Foods For Fatty Liver: आजकल की लाइफ स्टाइल ऐसी हो गई है कि हम लोगों के लिए सेहतमंद बने रहना किसी चैलेंज से कम नहीं है। पिछली पीढ़ी को तो नहीं लेकिन आजकल ज्यादातर लोगों को खाना हजम नहीं होता। इसकी वजह होती है हमारे लीवर का सही से काम न करना। अक्सर ही लोगों के मुंह से एक बात सुनते हैं कि उन्हें फैटी लीवर की समस्या है। हालांकि फैटी लिवर से ग्रस्त इंसान के अंदर कोई बहुत प्रॉमिनेंट लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन उनमें भूख न लगना और जी मितलाने जैसी समस्या देखने को मिलती है। हालांकि शुरुआती स्तर की बात की जाए तो यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है लेकिन इससे बहुत सी गंभीर बीमारिया और लीवर कैंसर हो सकता है। फैटी लीवर की समस्या से बचने के लिए जरूरी है वजन को मैनेज करना और रोजाना कम से कम तीस मिनट की वॉक करना। इसके अलावा आप ऐसी 7 खाने पीने की चीजों का सेवन कर सकते हैं जो कि फैटी लिवर से छुटकारा दिलवाने में आपकी मदद करेंगी। आइए जानते हैं वे खान-पान की वे चीजें कौन-सी हैं।
Foods For Fatty Liver:फलों की बहार

फलों में बात करें तो सेब, अन्नानास, चकोतरा(ग्रेपफ्रूट), तरबूज और पपीता पोषक तत्वों से भरे हैं। अन्नानास में विटामिन सी, पोटेशियम और मैंगनीज सहित विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अनानास का जूस पीने से लिवर की सूजन कम होती है। इसके अलावा फैटी लीवर होने की वजह से खाना डाइजेस्ट नहीं हो रहा तो खाने के बाद पपीता खाएं। आपको फर्क नजर आएगा। वैसे भी इस फल में एंटी इंफ्लेमेटरी खूबियां होती हैं जो कि लिवर सेल्स में सूजन को रोकने का काम करती हैं। बहुत से लोग लिवर को डिटॉक्स करने के लिए एप्पल विनेगर लेते हैं लेकिन अगर आप रोज एक सेब खाएंगे तो आपको विनेगर की जरुरत ही नहीं होगी। क्योंकि एक सेब डिटॉक्सीफिकेशन का काम कर देगा। वहीं गर्मियों में आने वाला तरबूज भी लीवर के लिए फायदेमंद है। अगर आप रोजाना तरबूज खाते हैं तो आपके लीवर की फंक्शनिंग तेज होती है।
हल्दी

अगर आपको फैटी लीवर की समस्या हे तो आप हल्दी वाला दूध एक बेहतरीन ऑप्शन है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। आपको बस इतना याद रखना है कि आपको लो फैट मिल्क का सेवन करना है। आप अगर दूध नहीं पीना चाहते तो हल्दी वाली चाय का सेवन करें।
लहसुन

आपने अक्सर देखा होगा कि जिन लोगों को कैलोस्ट्रॉल की समस्या होती है वह लहसुन का सेवन करते हैं लेकिन आपको बता दें कि सिर्फ कैलोस्ट्रॉल में ही नहीं लहसुन फैटी लीवर की समस्या में भी फायदेमंद है। इसे लेने से बॉडी का एंजाइम लेवल बेहतर होता है। लहसुन में एलिसिन कंपाउंड पाया जाता है जो लीवर के लिए बेहतरीन है।
हरी सब्जियां

हरी सब्जियों के फायदों के बारे में कहना ही क्या… लेकिन हरी सब्जियों में सबसे ज्यादा कच्चा पालक फायदा करता है। आप कोशिश करें कि खाने से पहले इसे सलाद के तौर पर लें। सलाद के लिए आप छोटे और ताजा पालक के पत्तों को लें। इन्हें बारीक काटकर नमक और काली मिर्च बुरकें। यह सेहत के साथ स्वाद में भी अच्छा लगता है। इसके अलावा आप घीया, टिंडा, तुरई का सेवन करें। इन सब्जियों को कम मिर्च-मसाले में तैयार करें। हरी सब्जियों में पॉलीफेनॉल मौजूद होता है जो कि फैटी लीवर की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
दालें

अगर आपको फैटी लीवर की समस्या है तो आप दालों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। आप सभी दालों का इस्तेमाल कर सकते हैं। दालें पचने में हल्की और लीवर के लिए फायदेमंद हैं। अगर आप ताजी दाल खा रहे हैं तो आप बिना छोंक की भी खा सकते हैं। क्योंकि फैटी लीवर में चिकना कम से कम खाने की सलाह दी जाती है। जो लोग रोजाना दाल अपने खाने में लेते हैं उन्हें फैटी लीवर की समस्या नहीं होती। ऐसे में अगर आपको फैटी लीवर की समस्या नहीं भी है तो दाल को अपनी डाइट में शामिल जरूर करें।
त्रिफला का पाउडर

आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण के कई फायदे बताए गए हैं। यह पाउडर फैटी लीवर के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आंवला, बिभीतकी और हरीतकी को पीस कर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है। यह पाउडरआपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर और ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगा। सुबह- शाम एक- एक चम्मच इसे गुनगुने पानी के साथ लें। इस पाउडर को लेने से डाइजेस्टिव एंजाइम एक्टिव होते हैं और लिवर से टॉक्सिन्स रिलीज होते हैं। इसे लेने से आपको खुद ही अपना लीवर कुछ ही समय में सही महसूस होगा।
मुलेठी

सिर्फ चिकना खाने से ही नहीं कई बार जब लोग बहुत ज्यादा शराब पीते हैं उनमें एल्कोहलिक फैटी लीवर की समस्या हो जाती है। इस समस्या का एक बेहतरीन इलाज मुलेठी है। अक्सर पान में डलने वाला यह मसाला बीमार हो चुके लीवर को दुरुस्त करने के लिए काफी है। मुलेठी एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसके अलावा इसका हेपटोप्रोटेक्टिव एलिमेंट लिवर के लिए फायदेमंद होता है। आप मुलैठी के बीज का चूर्ण बनाकर रखें। आधा चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी में डालकर पीएं। इसे दस- पंद्रह मिनट भिगोकर पिएंगे तो और भी बेहतर रिजल्ट देखने को मिलेंगे।