बात को भी कोई अहमियत नहीं दी,जिसके कारण वह भी युद्ध में उनको छोड़कर भगवान राम से जा मिले और उनकी विजय संभव हो पाई क्योंकि वह लंका के सभी राज जानते थे l

9वी सीख,आशा के साथ आगे बढ़ना


हर स्थिति में आशा और विश्वास के साथ आगे बढ़ना l जहां अगले दिन रामचंद्र जी का राजतिलक होने वाला था वहीं उन्हें वनवास मिला लेकिन उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में वक्त नहीं लगा l व्यापारिक जगत ने भी ऊंच-नीच निश्चित है l प्रबंधन कौशल यही है की हर स्थिति को साहस के साथ पार करने का हौसला बनाए रखें l

दसवीं सीख,सही प्लैनिंग करना

मैनेजमेंट का सबसे जरूरी हिस्सा है सबसे पहले अपने लक्ष्य को या जो कार्य आपको दिया गया है उसको समझना जरूरी है l उसके लिए सही योजना बनाना है l सबसे बाद में अपने प्रतिद्वंदी की ताकत और कमजोरियों का पता लगाना जरूरी है और उससे संबंधित खतरों और अवसरों को समझना चाहिए l लंका पहुंचकर सबसे पहले हनुमान जी ने वहां की स्थिति का पूरा विश्लेषण किया l वहां की ताकत और कमजोरियों का आंकलन किया l लंका में कई तरह के खतरे थे तो कई अवसर भी थे l हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और कुशलता से सब कुछ समझा और उसके बाद ही कुछ किया l

ग्यारहवींसीख,टीम लीडर की बात मानना

अच्छे प्रबंधन कौशल के अंतर्गत सभी लोगों को एक दूसरे के निर्देशों का पालन करना चाहिए l लक्ष्मण जी ने सीता माता से अनुरोध किया कि वह रेखा पार करके बाहर ना जाएं पर वह सोने के मृग के लोभ में आकर रेखा पार कर गई और रावण की योजना का शिकार हुई l

बाहरवीं सीख,विश्वास के साथ आगे बढ़ना

व्यवसाय हो या निजी जिंदगी किसी ने खूब कहा है ‘हाथ काम में और मन राम में’ लंका तक जब पुल बनाने का काम चल रहा था तो पत्थर समुद्र में डूबने लगेl हर पत्थर पर राम का नाम लिखा गया फिर क्या था बड़े-बड़े पत्थर भी तैरने लगे और आराम से लंका तक पुल का काम पूरा हुआ l रामायण से हमें यह सीख मिलती है कि हमें पूरी लगन से अपना काम करना चाहिए और भगवान पर पूरा विश्वास रखना चाहिए कि हमारा लक्ष्य जरूर पूरा होगा l

यह भी देखे-स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या है? क्या आप भी हैं इन लक्षणों से परेशान: Stiff Person Syndrome

तेरहवीं सीख,असफलता से हार नहीं मानना

असफलता से हार नहीं माननी चाहिए I फिर से करना चाहिए प्रयास l हनुमान जी लंका में सीता माता को खोज रहे थेl बहुत मेहनत के बाद भी सीता जी की खबर नहीं मिली तो हनुमान जी थोड़े निराश हो गए l उन्होंने सोचा कि मुझे फिर से प्रयास करना चाहिए l उन्होंने योजना बनाई कि मुझे उन जगहों पर देखना चाहिए जहां मैं अभी तक नहीं गया l इस बार वह अशोक वाटिका पहुंच गए जहां उन्हें देवी सीता को खोजने में सफलता मिल गई लिए l अच्छे प्रबंधक का भी काम है कि वह अपने टीम में कार्यरत सभी लोगों को हार ना मानने के लिए प्रेरित करें l

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