Effects of Force Feeding: बहुत सी माएं दिनभर इसी चिंता में डूबी रहती हैं कि हमारे बच्चे को पूर्ण पोषण नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वो खाना नहीं खाता। ये बात काफी हद तक उचित भी है। मगर इस बात को गहराई से अवश्य सोचें कि बच्चा खाने में आनाकानी क्यों कर रहा है? क्या आप उसका पंसदीदा खाना नहीं बना रही हैं या फिर वो खाने के समय पर चिप्स या केक जैसी चीजें खाने में व्यस्त है?
इन सभी बातों के अलावा आप इस बात को जरूर सोचें कि आप दिनभर में बच्चे को कितनी मील्स दे रहे हैं। अधिकतर महिलाएं दिनभर बच्चे को खाना खिलाने में व्यस्त रहती है। जो पूरी तरह से गलत है। सुबह दूध और कोई फ्रूट खिलाने के बाद आप बच्चे को छोड़ दें और करीबन दो घंटे बाद दोबारा कुछ खिलाएं। अगर आप हर आधे घंटे में बच्चे को खिलाने की कोशिश करेंगी, तो बच्चा धीरे-धीरे खाने से नफरत करने लगेगा। साथ ही कुछ अन्य परेशानियों का भी शिकार हो सकता है। आइए जानते हैं कौन सी हैं, वो परेशानियां?
खाने से नफरत होना
अगर आप बच्चे को बार-बार खाना खिलाएंगे तो आप खुद महसूस करने लगेंगे कि बच्चा पूरे मन से खाना कभी नहीं खाता है। दरअसल, बच्चे को ज्यादा खिलाने के चक्कर में हम बार-बार बच्चे को खाने के लिए फोर्स करने लगते हैं, जिसे फोर्स फीडिंग भी कहा जाता है। अब बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, वैसे-वैसे घर पर बनने वाले खाने से उसका मन भरने लगता है और वो बाहर का खाना एंजाय करने लगता है। इस स्थिति में अगर आप भी है तो बच्चे को तभी खाना दें, जब उसे भूख लगे या फिर वो खुद कुछ खाने के लिए मांगे। ऐसे में बच्चे न केवल चाव से खाना खाते है बल्कि वे अपने हाथों से भी खाने की कोशिश करने लगते हैं।
उल्टी आना

अकसर अपने आस-पास आपने बहुत बार गौर किया होगा कि जो माताएं अपने बच्चे को जबरदस्ती खाना खिलाती है। उनके बच्चे अधिकतर ज्यादा उल्टी करते हैं। वे बेमन से खाना खाते हैं और फिर पूरा एक साथ उल्टी के जरिए निकाल देते हैं। ऐसी अवस्था में पहले बच्चे के टेस्ट को पहचानें। जरूरी नहीं कि सभी बच्चों को रोटी सब्जी अच्छी लगे, कोई फल का शौकीन होता है, तो कोई पुलाव का। किसी को सैंडविच पसंद है, तो किसी को पास्ता या नूडल्स। ऐसे में अपने बच्चे के स्वाद का ख्याल रखें और अगर आप मैदा नहीं देना चाहते, तो आजकल ओट्स और मल्टीग्रेन प्रोडक्टस भी बाजार में उपलब्ध है। आप बच्चे को ओट्स बिस्किट या मल्टी ग्रेन आटे से तैयार स्टफड परांठा दे सकते हैं। ये सभी चीजें बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बिलकुल ठीक है मगर एक निर्धारित मात्रा में ही दें।
पेट खराब होना
जब हम बच्चे को बार-बार खाने के लिए बोलते हैं, तो कई बार बच्चे बड़े निवाले खाने लगते हैं, जो पेट में जाकर पूरी तरह से डाइजेस्ट नहीं हो पाते और बच्चे को पेट खराब जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। अगर आपका बच्चा अभी खाना खुद मुंह में डालना सीख रहा है, तो ऐसे में बच्चे को रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े कर के दें, ताकि वो आसानी से खा सके। इसके अलावा आप बच्चे को पोहा, उपमा, दलिया या खिचड़ी भी खिला सकते हैं। इससे बच्चे चम्मच से खाना सीखते हैं और आसानी से पचा भी लेते हैं।
वजन बढ़ने की समस्या
अपनी उम्र से ज्यादा वजन होना बच्चों के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में बच्चे कई तरह की परेशानियों से घिर जाते हैं। अगर आप बच्चे को जबरदस्ती खिलाती रहेंगी, तो बच्चा खाने के कुछ देर बार सो जाएगा, जिससे बच्चे का वजन बढ़ने लगता है। अगर बच्चा थोड़ा सा खाना खाने के बाद कुछ देर के लिए खेलता है, तो वो दिनभर एक्टिव रहता है। मोटे बच्चे अकसर ज्यादा खेलने से कतराते है और जल्दी थक भी जाते हैं। ऐसे में अपने बच्चों को हेल्दी बनाए रखने के लिए सीमित मात्रा में ही खाना खिलाएं और जंक फूड खिलाने से भी बचें। बच्चे की भूख एक बार अगर बढ़ जाएगी तो ऐसे दोबारा सीमित करना बेहद मुश्किल काम है।
कैसें करें ये समस्या हल?
- खाना बनाते वक्त बच्चे की पसंद का पूरा ख्याल रखें।
- ज्यादा तीखा खाना बनाने से बचें, अन्यथा बच्चे पूरा खाना नहीं खा पाएंगे।
- बच्चे को घर का खाना खाने की भी आदत डालें।
- खाने की प्लेट को कलरफुल बनाने के लिए पुलाव में कुछ सब्जियां मिला दें और इसके अलावा प्लेट में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दो से तीन चीजें अवश्य रखें।
- खाने से पहले बच्चे को स्नैक्स न खिलाएं, अन्यथा उसकी भूख खत्म हो जाएगी।
- बच्चे को प्लेट भर कर खाना न दें और उसे प्लेट में रखा सीमित मात्रा में सारा खाना खाने की आदत डालें, ताकि वो जूठा खाना न छोड़े।
- आप खुद भी बच्चों के सामने बाहर का खाना खाने से परहेज करें, ताकि बच्चा आपको देखकर घर के खाने को पसंद करें।
- बच्चों को लंच में चपाती और सब्जी के साथ फ्रूट बॉक्स अवश्य दें, जिसमें एक से दो तरीके के फल हो, ताकि बच्चे को भरपूर पोषण मिल सके।
- बच्चे को हेल्दी बनाने के चक्कर में घी, मक्खन और तली हुई चीजें अधिक मात्रा में न दें।