Types Of Silk Saree
Types Of Silk Saree

Types Of Silk Saree : साड़ी किसी भी महिला की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। देखा जाए तो साड़ी में कोई भी महिला किसी रूपवती स्त्री से कम नहीं लगती। क्योंकि इस पहनावे में हमारी भारतीय संस्कृति कूट-कूट कर भरी होती है। साड़ी   का चलन कभी ओल्ड फैशन में नहीं जाता। भारत में जितना इस परिधान को पसंद किया जाता है, उतना ही अब विदेशों में भी इस परिधान की मांग बढ़ गयी है। साड़ी भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। जो कई परम्पराओं के धागे मिलकर बुनी होती है। आज के समय में हमारे देश के हर राज्य में साड़ी की अनूठी पहचान बन गयी है। हमारे भारत में कम से कम 30 से भी ज्यादा प्रकारों की साड़ियां हैं, जो अपने आप में खास हैं। तो चलिए आज इस खास लेख के जरिये कुछ ऐसी साड़ियों के बारे में बताएंगे, जो अपने आप में खास हैं। भारत  में जितना इस परिधान को पसंद किया जाता है, उतना ही अब विदेशों में भी इस परिधान की मांग बढ़ गयी है।

1-अश्वली साड़ी

Types Of Silk Saree : भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी
Types Of Silk Saree

ये साड़ी गुजरात की फेमस साड़ी है। जसके रंग और कपड़ा अपने आप में एक खानी बुनते हैं। इस साड़ी में रंगीन रेशन और प्रकृति से जुड़ी डिजाइन से सुंदरता बढ़ाती है।लगभग 5 से 6 गज लम्बा यह परिधान मात्र एक लम्बे बिना सिले हुए कपड़े से निर्मित होता है। साड़ी को मुख्यतः चोली या ब्लाउज के ऊपर लपेटा जाता है।

2-बालुचारी साड़ी

रेशम से बनी इस साड़ी को बंगाल में तैयार किया जाता है। इसके आंचल में पौराणिक महाकाव्य के दृश्यों को अंकित किया गया है। जिसे चकोर धागे की कड़ाई से और भी खूबसूरत बनाया गया है। ये भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मशहूर हैं। इस तरह की साड़ी बनाने में कम से कम 7 दिन का समय लग ही जाता है।

Types Of Silk Saree :भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी
Types Of Silk Saree

3-बटिक साड़ी

ये साड़ी पश्चिम बंगाल में तैयार की जाती है। इस साड़ी को पारम्परिक शिल्प की मदद से बनाया जाता है। बटिक के कपड़े को मोम की लेयर के साथ रंगा जाता है। जिसकी डिजाइन आंखो को मोह लेती है।

Types Of Silk Saree : भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी
Types Of Silk Saree

4-बोम्काई साड़ी

ये साड़ी उड़िसा की पारम्परिक परिधान है। इस साड़ी को प्रकृति को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है। इसके आंचल में कई तरह की डिजाइन सजाई जाती हैं, जो सूती होती है। इस साड़ी को जाल तकनीक से तैयार किया जाता है।

5-चंदेरी साड़ी

 चंदेरी साड़ी का इतिहास लगभग 600 वर्ष पुराना है माना जाता है। शहर की पहचान ये साड़ी देखने में जितनी खूबसूरत, पहनने में उसे ज्यादा खूबसूरत लगती है। इसे शुद्ध रेशम, सूती और जरी से तैयार किया जाता है।चंदेरी में 35 सौ रुपए की साड़ी भी उपलब्ध है। साथ ही, 2 लाख 86 हजार तक की साड़ी चंदेरी में बनती है। एक साड़ी को पूरा होने में लगभग 2 से 3 दिन लगते हैं।

6-चिकन साड़ी

लखनऊ की पहचान लिए ये साड़ी पूरे यूपी की शान है। मलमल के कपड़े में चिकनकारी कई तरह के सूती और रंगीन धागों से कढ़ाई की जाती है। जो अपने आप में फैशनेबल है। 

Types Of Silk Saree : भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी
Types Of Silk Saree

7-धर्मावरम साड़ी

तमिलनाडु की पहचान रखने वाली ये साड़ी बुनकरों द्वारा इंटरलॉक वेट तकनीक की मदद से रेशम के धागे से बुनी जाती है।

8-सिल्क साड़ी

8.सिल्क साड़ी

असम की पहचान समेटे ये साड़ी रेशमी होती है। जिस रेशम के इस्तेमाल से इसे तैयार किया जाता है, वो उत्तर पूर्वी भारत में मिलता है। इस साड़ी की खासियत ही ये है कि ये रिश्म के कीड़े से निकलने वाले शुद्ध रेशम से बनाई जाती है।

9-गुंटूर साड़ी

9.गुंटूर साड़ी

कपास से बनी से साड़ी आंध्र प्रदेश की पहचान है। इन साड़ियों को बेहद नर्म पलते कपड़े के इस्तेमाल से बनाया जाता है। जिसमें बारीक धागों से काम किया जाता है। ये पहनने में काफी आरामदायक है।

10-कोरल साड़ी

कोरल साड़ी

ये साड़ी बंगाल की संस्कृति की पहचान है। इस साड़ी को गोरोड़ के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें सफेत या रेशम के कपड़े की शुद्धता के साथ तैयार किया जाता है।इस साड़ी को आम तौर अपर किसी असाधरण अवसर में पहनने के लिए चुना जाता है।

11-इल्कल साड़ी

11.इल्कल साड़ी

ये साड़ी कर्नाटक की पारम्परिक पोशाक है। इस साड़ी को शुद्ध सूती धागों से बुना जाता है। इस साड़ी के पल्लू में सांस्कृतिक कलाकृतियां दर्शायी जाती हैं।

12-जामदानी ढाकी साड़ी-

12.जामदानी ढाकी साड़ी-

इस साड़ी में बंगाल की प्राचीन बुनाई का अनोखा तालमेल देखने को मिलता है। जो सूती होती है। इसमें छोटी डिजाईन के साथ हाथ से बुने सुनहरे धागों की कढ़ाई और भी खूबसूरत बना देती है

13-कालमकारी साड़ी

ये साड़ी भी आंद्र प्रदेश की पहचान हैम जो सूती कपड़े में प्राकृतिक रंगों से तैयार की जाती है। इस साड़ी में भारतीय शिल्प कौशल के बारे में दिखाया गया है। ये कई रंगों में अपनी छटा बिखेरती है। इए कला की खासियत यही होती है कि, धोने के बाद ये कला और भी निखर कर आती है।

13.कालमकारी साड़ी–
सिल्क साड़ी

14-बलरामपुरी साड़ी

ऑफ वाइट और क्रीम रंग की ये साड़ी केरल की परम्परा की प्रतीक है। इसे महत्वपूर्ण अवसरों में पहना जा सकता है। 

15-कोटा साड़ी

5.कोटा साड़ी

इसे डोरिया साड़ी के नाम से भी जाना जाता है जो कोटा की परम्परा की प्रतीक है। इस साड़ी को सूती और रेशम के धागे का इस्तेमाल से बनाया गया है। गर्मियों में साड़ी काफी आरामदायक होती है।

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

भारतीय परिधानों की शान सिल्क साड़ी

16-लहरिया साड़ी

ये साड़ी लहरिया पैटर्न की है जो राजस्थान की परम्परा की प्रतीक है। ये काफी लोकप्रिय है। ये केवल रंगों से डिजाइन की जाती है।

17-मंगलगिरी साड़ी

ये साड़ी आंद्र प्रदेश के मंगलगिरी शहर में तैयार किया जाया है। ये सबसे ज्यादा टिकाऊ और  आरामदायक सूती कपड़े से बुनी होती है। इस साड़ी की विशेषता इसमें बनी आदिवासी डिजाईन है।

18-नारायणपेट साड़ी

तेलंगाना के फेमस साड़ी काफी लोकप्रिय है। इस साड़ी में हथकरघा उद्योग के पीछे एक ऐतिहासिक विरासत समेटे हुए है। ये साड़ी मराठा शैली से जुड़ी हुई है।

19-पटोला साड़ी

गुजरात की शान ये साड़ी शाही साड़ियों में गिनी जाती है। ये काफी महंगी होती है। इस साड़ी को रेशम के तंतुओं से तैयार किया जाता है। 

20-संबलपुरी साड़ी

ये साड़ी उड़ीसा के संबलपुर नाम के छोटे से गांव में पारंपरिक हस्तनिर्मित कढ़ाई करके तैयार किया जाता है। आप इस साड़ी को कभी भी कहीं भी आसानी से पहन सकती हैं।

21-तात साड़ी

ये साड़ी बंगाल में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। जो सूती धागों से बुनकर तैयार की जाती है। आप इसे रोजमर्रा में पहन सकती हैं। इसमें बेहतरीन कढ़ाई की गयी है। गर्मियों में इस साड़ी की डिमांड भी ज्यादा होती है।

22-बनारसी साड़ी

बनारसी सिल्क साड़ी बनारस में सबसे कीमती और जानी मानी साड़ी है। यह साड़ियां सोने की धागों से बनाई जाती है और बहुत महंगी भी होती है। शादी के अवसर पर दुल्हन का बनारसी साड़ी पहनना महत्वपूर्ण माना जाता है। बनारसी साड़ी पर जानवर, फूल- पत्ते तथा प्रकृति की कारीगरी मूल रूप से देखी जाती है। कारीगरों को एक बेहतर बनारसी सिल्क साड़ी बनाने के लिए 1 महीने का वक्त चाहिए ही होता है। 

23-कांचीपुरम साड़ी

कांचीपुरम साड़ी की विषम कारीगरी तथा उसका अद्भुत रंग उसे अन्य साड़ियों से अलग करता है। इस पारंपरिक साड़ी की कारीगरी में फूल, धारी, मंदिर, बता और चेक के कारीगरी होती है। कांचीपुरम साड़ी का पल्लू और बॉर्डर एक दूसरे से जुड़ा होता है। कांचीपुरम सिल्क साड़ी अपनी सुंदर कारीगरी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

24-बांधनी साड़ी

बंधनी सिल्क साड़ी राजस्थान और गुजरात में मूल रूप से पहनी जाती है। यह साड़ी पारंपरिक तरीके से काली डाई में रंग कर बनाई जाती है। इस साड़ी के अंतर्गत विभिन्न पैटर्न को अपनाया जाता है और सिल्क बांधनी साड़ी का निर्माण किया जाता है। 

25-थांचोई साड़ी

थांचोई सिल्क साड़ी का पल्लू अलग ही सुंदर ढंग दर्शाता है। इस साड़ी की कारीगरी में फूलों का डिजाइन महत्वपूर्ण रूप से होता है। इस सिल्क साड़ी का अपना कोई बॉर्डर नहीं होता है परंतु इसका बॉर्डर बनारस की साड़ियों से मिलता जुलता है तथा यह साड़ियां बनारस में ही बनाई जाती है। 

26-पाथनी साड़ी

पाथनी सिल्क साड़ी भी अपने सुंदर रंग रूप के लिए जानी मानी जाती है तथा इसकी कीमत भी ज्यादा होती है। पाथनी साड़ी सिल्क और मेटल से बनती है। इस सिल्क साड़ी को बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है जिसके लिए प्राकृतिक स्रोत जैसे फूल, पत्ते, मिट्टी आदि को प्रयोग में लाया जाता है। यह सिल्क साड़ियां काफी कीमती तथा प्रतिष्ठित मानी जाती है क्योंकि यह शुद्ध सिल्क से तथा मेटल से बनी होती है। 

ये कुछ ऐसी साड़ियां हैं जो अपने राज्य की संस्कृति और परम्परा का प्रतीक हैं। ये साड़ियां दिखने में जितनी खूबसूरत होती हैं, ये पहनने में उतनी ही आरामदायक और आकर्षित दिखती है। राज्य कोई भी हो, आप इस में से किसी भी साड़ी का चुनाव कर अपनी खूबसूरती में चार चाँद लगा सकती हैं।

अब बात करते हैं साड़ी के पहनने के तरीके की

कहते हैं महिलाओं की खूबसूरती तब और भी निखर जाती है, जब वो साड़ी पहनती हैं। साड़ी एक ऐसा पहनावा है जो पूरे देश की संस्कृति को समेटे हुए है। जितनी तरह की साड़ियां उतनी ही तरह इसे पहनने का तरीका भी साड़ी में चार-चांद लगा देता है।   

साड़ी पहनना किसे पसंद नहीं होता। साड़ी देखने में जितनी सुंदर होती है पहनने में उतनी ही खूबसूरत लगती है। महिलाएं साड़ी में दुनिया की सबसे खूबसूरत स्त्रियों में से एक लगती है यह हमारी भारत की संस्कृति को भी दर्शाती है। साड़ी एक ऐसा पहनावा है जिसे ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। हालांकि आजकल बाजार में साड़ियों की कई तरह की वैरायटी आ गई है। कई लड़कियां और महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हे साड़ियां पसंद तो होती है लेकिन उन्हें साड़ी पहनने का सही तरीका नहीं पता होता। तो जानिए कुछ प्रसिद्ध साड़ी को पहनने का सही तरीका ।

1. साड़ी के बारे में बुनियादी जानकारी– शायद ही कोई महिला होगी जिन्हें साड़ी पसंद ना हो। हां वो बात अलग है कि महिलाएं पहनने से जरुर पहरेज करें। अगर आप रेशम की साड़ी चुन रही हैं, तो आपको इसकी जानकारी भी होनी चाहिए। इस मामले में आपकी दादी और नानी ज्यादा बेहतर सलाह आपको दे सकती हैं। वो आपको असली और नकली में फर्क भी बता सकती हैं।

वही पहनें जो शरीर को भाए–  साड़ी का चुनाव करते समय आप उसी साड़ी को चुनें तो आपके शरीर की बनावट पर फबे। ज्यादा वजन वाली महिलाओं हल्के कपड़े की साड़ी पहननी चाहिए। वहीं आप हल्के वजन की हैं तो गहरे रंग और मोटे कपड़े की साड़ी का चुनाव कर सकती हैं।

ड्रेप डेमोंसट्रेशन– आप जब भी साड़ी खरीदने जाएं आप इस बात को लेकर बिलकुल भी शर्मिंदगी महसूस ना करें कि आप साड़ी का ड्रेप डेमोंसट्रेशन देखना चाहती हैं। कभी कभी साड़ी देखने में जितनी खुबसूरत लगती है, लेकिन पहनने में नहीं लगती। आप दुकानदार से किसी डमी को साड़ी पहनाने की शिफारिश करें। आपको साड़ी खरीदने में आसानी होगी।

2. कांजीवरम की कैसे हो स्टाइलिंग– कांजीवरम साड़ी को पहनना सूती साड़ी पहनने के मुकाबले मुश्किल हो सकता है। साड़ी को पहनने में हम कई चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। आप जब भी साड़ी पहनें तो जितना इसके तरीके पर ध्यान दे रहीं है उतना ही ध्यान इस बात पर भी दें कि आप बिंदी, काजल,गजरा, हल्का मेकअप करें। ताकि आप इस लुक पर और निखरकर आएं।

3. कैसे पहनें महाराष्ट्रीयन साड़ी– हमारे देश में जितने ज्यादा राज्य उससे कहीं ज्यादा गांव हैं। जहां साड़ी पहनने के तरीके अलग-अलग हैं। और इसी अलग थलग शैली के साथ साड़ी के लुक पर चार-चांद लगा सकती है। अगर आप महाराष्ट्रियन शैली की साड़ी को पहनना चाहती हैं, तो इसे पहनने के लिए आपको किसी भी तरह के अंडरस्कर्ट पहनने की जरूरत नहीं होती है। आप इसके नीचे शॉर्ट्स पहन सकती हैं। इसे कैसे पहनना है ये भी जान लेते हैं।

पहला चरण-साड़ी के आधे बंधे हुए हिस्से को अपने दाईं ओर से उपर की ओर उठाएं और पांच से छह प्लेट बनाना शुरू करें। अब बीच की कमर में बायीं तरफ सामने की प्लेट को टक कर दें।

दूसरा चरण– साड़ी के पल्लू को पकड़ें और चार से पांच प्लेट बनाएं। आगे से लुक देने के लिए पल्ले को टक कर दें। फिर पल्लू को सामने की ओर से लाते हुए बाएं कंधे पर रखकर सेफ्टीपिन लगा लें। आपका महाराष्ट्रियन लुक तैयार है।

4. कैसे पहनें बंगाली साड़ी-  देखने में जितनी कठिन पहनने में उतनी ही आसान है बंगाली साड़ी। जी हां इसे पहनने के चरण हम आपको बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बंगाली साड़ी को आसानी से पहन सकेंगी।

पहला चरण– साड़ी का एक हिस्सा लेकर अपने कूल्हों के दाहिने ओर से तक करना शुरू करें। इस बात का ख्याल रखें कि साड़ी आपके चारों ओर नाभि के पास से सामने की ओर आनी चाहिए। अप साड़ी को चारों ओर से तक करें। 

दूसरा चरण– साड़ी को एक बार शरीर में घुमाने के बाद अपनी नाभि के पास रखें। साड़ी का उल्टा भाग आगे की ओर दिखाई देना चाहिए। फिर साड़ी को एक बार फिर सर कूल्हों की तरफ ले जाकर टक कर दें। आखिर में प्लेट बनाकर सामने की ओर से कवर करें।

तीसरा चरण– आखिर में बाकी बची हुई साड़ी को पल्लू की तरफ से प्लेट बनाना शुरू करें। और उसे बाएं कंधे के पार ले जाएं। ये थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यह सुनिश्चित कीजिये कि  शरीर का अगला भाग अच्छी तरह से लिपटा हो। और उससे सेफ्टीपिन से टक कर लें।

5. कैसे पहनें केरला साड़ी- केरला साड़ी पहनने में काफी खूबसूरत और आकर्षित दिखती है। इसे पहनना आसान है। आइये जानते हैं , कैसे केरला साड़ी पहन सकती हैं।

पहला चरण– साड़ी के निचले हिस्से को कमर के दाई ओर टक करें। आप इस बात का ख्याल रखें की साड़ी का बायां हिस्सा चौड़ा हो। आप इस तरह से साड़ी के पल्ले को सामने की ओर झुकाएं । कोशिश करें कि साड़ी कसी ना हो, वरना वो पूरा लुक खराब कर सकती है।

दूसरा चरण–  साड़ी के शीर्ष को पकड़ें और एक छोर से उसे गिराना शुरू करें। उसके बाद बाएं कंधे पर प्लेट का कपड़ा रखें, जिससे घुटनों ने नीचे पल्लू की लम्बाई पता चल सके। और उसे कंधें पर पिनअप कर लें।

तीसरा चरण– जो भी लंबाई बची है, उसका एक तरफ का कोना अपने हाथों में पकड़कर उस कोने को दाहिनी तरफ नीचे की ओर ले जाते हुए पीछे से टक कर लें। और टक करते करते उसे कंधे पर सेट कर लें। आपका केरला लुक तैयार है।

तो ये साड़ी पहनने के कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनकी मदद से आप अपनी मनपसंद स्टाइल की साड़ी को बड़ी ही सरलता से पहन सकती हैं। आप साड़ी पहनते समय बस थोड़ा धैर्य रखें, इससे आपका लुक और भी निखरकर सामने आएगा। अगर आप भी साड़ी पहनना चाहती हैं, तो हमारी बताई हुई किसी भी स्टाइल को पिक कर सकती हैं।

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