Kids Fatty Liver: बदलती लाइफस्टाइल और डाइट के चलते बड़ों की ही नहीं बल्कि बच्चों की हेल्थ भी प्रभावित हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 39 प्रतिशत लोग फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं जिसमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है। माना जा रहा है कि हर तीन में से एक बच्चा नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर(NAFLD) का शिकार है। लिवर एक महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर को डिटॉक्सिफाई और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाता है, लेकिन लिवर में जमा होता अत्यधिक फैट इसे प्रभावित कर सकता है। बच्चों में फैटी लिवर डिजीज की वृद्धि होना चेतावनी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बच्चों को फैटी लिवर की समस्या क्यों बढ़ रही है और इससे कैसे निपटा जाए, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्यों होता है NAFLD

नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर (NAFLD) की समस्या तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं में बहुत अधिक फैट जमा हो जाता है। आमतौर पर, लिवर भोजन को सीधे गट से लेता है। ये फैट, कार्ब और प्रोटीन को एनर्जी व अन्य प्रोटीन में परिवर्तित करता है। लेकिन इस प्रक्रिया में असंतुलन की वजह से लिवर में अतिरिक्त फैट जमा होने लगता है। NAFLD के कारण पाचन, ऊर्जा और शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में परेशानी आ सकती है। फैटी लिवर के दो प्रकार होते हैं- एक अल्कोहल फैटी लिवर जो अधिक शराब पीने के कारण होता है और दूसरा नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर जिसमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
बच्चों को फैटी लिवर होने का मुख्य कारण
बच्चों की लाइफस्टाइल में बदलाव फैटी लिवर की समस्या को बढ़ावा दे रहा है। जंक फूड जैसे मैदा, सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिठाइयां और बेकरी आइटम्स के अलावा लो फिजिकल एक्टिविटी, अधिक स्क्रीन टाइम, और स्पोर्ट्स की कमी फैटी एसिड की समस्या का कारण हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि वर्तमान में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों का अधिक सेवन नॉन-अल्कोहल फैटी एसिड डिजीज के बढ़ते जोखिम से संबंधित है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में अनहेल्दी फैट, शुगर, रिफाइंड, कोर्बोहाइड्रेट्स और रिफाइंड फ्लार अधिक होता है। साथ ही इसमें फाइबर और न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है जो लिवर को प्रभावित कर सकती है। नियमित रूप से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है।
बच्चों में फैटी लिवर के लक्षण

– 2 से 19 साल तक के बच्चे प्रभावित हो सकते हैं
– लड़कियों की अपेक्षा लड़के होते हैं अधिक प्रभावित
– बच्चों के लिवर में हो सकती है सूजन
– बढ़ सकती है लिवर डैमेज की समस्या
– कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है
– पेट में दर्द और उल्टी
– बच्चे की भूख में कमी
– अपच की समस्या
फैटी लिवर की समस्या से ऐसे निपटें
– फैटी लिवर की समस्या से निपटने के लिए बच्चों की लाइफस्टाइल में बदलाव करने की आवश्यकता है।
– बच्चों की बैलेंस और न्यूट्रीशियस डाइट पर करें फोकस
– डाइट के साथ फिजिकल एक्टिविटी का रखें ध्यान
– जंक और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड पर लगाएं पूरी तरह से लगाम
– बच्चों के साथ पेरेंट्स भी करें अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव
– डाइट में फ्रूट्स, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट को करें शामिल
– शुगरी ड्रिंक्स, हाई फैट और स्नैक्स से बनाएं दूरी
– रेग्यूलर मेडिकल चेकअप और स्क्रीनिंग कराएं
