स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या है? क्या आप भी हैं इन लक्षणों से परेशान: Stiff Person Syndrome
Stiff Person Syndrome

Stiff Person Syndrome: स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (एसपीएस) एक न्यूरोलॉजिकल ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक दुर्लभ बीमारी है। प्रत्येक 1 मिलियन लोगों में से केवल एक या दो लोग इसकी चपेट में आते हैं। कई लोगों को आज भी यह जानकारी नहीं है कि एसपीएस आखिर है क्या। शरीर से जुड़ी इस दुर्लभ स्थिति के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।
जिन लोगों को यह विकार होता है, उन्हें मांसपेशियों में गंभीर ऐंठन के साथ हाथ और पैरों की मांसपेशियों में अकड़न की समस्या होती है। विकार से ध्वनि, तनाव और शारीरिक संपर्क के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ सकती है। कभी-कभी, बढ़ी हुई संवेदनशीलता ऐंठन को ट्रिगर कर सकती है। यह इतना खराब हो सकता है कि इससे पीड़ित लोगों को चलने में परेशानी हो सकती है या अक्षम हो सकते हैं।

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जानिए लक्षण

Stiff Person Syndrome
Symptoms of Stiff Person Syndrome

इस बीमारी में सबसे पहले धड़ और पेट की मसल्स प्रभावित होती हैं। इनमें कभी अकड़न आती है और कभी अकड़न नहीं रहती, लेकिन एक वक़्त बाद अकड़न बनी रहती है। पैरों की मांसपेशियों के बाद बॉडी की अन्य मसल्स में अकड़न शुरू हो जाती है। इसके इलाज में लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। इससे मरीज का मूवमेंट बेहतर कर सके। मरीज घर से बाहर निकलने से भी डरते हैं, क्योंकि सड़क की आवाजें, जैसे हॉर्न की आवाज ऐंठन और गिरने का कारण बन सकती है।

क्या हैं कारण?

क्योंकि एसपीएस एक ऐसा दुर्लभ विकार है, डॉक्टर और वैज्ञानिक ठीक से नहीं जानते कि इसका कारण क्या है। लेकिन येल मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अनुसार, एक सिद्धांत यह है कि यह एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया है, जो शरीर के ग्लूटामिक एसिड डिकारबॉक्साइलेज (जीएडी) प्रोटीन पर हमला करती है। जीएडी गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए) बनाने में मदद करता है, जो मस्तिष्क में मोटर न्यूरॉन्स को नियंत्रित करता है। यदि जीएबीए कम है, तो न्यूरॉन्स ओवररिएक्ट करते हैं, जिससे ऐंठन होती है। यह विकार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुना होता है और इसके लक्षण आमतौर पर 30 और 60 की उम्र के बीच दिखना शुरू हो जाते हैं। इसका अक्सर एक अन्य ऑटोइम्यून विकार के साथ निदान किया जा सकता है।

क्या हैं जटिलताएं?

इसकी वजह से लोगों को मासिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे – चिंता और अवसाद, गंभीर मांसपेशियों में ऐंठन, बार-बार गिरना और अत्यधिक पसीना आना।

निदान कैसे किया जाए?

Treatment of Stiff Person Syndrome
Treatment of Stiff Person Syndrome

इसका निदान करने के लिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री और फिजिकल टेस्ट कर सकते हैं। सबसे पहले, जीएडी एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है, जिसके लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है। एसपीएस से ग्रसित हर किसी के पास जीएडी एंटीबॉडी नहीं होती है। डॉक्टर मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए एक इलेक्ट्रोमोग्राफी (ईएमजी) नामक स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। वे एमआरआई टेस्ट के लिए भी सलाह दे सकते हैं। कभी-कभी इसका कारण अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) और पार्किंसंस रोग से मिलता-जुलता लगता है। ऐसे में सटीक निदान जरूरी होता है।

क्या उपचार संभव है?

दुर्भाग्य से, किसी को स्टिफ पर्सन सिंड्रोम न हो, इसके लिए अभी कोई प्राथमिक उपचार नहीं है। लेकिन यह दवा, इम्यूनोथेरेपी और कुछ प्रकार की भौतिक चिकित्सा के साथ इलाज योग्य है। चिकित्सकों के अनुसार, एसपीएस के साथ होने वाली ऐंठन और जकड़न को कम करने के लिए चिंता-विरोधी दवा डायजेपाम, गैबापेंटिन नामक एक एंटीकॉन्वल्सेंट दवा, और मांसपेशियों को आराम देने वाला बैक्लोफेन का उपयोग किया जा सकता है।