बच्चे को जबरदस्ती खाना खिलाना प्यार नहीं सजा है, इसके हैं कई बड़े नुकसान: Force Feeding Effects
Force Feeding Effects

Overview:

कई माता-पिता को तो ये समय किसी युद्ध के जैसा लगने लगता है। लेकिन बच्चों के लिए भी यही स्थिति होती है। दरअसल, पेरेंट्स खाने को प्यार से जोड़कर देखते हैं।

Force Feeding Effects: आपने अक्सर देखा होगा कि पेरेंट्स बच्चों को खाना खिलाने के लिए कई जतन करते हैं। वे बच्चे को एक-एक निवाला खिलाने के लिए कई घंटे मेहनत करते हैं। ऐसे में कई माता-पिता को तो ये समय किसी युद्ध के जैसा लगने लगता है। लेकिन बच्चों के लिए भी यही स्थिति होती है। दरअसल, पेरेंट्स खाने को प्यार से जोड़कर देखते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे को ज्यादा खिलाना उनकी जरूरत भी है और प्यार भी। लेकिन माता-पिता की यह कोशिश कितनी सही हैं, यह जानना आपके लिए जरूरी है।  

 Force Feeding Effects
When you force-feed your child, this time becomes very difficult not only for you but also for the child.

जब आप बच्चे को जबरदस्ती खाना खिलाते हैं तो यह समय सिर्फ आपके लिए ही नहीं बच्चे के लिए भी काफी मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में बच्चे भोजन का पूरा स्वाद और आनंद नहीं ले पाते हैं। जिसके कारण कई बार उन्हें पूरा पोषण भी नहीं मिल पाता है। ऐसे में बच्चे नेगेटिव महसूस करने लगते हैं।

बच्चों को जब भूख लगती है तो वह खुद खाना मांगते हैं। यह गुण बच्चों में जन्मजात होता है। नवजात शिशु भी भूख लगने पर रोकर दूध मांग लेता है। लेकिन जब आप बच्चे को अपने समय के अनुसार जबरदस्ती खाना खिलाने लगते हैं तो उसका नेचुरल सिस्टम प्रभावित हो जाता है। उसका भूख से कंट्रोल हट जाता है और वह भूख महसूस नहीं कर पाते। कई बार बच्चे पेट भरने का संकेत महसूस करना भी बंद कर देते हैं और ओवर ईटिंग का शिकार हो जाते हैं। आगे चलकर ऐसे बच्चों का वजन बढ़ने लगता है। कई बच्चों को एनोरेक्सिया या बुलिमिया जैसे खाने के विकार भी हो सकते हैं।  

भोजन का समय किसी भी परिवार के लिए बहुत अहम होता है। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर खुशियां और दिनभर की बातें शेयर करते हैं। लेकिन इस दौरान जब आप बच्चे को जबरदस्ती भोजन करवाते हैं तो यह समय संघर्ष और निराशा में बदल जाता है। ऐसे में पूरे घर में तनाव का माहौल बन जाता है। धीरे-धीरे इससे पेरेंट्स और बच्चों का बॉन्ड भी प्रभावित होता है।  

यह जरूरी नहीं है कि जो भोजन आपको पसंद है, वो बच्चों को भी पसंद हो। अगर आप दोनों का टेस्ट एक जैसा नहीं है तो इसमें कोई गलत बात नहीं हैं। लेकिन यदि आप हमेशा ही बच्चे को अपनी पसंद का खाना खाने के लिए बाध्य करेंगे तो उसकी खाने में रुचि कम हो सकती है। यह समस्या उसे जिंदगीभर परेशान कर सकती है।

जब बच्चे लगातार माता-पिता के प्रेशर में जबरदस्ती भोजन करते हैं तो अंदर ही अंदर उनका कॉन्फिडेंस कम होने लगता है। उन्हें लगता है कि किसी को उनकी भावनाओं की कद्र नहीं है। इससे बच्चे काफी दुखी भी होते हैं। इसलिए खाने का जंग न बनाएं। ध्यान रखें बच्चे को भूख लगने पर वह खुद खाना खाएगा। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...