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खूबसूरत बनारसी साड़ियों का इतिहास जानिए

ऐसा कहा जाता है कि, कपड़े बुनने की ऐसी कला भारत में मुगल बादशाहों के आने के साथ ही आई थी।

Banarasi Silk Saree: भारत में महिलाओं के पारंपरिक पहनावे की बात करें, तो सबसे पहले साड़ी का नाम जुबान पर आता है। साड़ी एक ऐसा पहनावा जो इस देश की परंपरा और सादगी को दर्शाता है। साड़ी में महिला जितनी खूबसूरत लगती है, वो शायद ही किसी और परिधान में लगती है। अब बात करें महिलाओं की पसंद की, तो आज भी ज्यादातर महिलाओं की पहली पसंद बनारसी साड़ी है। बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस से लेकर आम महिलाओं तक सभी के पास साड़ियों का एक खास सेक्शन बनारसी साड़ियों का तो होता ही है। उस पर की गए खूबसूरत कारीगरी और गोटा पत्ती का काम किसी भी महिला को उसका दीवाना बना दे। हालांकि आजकल बनारसी साड़ी को बनाने की कला विलुप्त सी हो रही है, उसकी बड़ी वजह उसे बनाने में लगने वाली कड़ी मेहनत और कारीगरों को मेहनताना कम, जिसकी वजह से इसे बनाने वाले कारीगर कम होते जा रहे है। लेकिन इन साड़ियों के कद्रदान आज ही बड़ी संख्या है। आखिर क्यों आज भी महिलाओं की पहली पसंद है बनारसी साड़ी जानते है इस आर्टिकल के जरिए।

क्या होती है बनारसी साड़ी ?फैशन

रेशम की साड़ी पर बुनाई के साथ जरी के डिज़ाइन को मिलाकर बुनने से तैयार होने वाली सुंदर रेशमी साड़ी को बनारसी साड़ी कहते है। पहले इसमे शुद्ध सोने की जरी का प्रयोग होता था, लेकिन समय के साथ सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से अब इनमे नकली चमकदार जरी का प्रयोग किया जाता है। इसमे कई तरह के डिज़ाइन बनाये जाते है जिन्हे ‘ मोटिफ़ ‘ कहते है। जैसे बूटी, बूटा, कोनिया, बेल, जाल, जंगला और, झालर। इस साड़ी को महिलाएं विवाह या किसी शुभ अवसर पर पहनती है।

बनारसी साड़ी का इतिहासफैशन

बनारसी साड़ी का इतिहास बहुत ही पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि, कपड़े बुनने की ऐसी कला भारत में मुगल बादशाहों के आने के साथ ही आई थी। पटका, शेरवानी, पगड़ी, साफा, दुपट्टे, पलंग की चद्दर, मसन्द् आदि बनाने में इस कला का प्रयोग किया जाता था। भारतीय संस्कृति में शुरू से ही साड़ियों का प्रचलन अधिक रहा है। मुगल बादशाहों के साथ ईरान, इराक, आदि से आये हथकरघा के कारीगरों ने विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन्स को साड़ियों में डाला था। बनारसी साड़ी बनाने वाले ज्यादातर कारीगर मुस्लिम होते है। आज तक यही परंपरा चलती आ रही है। इस साड़ी को बनाने में कच्चा माल बनारस से आता है, इसलिए इसे बनारसी साड़ी कहते है।

नया चलनफैशन

इस साड़ी को पहले जहां महिलाएं सिर्फ शादी विवाह में ही पहनती थी, लेकिन हल्के रेशम के धागों से बुनी गई ये साड़ियां अब महिलाएं ऑफिस में भी पहन रही है। इसे दिन के समय भी पहन सकते क्योंकि इसकी चमक इतनी तेज नहीं होती। आप इसे ऑफिस, मीटिंग और कॉन्फ्रेस में भी पहन सकती है।

हल्के रंग और सुंदर बॉर्डर देते हैं शानदार लुकफैशन

अगर आप ऑफिस के लिए साड़ी का सिलेक्शन कर रहे हैं, तो हल्के रंग का इस्तेमाल करें जैसे बेबी पिंक आसमानी नीला, पेस्टल रंगों का इस्तेमाल करें। इन रंगों की साड़ियां आपको शानदार लुक देंगी। आप हल्की कढ़ाई वाली साड़ी भी चुन सकती है। बॉर्डर वाली हल्के रंग डिज़ाइन की साड़ी आपके फॉर्मल लुक को कम्प्लीट करती हैं।
 

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