Resolution Skills for Kids: संघर्ष जीवन का अहम भाग है I जब चार लोग इकट्ठे होते हैं तो संघर्ष और मतभेद होना स्वाभाविक बात है l एक दूसरे के प्रति असहमति संघर्ष का कारण बन जाती है l एक हेल्थी तरीके से इन संघर्ष से निबटने और आगे बढ़ने के लिए आज के युवाओं को अपनी भावना तथा अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने और सामने वाले की भावना और उसके दृष्टिकोण को जानने की आवश्यकता होती है l
टीनएज में बच्चों में कई हार्मोनल और इमोशनल परिवर्तन होते हैं जिनके कारण उनके अंदर मूड स्विंग्स और गुस्सा होना आम बात है l इसलिए उनके अंदर संघर्ष समाधान कौशल का होना जरूरी है| चाहे घर में बच्चे का आपस में अपने भाई बहन से झगड़ा हो , चाहे जब वो अपने दोस्तों के साथ खेलने निकलता है और आपस में किसी बात पर असहमति के कारण मतभेद हो जाता है l ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को यह समझ नहीं आता कि वह अपने बच्चों की इस संघर्ष से निपटने में कैसे मदद करें l
अभिभावक और शिक्षक दोनों ही अपने बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास में अहम भूमिका रखते हैंl बच्चे का चरित्र निर्माण उन्हीं मूल्यों और सिद्धांतों से होता है, जो वह अपने स्कूल और अपने घर में अपने बड़ों को देखकर सीखते हैं| माता-पिता होने के नाते आप का काम है कि आप अपने बच्चों को आपसी संघर्ष और मतभेदों को प्रबंधित करने के तरीके सिखाए जिससे वह आत्मविश्वास के साथ भविष्य में आने वाले संघर्षो का सामना करने और उनसे निपटने के लिए तैयार हो सकेंगे l
माता पिता के द्वारा कुछ ध्यान देने योग्य बातें

अपने बच्चों में आपस में हुए इन मतभेदों को इग्नोर ना करके ध्यान दें l जिससे किसी की भी भावना को ठेस ना पहुंचे l यह भी कोशिश करें कि वह अपने संघर्षों का हल निकालने का कौशल स्वयं विकसित करें और साथ ही यह भी जाने कि अभी वह छोटे हैं और आपको हस्तक्षेप करने की आवश्यकता पड़ सकती है l उनकी समस्या का समाधान निकालने में आप उनकी मदद कर सकते हैं l
बड़ों को इस बात का भी ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वह किसी एक का पक्ष ना ले और किसी भी एक को दूसरे से ऊपर ना समझे I सभी बच्चों के लिए समान भावना रखें और बच्चों को भी सिखाए कि वह एक दूसरे का सम्मान करें l पहले सभी बच्चों को प्यार से शांत कराएं और खुद भी इमोशन में आने से बचें l अपने गुस्से और इमोशन का प्रबंधन करके ही आप उन्हें उनके गुस्से का प्रबंधन करना सिखा सकते हैं l यह बात भी ध्यान में रखें कि झगड़े में कहीं ना कहीं कुछ हद तक सभी शामिल होते हैं इसलिए किसी भी एक को जिम्मेदार ना करें l
टीनएजर कॉनफ्लिक्ट के कुछ नकारात्मक परिणाम

क्योंकि टीनएजर्स अभी इतने बड़े नहीं हुए हैं और उनके अंदर कॉन फ्लिक्ट्स को निपटाने का आवश्यक कौशल नहीं होता है इसलिए यह संघर्ष उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर देते हैं l घर में भी यह वाद-विवाद माता-पिता और बच्चों दोनों के ही लिए तनाव पूर्ण होता है l बाहर भी इससे दोस्ती टूटने की वजह से बच्चों में मानसिक आघात पहुंचता है और अगर यह कॉनफ्लिक्ट्स ज्यादा बढ़ जाते हैं तो यह हिंसा का भी रूप ले लेते हैं l
उन्हें उनके आपसी मतभेद और संघर्षों के बारे में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें

यदि आपके बच्चे का घर में या बाहर किसी के भी साथ वाद-विवाद या मतभेद हो रहे हैं तो उन्हें प्रोत्साहन दें कि वह एक दूसरे के साथ बैठकर इस बारे में बात करें l उन्हें बताएं कि वह अपनी भावनाएं व्यक्त करें और उनका भी दृष्टिकोण समझने की कोशिश करें l उन्हें यह बात से भी अवगत कराएं कि हर मतभेद का कारण गलतफहमी और गलत संचार के अलावा कुछ नहीं होता है l अपने बच्चे के साथ इस समस्या समाधान नीति को साझा करें l उन्हें यह भी बताएं कि हर स्थिति में आप उनके साथ है और इसके साथ ही उन्हें अपने संघर्षों को खुद सुलझाने के लिए भी जगह दें Iइन समस्याओं और उनके समाधान मिलकर खोजने से आपके बच्चे भविष्य में एक मजबूत संचार कौशल सीखेंगे और एक बेहतरीन इंसान बनेंगे l
उन्हें बातचीत और समझौता करने की कला बचपन से ही सिखाये

अपने बच्चों को बचपन से सिखाये की कुछ बातों में हमें जीवन में समझौता करना पड़ता है l कुछ ऐसी परिस्थितियां भी हो सकती हैं जिसमे मतभेद को हल करने का एक ही तरीका होता है कि दूसरे व्यक्ति को वो दे दो जो वो चाहता है l शुरू में आपका बच्चा यह बात स्वीकार नहीं कर पाएगा और उसे यह बात अनुचित लगेगी लेकिन इसी बात से वह जीवन का सबसे बड़ा सबक ग्रहण कर पाएगा कि जीवन निष्पक्ष नहीं होता है l आप उसके अंदर यह विचार भी जागृत करें कि वह भी अपनी बात को दृढ़ता से व्यक्त करें और अपना भी हल लेने का हक रखें l यह जीवन की जरूरी स्किल्स हैँ जिन्हे सीखकर अगर आपका बच्चा बड़ा होगा तो वह जीवन में आने वाली हर परिस्थिति का आत्मविश्वास के साथ सामना कर पाएगा l
अतीत में हुई घटनाओं से पैदा हुई नकारात्मक भावनाओं को दूर करने के महत्व को समझाएं

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जब बच्चों का एक ही बच्चे से बार-बार मतभेद होता है चाहे वह उसके भाई-बहन हो या फिर उसका कोई दोस्त, तो वे उसके अतीत में हुए नकारात्मक अनुभवों को और उसके व्यवहार को नई लड़ाई से जोड़ लेते हैं और बहुत नाराज होते हैं जिससे वर्तमान मतभेद को समाधान मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है l यदि आपकी ऐसी परेशानी महसूस करते हैं जब आपका बच्चा मतभेदों का हल निकालने से मना कर देता है तो उसकी मानसिक स्थिति को समझने की कोशिश करें कि ऐसा हर किसी के साथ होता है और उसका यह अनुभव एक स्वाभाविक बात है l इसके साथ ही उनके अंदर यह विचार भी जागृत करें कि बीती हुई घटनाओं का अब कोई अस्तित्व नहीं है पर वे हमारी सोच के रूप में हमारे वर्तमान जीवन की क्वालिटी को खराब कर रही है l उन्हें इस बात के लिए भी शिक्षित करें कि जो बीत चुका है उन बातों को जाने दे क्योंकि उन्हें बदला नहीं जा सकता और अगर हम उन बातों को नहीं भूलेंगे तो हमारा वर्तमान और भविष्य ही प्रभावित होगा l
